Opinion

अर्थातः भविष्य का भविष्य
नए भारत को गर्व से कंधे पर लेकर चलने वाले मध्य वर्ग को सिकोड़ने से रोकना होगा.

शर्म अल-शेख के चार बड़े सबक
जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने की दिशा में अब चीन और भारत जैसे देशों को अपनी जिम्मेदारियां टालना मुश्किल होगा. इन देशों के ऊपर दबाव होगा कि वे जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए ज्यादा से ज्यादा योगदान दें

‘‘ऐसी चीजें सीखीं जो किताबों में नहीं मिलतीं’’
गुरुग्राम के एमडीआइ संस्थान में जिंदगी न केवल बौद्धिक रूप से उत्तेजक बल्कि नए अनुभवों की खिड़की भी है.

‘‘वहां सीखी व्यापक हित में काम करने...
एक्सएलआरआइ बतौर संस्थान और वहां के विश्वस्तरीय शिक्षकों ने छात्रों के जीवन में अमिट छाप छोड़ी.

‘‘यहां की पढ़ाई ने पोस्ट-ट्रूथ के दौर में...
जमशेदपुर में 1949 में स्थापित इस मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से पढ़कर निकले कई लोग वैश्विक करियर की तलाश में निकल पड़े.

‘‘आइआइएम-ए में मैंने जो कुछ भी सीखा,...
नवाचारों में सबक, लीक से हटकर सोच और तर्कसंगत रणनीति बनाने से छात्र विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनते हैं.

‘‘आइआइएम-ए में ही मैं पहली बार...
पहले साल के खराब ग्रेड से लेकर प्रोडक्शन डिजाइन में टॉप पर आने तक. साथ ही, थोड़ा धरना प्रदर्शन भी तो किया था.

‘‘आइआइएम-बैंगलोर अपने छात्रों को वैश्विक...
संकाय और पूर्व छात्रों की कामयाबी की कहानियां दिखाती हैं कि संस्थान किस तरह देश की सेवा में सर्वांगीण मिशन से जुटा है.

‘’एसपीजेआइएमआर ने मुझे...
मुंबई स्थित एसपीजेएमआइआर उन गिने-चुने संस्थानों में से है जिसके शिक्षण-प्रशिक्षण में समाज के प्रति संवेदनशील बनने की अवधारणा को स्थाई बनाने पर लगातार ध्यान दिया जाता है.

‘‘आइआइएम-सी में मैंने सीखा तनाव से कैसे निपटें...
सीखने की मुक्त संस्कृति, पढ़ाई और मौज-मस्ती का संतुलन और कोलकाता की सांस्कृतिक विविधता आइआइएम-सी की ताजा स्मृतियां हैं.

‘‘आइआइएम-ए ने मुझे दूसरों की बात सुनने...
केस स्टडी शैक्षणिक पद्धति के साथ कक्षा में भागीदारी पर जोर देना अपने समय के हिसाब से क्रांतिकारी रहा.

‘‘आइआइएम-सी की शिक्षा पद्धतियों से
देश की कोविड नीति दूसरे देशों से ‘सकारात्मक ढंग से अलग’ थी. मौजूदा आर्थिक स्थिति से जाहिर होता है कि वह कामयाब थी.

‘‘आइआइएम-ए में कइयों के ईगो
लोकतांत्रिक तरीके से मिल-जुलकर संचालन, आम राय से फैसले और बारी-बारी से अहम पदों की जिम्मेदारी संकाय की खासियतें हैं.

विदेश नीति में भारत को चाहिए निरंतरता
एफटीए का मामला तो संतोषजनक ढंग से आगे बढ़ रहा है, मगर आप्रवासन और नागरिकों की आवाजाही के मामलों का समाधान जल्दी और दोनों पक्षों की संतुष्टि के साथ करने की दरकार.

सफर 10, डाउनिंग स्ट्रीट तक का:
2018 से जुलाई 2019 तक आवास और स्थानीय निकाय मंत्रालय में पॉर्लियामेंटरी प्राइवेट सेक्रेटरी थे. जुलाई, 2019 से फरवरी, 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव थे और फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वित्त मंत्री बनाया.

‘‘वे झूठे हैं जो कहते हैं कि उन जैसा नहीं बनना चाहते’’
नाम, शोहरत, दौलत जैसी जिन बातों को हम सफल करियर का स्वरूप मानते हैं, सब कुछ वे बहुत पहले हासिल कर चुके हैं. अब, वे अपने जन्म को अर्थपूर्ण बना रहे है.

‘‘वे वन-मैन आर्मी हैं, हिंदी सिनेमा के...
बिग बी को डायरेक्ट करना किसी के लिए भी सपने जैसा है. वे ठीक समय पर सेट पर पहुंच जाते हैं, उन्हें अपनी लाइंस पता होती हैं, वे तब तक सेट नहीं छोड़ते जब तक कि शिफ्ट पूरी नहीं हो जाती है.

‘‘हे, रॉकस्टार!’’
बदला (2019) के दौरान, वे मुझे चिढ़ाते हुए कहते थे, ''मोहतरमा, आप थोड़ा-सा तो रिहर्सल कर लीजिए मेरे साथ.

‘‘ऐंकरिंग में माहिर विरले सिने-अभिनेता’’
वे जन्मदिन के जश्न से कुछ झिझकते हैं. मैं बस यही कहकर खत्म करना चाहूंगा कि ''प्रणाम सर, स्नेह और सम्मान के साथ, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं!’’

‘‘मानो कोई अनुशासन की संस्था हो’’
खुदा गवाह है! वक्त की पाबंदी, पेशेवाराना रवैया, अनुशासन, सभी की परिभाषा अमिताभ से निकलती है.
