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भारत की 85 फीसदी आबादी मसूड़ों की दिक्कतों से जूझ रही...क्यों है ये खतरनाक?

मसूड़े बीमार होने का मतलब है कि देर-सबेर आपके दांतों में दिक्कत होने वाली है

मसूड़ों में सूजन सबसे आम दिक्कत है जो आगे गंभीर सकती है
अपडेटेड 21 नवंबर , 2025

जब मुंह की सेहत की बात होती है तो हम सारा ध्यान अपने दांतों की देखभाल पर केंद्रित हो जाता है लेकिन हमारी मुस्कान को खूबसूरत बनाए रखने में मसूड़ों की भूमिका भी कम महत्वपूर्ण नहीं होती है. स्वस्थ मसूड़े ही स्वस्थ दांतों का आधार हैं और उनकी रूट को मजबूत करके उन्हें अपनी जगह पर बनाए रखते हैं.

भारतीय दंत चिकित्सा संघ (IDA) के आंकड़ों की मानें तो 85 फीसद भारतीय किसी न किसी प्रकार की मसूड़ों की समस्याओं से ग्रस्त हैं. इसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि मुंह की सेहत के इस महत्वपूर्ण पहलू पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. लेकिन कैसे? यही बता रही हैं शांति मेमोरियल अस्पताल, कटक की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. गरिमा पोद्दार...
 
मसूड़ों की समस्याओं को समझें

प्लाक बैक्टीरिया से भरी एक चिपचिपी परत होती है जो अक्सर दांतों और मसूड़ों के किनारे पर जम जाती है, जिससे मसूड़ों के ऊतकों में जलन महसूस होती है. प्लाक जमा होने पर बैक्टीरिया विषाक्त पदार्थ छोड़ते हैं जो सूजन बढ़ावा सकते हैं. इससे मसूड़े और दांतों के बीच दूरी आ जाती है और खाली जगह में बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं और एक प्रक्रिया एक दुष्चक्र बन जाती है. अगर इन संकेतों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो मसूड़ों की सूजन और संक्रमण बढ़ सकता है, जिससे आपके दांतों को सहारा देने वाली हड्डी तक को नुकसान पहुंच सकता है.

कैसे पता चलेगा आपके मसूड़े बीमार हैं 

मसूड़ों से खून आना : मसूड़ों की समस्या का शायद सबसे आम और खतरनाक संकेत खून आना ही है. अगर आपको ब्रश करते, फ्लॉस करते या किसी सख्त सेब को काटते समय खून आता है तो स्पष्ट है कि कुछ तो गड़बड़ है. स्वस्थ मसूड़ों से खून नहीं आना चाहिए. खून आना अक्सर मसूड़े की सूजन यानी मसूड़ों की बीमारी के शुरुआती चरण का संकेत होता है. मसूड़े की सूजन तभी आती है जब प्लाक आपके दांतों और मसूड़ों की बीच जड़ें जमाने लगता है, जिससे मसूड़ों के ऊतकों की सेहत प्रभावित होती है.

सूजे मसूड़े या मसूड़ों में असहजता : अपने मसूड़ों में किसी तरह के बदलाव या छूने पर असहजता को महसूस करें. अगर आपके मसूड़े लाल दिख रहे हैं या फिर उभरे हुए हैं अथवा छूने पर उनमें दर्द महसूस होता है तो यह सूजन का एक स्पष्ट संकेत है. एक अजीब बात ये है कि धूम्रपान करने वालों में ये लक्षण कम स्पष्ट हो सकते हैं, फिर भी मौजूद रहते हैं. ये बेचैनी हल्के दर्द से लेकर गंभीर दर्द तक हो सकती है, खासकर चबाते समय. ऐसे लक्षण बिगड़ने पर डॉक्टरी सलाह लेना ही सबसे अच्छा उपाय है.

सांसों में लगातार बदबू : हालांकि, सांसों में बदबू (हैलिटोसिस) के कई कारण हो सकते हैं, जैसे किसी खास खाद्य पदार्थ की वजह से या फिर मुंह में सूखापन होना. लेकिन लगातार दुर्गंधयुक्त सांस जो ब्रश करने या माउथवॉश के इस्तेमाल के बाद भी बनी रहे तो ये मसूड़ों की बीमारी का एक गंभीर संकेत हो सकती है. मसूड़ों की सूजन और संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया सल्फर यौगिक उत्पन्न करते हैं, जो दुर्गंध की मुख्य वजह बन सकते हैं.
 
मसूड़ों को कैसे बनाएं सेहतमंद

मसूड़ों की समस्याएं, खासकर शुरुआती दौर में अमूमन उचित देखभाल से ठीक हो जाती हैं. मसूड़ों की सेहत दुरुस्त बनाए रखने के लिए सक्रिय ढंग से कुछ कदम उठाना जरूरी है. जैसे....

नियमित और ठीक से ब्रश करना : दांतों को दिन में दो बार ऐसे मुलायम ब्रिसल वाले टूथब्रश से ब्रश करें जो इनेमल परत को कोई नुकसान न पहुंचाते हों. दांतों और मसूड़ों के किनारों को हर जगह अच्छी तरह साफ करें.

अच्छे टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें: खासतौर पर मसूड़ों की देखभाल के लिए निर्मित टूथपेस्ट चुनें. सोडियम बाइकार्बोनेट या जिक साइट्रेट युक्त टूथपेस्ट प्लाक को दूर रखने में विशेष तौ पर कारगर साबित होते हैं. प्लाक हटाने की यह बेहतर प्रक्रिया स्वस्थ मसूड़ों को बनाए रखने के लिए जरूरी है और हमारे पूरे मुंह को सेहतमंद बनाए रखती है.

रोजाना फ्लॉस करें : दांतों के बीच और मसूड़ों के नीचे से प्लाक और खाने के कणों को हटाने के लिए फ्लॉस करना जरूरी है, साथ ही उन जगहों के लिए भी जहां आपका टूथब्रश आमतौर पर नहीं पहुंच पाता.

खून निकलने को न करें नजरअंदाज : अगर ब्रश या फ्लॉस समय आपके मसूड़ों से खून आता है तो यह मसूड़ों में सूजन का संकेत है.

सूजन और बेचैनी पर ध्यान दें : मसूड़ों में किसी भी तरह की लालिमा या सूजन पर ध्यान दें. ये मसूड़ों की सेहत बिगड़ने का संकेत है.

लगातार दुर्गंध पर तुरंत समाधान करें : अगर ठीक से साफ-सफाई करने के बावजूद भी दुर्गंध बनी रहती है तो ये मसूड़ों की किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है.

नियमित जांच कराएं : नियमित जांच के लिए दंत चिकित्सक से संपर्क करें. वे मसूड़ों की बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचान सकते हैं और उचित सलाह देकर मदद कर सकते हैं.

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं : संतुलित आहार लेना और धूम्रपान से परहेज मसूड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।

सामान्य दर्द के बढ़कर गंभीर बीमारी बनने का इंतजार न करें. लक्षणों को तत्काल पहचानें और तुरंत कदम उठाकर अपने मसूड़ों की रक्षा करें. आप सालों-साल अपनी खूबसूरत मुस्कान बरकरार रखना चाहते हैं तो मसूड़ों की सेहत दुरुस्त रखने पर ठीक से ध्यान दें. आपके मसूड़े आपके लिए कड़ी मेहनत करते हैं; इसलिए उन पर ध्यान देना तो बनता है.

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