कवर स्टोरी

कैसे जंग के दौरान कम लागत में खतरनाक हथियार साबित हो रहा है 'साइबर अटैक'?
ऑपरेशन सिंदूर से पहले और उसके दौरान, पाकिस्तान सहित अन्य देशों के हैकरों ने देश के उच्च सुरक्षा क्षेत्र (हाई सिक्योरिटी जोन) के साइबर स्पेस में कई बार घुसपैठ करने का प्रयास किया

क्यों अदाणी के करियर का सबसे बड़ा दांव है धारावी?
दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती को नई शक्ल दे पाएंगे? इससे अदाणी को 84,000 करोड़ रुपए का मुनाफा हो सकता है

पायलटों की कमी, बुढ़ाता बेड़ा; आखिर कैसे सुधरेगा एयर इंडिया?
अहमदाबाद हादसे ने एयर इंडिया की सुरक्षा, स्टाफिंग और सिस्टम में मौजूद खामियां उजागर कर दी है. टाटा समूह की इस एयरलाइन को दोबारा लोगों का भरोसा हासिल करने के लिए अब आखिर क्या करना होगा?

शुभांशु शुक्ल के अंतरिक्ष दौरे से भारत के स्पेस मिशन को कैसे मिली ताकत?
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ल के सफर का साफ संकेत है कि अंतरिक्ष की संभावनाओं को खंगालने के लिए अग्रणी देशों की कतार में शामिल होने की भारत की महत्वाकांक्षाएं बढ़ीं है

क्या सच में रुक गया है इज्राएल-ईरान वाॅर?
24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इज्राएल जंग के सीजफायर की घोषणा कर दी. लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी ट्रंप की वाहवाही करना जल्दबाजी होगा. क्योंकि खतरा पूरी तरह नहीं टला और ये भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.

इज्राएल-ईरान युद्ध : संघर्ष विराम कितना मजबूत?
बंकर बस्टर बम बरसाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति पश्चिम एशिया में एटमी तनाव कम न कर सकेगी. आखिर क्यों?

इंडिया टुडे-एमडीआरए सर्वे 2025: कौन हैं देश के बेस्ट कॉलेज?
इंडिया टुडे-एमडीआरए सर्वे 2025 बताता है कि देश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की बयार हुई तेज, नए कॉलेज अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की चुनौती से निबटने के लिए पूरे दमखम से जुटे

प्लास्टिक का कचरा फैलाने में भारत अव्वल! सेहत के लिए यह कितना खतरनाक?
भारत प्लास्टिक से प्रदूषण फैलाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बना. हमारी सेहत के लिए इसके क्या हैं मायने; और फिर इसे दुरुस्त करने के उपाय क्या हैं

क्या ट्रंप सरकार की पाबंदियों ने भारतीय छात्रों के सपनों पर लगाया पूर्णविराम?
अमेरिकी पढ़ाई के इर्द-गिर्द अपने भविष्य की शिद्दत से योजना बनाने वाले भारतीय छात्रों का सपना अब ट्रंप सरकार की नीतियों में अपारदर्शी और अजीबोगरीब बदलाव के माहौल में टूटने-बिखरने लगा है.

व्यूज से लेकर सब्सक्राइबर्स तक, क्या है कंटेंट क्रिएटरों की कमाई की दुनिया?
डिजिटल किस्सागो और इन्फ्लूएंसरों की उछाल लेती दुनिया ने अपने शौक और जुनून को देश भर में ऑनलाइन कमाई का जरिया बनाया

एटमी जंग के कितने करीब हैं भारत-पाकिस्तान?
अगर कोई भी देश हिरोशिमा में इस्तेमाल किए गए 15-किलोटन सरीखा एटमी हथियार मुंबई या कराची पर दागता है, तो विशेषज्ञों का कहना है कि मरने वालों की तादाद दस लाख से ज्यादा हो सकती है

चार दिन की जंग के बाद क्या है भारत-पाक के बीच खतरे का नया निशान?
संघर्ष विराम और शांति अस्थिर बनी हुई, भारत ने पाकिस्तान की आतंकवाद की सरपरस्ती के खिलाफ सख्त नीति को 'न्यू नॉर्मल’ बनाया और पाकिस्तान अगर बाज नहीं आया तो भारत विनाशकारी जवाबी कार्रवाई फिर शुरू करेगा

ऑपरेशन सिंदूर कैसे भारत-पाक के बीच एक पूरा युद्ध बनते-बनते रह गया?
पाकिस्तान का खतरनाक दांव और क्या है उससे निबटने के हमारे उपाय

आसिम मुनीर के 'जिहादी जनरल' बनने की कहानी
पाकिस्तानी फौज के सर्वशक्तिमान मुखिया आसिम मुनीर यकीनन हल्के में लिए जाने वाले शख्स तो बिल्कुल नहीं. मगर पहलगाम आतंकी हमले के जरिए शायद वे अपनी सीमाओं को लांघ गए

पहलगाम हमला: इस हैवानियत की सजा क्या?
कूटनीतिक आक्रामक पहल के बाद कुछ कठोर सामरिक विकल्प जिन्हें आजमा सकता है भारत

लालफीताशाही: हजारों नियम कैसे तोड़ रहे देसी कंपनियों का दम!
देश को उद्योग जगत के गले का फंदा—नियम-कायदों के पालन के झंझट-झमेलों को घटाना होगा. इसके साथ ही सही मायने में कारोबारी सहूलियत का माहौल बनाना होगा, ताकि व्यापार में किसी तरह की उथल-पुथल को झेलने की खातिर हमारी कंपनियां अधिक प्रतिस्पर्धी और काबिल बन सकें

ट्रंप का टैरिफ भारत के लिए कितनी बड़ी आफत?
अमेरिका के भारी-भरकम टैरिफ थोपने से भारत का निर्यात बाजार हुआ बेदम. ऑटो तथा ऑटो कल-पुर्जे और इंजीनियरिंग सामान जैसे अहम क्षेत्रों को भारी झटका लगा. क्या भारतीय कंपनियां इस आपदा को अवसर में बदल पाएंगी?

फिर शुरू हुई रंगभेद पर बहस, कहां खड़ा है भारतीय समाज?
गोरे बनाम काले की बहस फिर हुई तेज. इसने चमड़ी के रंग को लेकर भारतीय समाज में चले आ रहे पूर्वाग्रह की परतों को उघाड़कर रख दिया

हिंदुत्व की 'हिफाजत' के लिए कैसे इतिहास बना हथियार?
औरंगजेब की विवादास्पद विरासत पर महाराष्ट्र में भड़की हिंसा और उग्र बहसों की लपटें तो हिंदुत्व के पैरोकारों की अपनी धारणा के मुताबिक इतिहास की गलतियों को दुरुस्त करने की कोशिश की ताजा मिसाल भर

GDB सर्वे : भारतीयों की कथनी-करनी का लेखा-जोखा
इंडिया टुडे के हालिया GDB (सकल घरेलू व्यवहार) सर्वे के नतीजे बताते हैं कि ज्यादातर भारतीयों की कथनी-करनी में जमीन आसमान का अंतर है. जैसे 85 फीसद लोग बस-ट्रेन में बिना टिकट सफर को गलत मानते हैं लेकिन भारतीय रेलवे में ही 2023-24 में बिना टिकट यात्रा के 3.6 करोड़ मामले दर्ज हुए