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सफर 10, डाउनिंग स्ट्रीट तक का: आंखें अगर मिली हैं तो फिर ख्वाब देखिए

2018 से जुलाई 2019 तक आवास और स्थानीय निकाय मंत्रालय में पॉर्लियामेंटरी प्राइवेट सेक्रेटरी थे. जुलाई, 2019 से फरवरी, 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव थे और फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वित्त मंत्री बनाया.

फैमिली मैन सुनक अपनी पत्नी अक्षता और बेटियों अनुष्का तथा कृष्णा के साथ
फैमिली मैन सुनक अपनी पत्नी अक्षता और बेटियों अनुष्का तथा कृष्णा के साथ
अपडेटेड 5 नवंबर , 2022

यकीनन ब्रिटेन के राजनैतिक इतिहास में सबसे उथल-पुथल भरे दौर में, ऋषि सुनक का हाउस ऑफ कॉमन्स में पिछली बेंच पर बैठने का वक्त तकरीबन छह हफ्ते ही रहा. ब्रिटेन की सबसे छोटी अवधि की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कुर्सी खाली कर दी, तो 42 वर्ष के सुनक करीब 200 साल के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने.

हालांकि, उनके नाम दूसरी उपलब्धियां भी हैं, लेकिन सब इस ऐतिहासिक उपलब्धि के आगे फीकी पड़ गईं कि वे ब्रिटेन के पहले अश्वेत, एशियाई मूल के प्रधानमंत्री हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के ऊपरी पांत में उनकी पहुंच कुछ अजीब तरीके से सहज रही है. 

पंजाबी मूल के सुनक का जन्म 1980 में साउथैंप्टन में एनएचएस डॉक्टर यशवीर और फार्मासिस्ट उषा सुनक के घर हुआ था, जिनका जन्म तो पूर्वी अफ्रीका में हुआ था लेकिन साठ के दशक में ब्रिटेन में आ बसे थे. सुनक के दादा रामदास सुनक एकाउंटेंट थे और बंटवारे के पहले के पंजाब के गुजरांवाला से केन्या चले गए थे. उनके नाना रघुवीर बेरी पंजाब से तंजानिया चले गए थे और रेलवे में इंजीनियर थे.

बेरी अपने परिवार के साथ साठ के दशक के मध्य में ब्रिटेन में आ बसे. यशवीर और उषा ब्रिटेन में ही मिले और 1977 में विवाह बंधन में बंध गए. सुनक परिवार चाहता था कि उनके तीनों बच्चे अच्छी शिक्षा पाएं. ऋषि का नाम वहां के सबसे नामचीन स्कूल विनचेस्टर कॉलेज में लिखाया गया. फिर, वे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पहुंचे, जो कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं की जन्मस्थली की तरह मानी जाती है.

वहां उन्होंने दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. पहले के कई इंटरव्यू में बता चुके हैं कि उन्हें इन दो शिक्षा संस्थानों में भेजने के लिए उनके मां-बाप ने कितना त्याग किया, जिससे उनके करियर को जल्दी उठान मिला. उन्होंने यह भी बताया है कि वे स्टार वार्स के फैन, साउथैंप्टन फुटबॉल क्लब के पक्के समर्थक, शाकाहारी और हर तरह के नशे-पानी से दूर रहने वाले इनसान हैं.

भूरे टोरी

फुलब्राइट स्कॉलरशिप पर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए की पढ़ाई करते वक्त सुनक की भेंट अक्षता मूर्ति से हुई, जो इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति और दानदाता सुधा मूर्ति की बेटी हैं. दोनों की शादी अगस्त 2009 में हुई और उनकी दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं. शादी में बेंगलूरू के सेलेब्रिटी तो पहुंचे थे लेकिन आयोजन तड़क-भड़क से दूर था. सुनक ने 2001 से 2004 तक गोल्डमैन सैक्स में काम किया और उसके बाद दो हेज फंड में पार्टनर रहे. उनका राजनैतिक करियर बड़ी चमक के साथ शुरू हुआ.

2015 के चुनावों में रिचमंड के सुरक्षित कंजर्वेटिव सीट के उम्मीदवार चुने गए सुनक ने जीत हासिल की. ब्रेग्जिट के उत्साही पैरोकार सुनक 2017 में सुर्खियों में चढ़ने लगे. तब उन्हें कारोबार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति विभाग में संसदीय निजी सचिव बनाया गया था. वे जनवरी, 2018 से जुलाई 2019 तक आवास और स्थानीय निकाय मंत्रालय में पॉर्लियामेंटरी प्राइवेट सेक्रेटरी थे. जुलाई, 2019 से फरवरी, 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव थे और फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वित्त मंत्री बनाया.

जुलाई, 2022 में इस्तीफा देने तक वे इसी पद पर रहे. कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्होंने फर्लो भुगतान और रेस्तरां के लिए 'ईट आउट टु हेल्प आउट‘ योजना चलाई. 2022 में जॉनसन कई घोटालों में घिर गए. सबसे चर्चित 'पार्टीगेट’ विवाद है, जिसमें जॉनसन सख्त लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट पर एक जमावड़े के बारे में झूठ बोलते पकड़े गए थे (सुनक ने बाद में कबूला कि 2020 में एक जमावड़े में वे मौजूद थे).

जीवनयापन का खर्च बढ़ने के संकट से आम लोगों में बढ़ती नाराजगी और एमपी क्रिस पिंचर के यौन दुर्व्यवहार के नए घोटाले के बाद जॉनसन के लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बने रहना मुश्किल हो गया. जुलाई के शुरू में, सरकार से करीब 50 लोगों ने इस्तीफा दे दिया, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद और सुनक भी शामिल थे.

जॉनसन की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप सुनक के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भारी पड़ा था. हालांकि एक महीने बाद उन्होंने उसका खंडन किया. दौड़ में पूर्व विदेश मंत्री लिज ट्रस और सुनक दोनों की महंगाई और ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से बढ़े रोजमर्रा के खर्चों के संकट से निबटने के लिए अलग-अलग योजनाएं थीं.

ट्रस ने अमीरों के टैक्स में कटौती के जरिए 'ट्रिकलडाउन’ (नीचे रिसना) सिद्धांत की योजना बनाई थी तो सुनक की दलील पहले महंगाई से निबटने की थी. ट्रस जीत गईं और जैसे ही उन्होंने अपना आर्थिक एजेंडा आगे बढ़ाना शुरू किया, बाजार में उथल-पुथल मच गया. भारी गिरावट से सुनक की भविष्यवाणी लोगों को याद आई कि बेहिसाब टैक्स कटौती और खर्च में बढ़ोतरी की ट्रस की योजना विनाशकारी होगी. कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने सुनक का समर्थन किया.

पिछले कुछ दिनों से सुनक के भारतीय मूल और नस्लवाद से पीड़ित होने की अटकलों पर काफी लिखा गया है, जिसके लिए शुरू में उन्हें नाराजगी भी झेलनी पड़ी. सुनक की शानो-शौकत वाली जीवन-शैली और अक्षता मूर्ति की समृद्ध विरासत (संडे टाइम्स ने दंपती की संपति करीब 73 करोड़ पाउंड आंकी) के लिए ब्रितानी प्रेस में उनकी खिंचाई हुई. 2022 के शुरू में पता चला कि गैर-स्थानीय होने के नाते मूर्ति विदेश की अपनी कमाई पर टैक्स नहीं दे रही हैं, जो उनका अधिकार है.

लेकिन बचत की रकम से विवाद भड़क उठा और उन्होंने कहा कि वे उस कमाई पर भी टैक्स देना शुरू करेंगी. मूर्ति कैलिफोर्निया में क्लेयरमोंट मैककेना कॉलेज में फ्रांसीसी और अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर चुकी हैं और लॉस एंजेलिस से फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया है. वे स्टैनफोर्ड से एमबीए करने के पहले डेलॉइट और यूनिलिवर में काम कर चुकी हैं. वे तीन फर्मों कैटामरान वेंचर्स, न्यू ऐंड लिंगवुड और डिगमे फिटनेस की डायरेक्टर हैं.

बतौर प्रधानमंत्री सुनक ने ब्रिटेन के ''भारी आर्थिक संकट’’ का जिक्र किया और स्थिरता लौटा लाने के अपने वादे पर खरा उतरने की शपथ खाई. कंजर्वेटिव पार्टी के प्रति उभरती नाराजगी और फौरन चुनाव कराने की लेबर पार्टी की बढ़ती मांग के बीच सुनक को उनके शब्दों पर तौला जाएगा.

सैकत नियोगी, साथ में लवीना टंडन.

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