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पेठे के सम-विषम गणित से शक्ति प्रदर्शन तक, ग्राम 'पंचायत' फुलेरा में कितने 'ग्राम' रस और बचा है?
पंचायत वेब-सिरीज के पहले सीजन ने गली-कोनों तक तारीफें बटोरी थीं और अब इसका चौथा सीजन दर्शकों के सामने है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर इसके बहुत अच्छा होने के दावे किए जा रहे हैं

"इंसान की सबसे पहली जरूरत भोजन है, बाद में होता है भजन"
इंडिया टुडे हिंदी (डिजिटल) के सब-एडिटर सिकन्दर की भजन सम्राट अनूप जलोटा से उनकी सिंगिंग और निजी जीवन पर बातचीत

'एरोहेड' के एक आम बाघिन से रणथंभौर की रानी बनने की कहानी
एरोहेड में भी अपनी दादी मछली की तरह मगरमच्छों के शिकार की असामान्य क्षमता थी, 19 जून को रणथंभौर की इस प्रसिद्ध बाघिन की मौत हो गई

अपनी ही फिल्म की रिलीज पर नेटफ्लिक्स ने क्यों रोक लगा दी?
फिल्म 'तीस' के नहीं रिलीज होने को सीधे-सीधे प्राइम वीडियो की सीरीज तांडव (2021) को लेकर पैदा उस विवाद से जोड़ा जा सकता है जिसमें असहमति और धार्मिक बिंबों के चित्रण पर दक्षिणपंथियों ने नाराजगी जताई थी

कौन हैं बस्तर की लावण्या दास, जो रातोंरात बन गई सनसनी?
बस्तर की 16 साल की लावण्या दास अचानक सुर्खियों में आ गई, जब 12 जून को प्रियंका चोपड़ा ने उनका एक डांस वीडियो अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किया

ठेठ स्थानीयता से निकलकर विश्व फलक की रचना कैसे बनी बानू मुश्ताक की 'हार्ट लैंप'
कथाकार बानू मुश्ताक को बुकर पुरस्कार मिलना कन्नड़ का ही नहीं समस्त भारतीय भाषाओं का सम्मान. उम्मीद है आने वाले वर्षों में कहानी विधा को दुनिया भर में एक नई निगाह से देखा जाएगा

महुआ डाबर : 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ मुसलमानों की लड़ाई का एक भुला दिया गया किस्सा!
यह जून की ही बात है जब 1857 के गदर में उत्तर प्रदेश के महुआ डाबर गांव ने वीरता का एक ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया, हालांकि बाद में उसे इसकी कीमत अपना सब कुछ गंवाकर चुकानी पड़ी

'मधुरम् च स्वादिष्टम्....' दीघा के दुधिया मालदह आम की खास कहानी!
जिसे बिहार वाले फलों के राजा आम का चक्रवर्ती राजा मानते हैं, उस दीघा के दुधिया मालदह के दीघा मोहल्ले में बमुश्किल पांच सौ पेड़ बचे हैं. नाम बचा है, बस वही बिक रहा. अब बिहार सरकार इस दुर्लभ आम के पेड़ों की संख्या बढ़ाने और इसे जीआई टैग दिलाने में जुटी है

दर्शकों को कितना लुभा पाती है ईशान खट्टर और भूमि पेडणेकर की द रॉयल्स?
नेटफ्लिक्स की द रॉयल्स वेब सीरीज बॉल नृत्यों, आलीशान दावतों और कुलीन महक से गुलजार; जिसमें ईशान खट्टर, भूमि पेडणेकर के अलावा मशहूर एक्ट्रेस जीनत अमान भी हैं

ब्रांडेड कपड़े खरीदने के साथ कहीं आप कैंसर का जोखिम तो मोल नहीं ले रहे!
एक नई रिसर्च में देश के टेक्सटाइल सेक्टर में इस्तेमाल किए जाने वाले उन केमिकलों का पता लगाया गया है जो कैंसर सहित गंभीर बीमारियों की वजह बनते हैं

क्यों 'वेव्ज 2025' के आयोजन को 'क्रिएटर इकोनॉमी' की शुरुआत बताया जा रहा है?
वेव्ज 2025 में क्रिएट इन इंडिया चैलेंज के दौरान मुकाबले में प्रतिभाओं और इनोवेशन की चमक देखते बनती थी. प्रतिभागियों के लिए यह एक ऐसा मंच था जिसकी उन्होंने सिर्फ कल्पना की थी.

कान फिल्म फेस्टिवल-2025 में कौन करेगा भारत का झंडा बुलंद?
हर साल की तरह रेड कार्पेट पर नमूदार होकर सबका ध्यान खींचने के लिए ऐश्वर्य राय बच्चन बेशक वहां होंगी लेकिन कान फिल्म फेस्टिवल में भारत का झंडा बुलंद करने वाले दूसरे लोगों के बारे में भी जानिए

थिएटर : एक प्रयोग का पचासा
आलेख-अभिनेता-दर्शक: इस त्रिकोण पर केंद्रित कर शुरू की गई, शिक्षक-रंगकर्मी देवेंद्रराज अंकुर की शैली कहानी का रंगमंच अपनी युक्तियों की वजह से आज पचास साल बाद भी मौजूं

यूट्यूब के CEO नील मोहन को क्यों लगता है कि भारत में 'क्रिएटर इकोनॉमी' में अपार ग्रोथ दिख सकती है
नील मोहन ने कहा कि क्रिएटिविटी के लिहाज से हिंदुस्तान कमाल की जगह है. यह एक ऐसा मुल्क है, किस्सागोई जिसकी सांस्कृतिक जड़ों में गहरे समाई हुई है

वैभव सूर्यवंशी के बारे में द्रविड़ ने क्यों कहा - उनके जैसी हिटिंग पावर भारत में किसी के पास नहीं!
आईपीएल में महज 14 साल की उम्र में शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी वैभव ने बल्लेबाजी के अपने हुनर से नामी गेंदबाजों को भी बौना बना छोड़ा. बिहार के समस्तीपुर के एक गांव से निकले इस खब्बू मारते खां के पीछे खड़े माता-पिता, कोच और क्रिकेट संस्थाओं की भूमिका पर एक नजर

मैं सेंसरशिप के पूरी तरह से खिलाफ हूं : वरुण ग्रोवर
मौजूदा समय के बेहतरीन गीतकार, पटकथा लेखक और डायरेक्टर वरुण ग्रोवर की शॉर्ट फिल्म KISS पहली जून को मूबी पर प्रीमियर हो रही है. इस मौके पर उन्होंने इंडिया टुडे हिंदी से बातचीत में क्या-क्या बताया

'मिसेज' फिल्म से सनसनी मचाने वाले हरमन बावेजा ने कैसे अपनी चुनौतियों को अवसर में बदला?
प्रोड्यूसर की भूमिका में जोश और उत्साह से कदम रखने के बाद हरमन बवेजा 2025 में कर रहे बेहतरीन शुरुआत.

फिल्मों और सीरीज के जरिए अतीत के किस्से बताने पर क्यों जोर दे रहे हैं निखिल आडवाणी?
फिल्म निर्माता इतिहास के भूले-बिसरे किस्सों और नायकों को सामने लाने के लिए भारत के औपनिवेशिक अतीत को खोज-खंगाल रहे हैं. मकसद यही कि भविष्य की पीढ़ियां भी उन्हें जान सकें.

पटना में तीन दोस्तों की मुलाकात से कैसे पूरा हुआ सिनेमा मालिक का थिएटर वाला सपना?
कोरोना काल में पटना में संयोगवश तीन किरदार मिले और फिर पटना के 'पैलेस ऑफ वेराइटी' थिएटर के कैंपस में 'हाउस ऑफ वेराइटी’ के नाम से एक नया इंटीमेट थिएटर का जन्म हुआ.

'छोरी-2' में विलेन बनीं सोहा अली खान ने कैसे अपने किरदार से किया सबको हैरान!
प्राइम वीडियो की हॉरर फिल्म 'छोरी 2 'में दासी मां के किरदार में सोहा अली खान ने बतौर अदाकार अपनी क्षमताओं को कसौटी पर कसा है.