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फैमिली मैन का तीसरा सीजन कैसे बना पहले से बड़ा और 'बोल्ड'

पूर्वोत्तर की पृष्ठभूमि और हंसी-मजाक तथा जबरदस्त तनाव के साथ शुरू हुआ 'द फैमिली मैन' का तीसरा सीजन कैसे पहले और दूसरे सीजन से बड़ा और 'बोल्ड' बन गया

Leisure: OTT
'द फैमिली मैन 3' के स्टार प्रियामणि, निमरत कौर (बैठी हुईं), जयदीप अहलावत और मनोज बाजपेयी.
अपडेटेड 8 दिसंबर , 2025

फुरसत: ओटीटी

ओटीटी पर सबसे सफल निर्देशकों की जोड़ी राज और डीके (फर्जी, गन्स ऐंड गुलाब्स और सिटाडेल: हनी बनी) सबसे बेहतरीन दूसरे सीजन के चार साल बाद फिर से अमेजन प्राइम वीडियो पर द फैमिली मैन (2019) के नए सीजन के साथ वापसी कर रही है. यह शो उनके लिए अब तो पसंदीदा पहले बच्चे की तरह बन चुका है. इस पहले शो ने ही राज व डीके की कहानी कहने की मजेदार और रोमांचक शैली को नई पहचान दी.

उनके लिए यह परिवार अब इतना घनिष्ठ बन चुका है कि राज निदिमोरू शो के लेखकों के कमरे को 'सबसे ज्यादा आरामदायक’ जगह बताते हैं. बहुत ज्यादा आकलन करने के बजाए सहजता को अपनाना ही उनका मूल मंत्र है. वे कहते हैं, ''आप किरदारों को अच्छी तरह जान-समझ चुके हैं, चुनौती बस यह है कि जाने-पहचाने और अनजान चेहरों के बीच संतुलन किस तरह स्थापित किया जाए.

आपको ट्रोप्स और कॉलबैक पर बहुत ज्यादा जोर नहीं देना है लेकिन थोड़ा-बहुत रिकॉल कराना जरूरी है.’’ दोनों जानते हैं कि यह शो मीम्स और रील्स के जरिए लोकप्रिय चर्चा का हिस्सा बना है. राज कहते हैं कि यह 'समझना’ जरूरी है कि बाहर क्या चल रहा है लेकिन 'वास्तविक’ होना मायने रखता है. जोड़ी के दूसरे निर्देशक कृष्णा डीके के लिए सीक्वल बनाने में सबसे मुश्किल काम पहले दो सीजन में लोगों को पसंद आई चीजों को एक नए अंदाज में पेश करना है. वे कहते हैं, ''चुनौती यह है कि आपका काम कहानी का विस्तार हो इसमें दोहराव या पुनरावृत्ति जैसा न लगे.’’

द फैमिली मैन में असली रोमांच तभी आता है जब सीक्रेट एजेंट श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी अभिनीत किरदार) का मुकाबला किसी जोरदार प्रतिद्वंदी से हो. पिछले सीजन (2021) की जहां सामंथा रुथ प्रभु का किरदार तिवारी के लिए चुनौतियां खड़ी करता रहता था, इस बार राज और डीके ने दो खलनायकों को पेश किया है: जयदीप अहलावत और निमरत कौर. सेटिंग भी पूरी तरह बदलकर पूर्वोत्तर की हो गई है, जिसमें ड्रामा और ऐक्शन का एक बड़ा हिस्सा नगालैंड और असम में दिखाया गया है.

राज के मुताबिक, नए सीजन में खलनायकों को ज्यादा खूंखार दिखाना सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा रहा है, और शो को 'नए मुकाम पर पहुंचाने’ के लिए उनका पसंदीदा तरीका यही है. वे कहते हैं, ''यह ज्यादा धमाकों और मुश्किल ऐक्शन दृश्यों को जोड़कर नहीं बल्कि कथानक को और गहराई देकर और भावनात्मक जटिलताएं उजागर करके ही किया जा सकता है. ऐक्शन सीन अपनी जगह हैं लेकिन दो बेहद शानदार, मिलते-जुलते-फिर भी एकदम जुदा किरदारों को साथ लाकर खतरे को बढ़ाना काफी पसंद आने वाला है.’’

बाजपेयी के लिए बेहतरीन सह-कलाकार भी सेट पर फिर लौटने को प्रेरित करते हैं. वे खुलकर कहते हैं कि अहलावत 'अपने काम और पसंद को लेकर बेहद ईमानदार रवैया’ अपनाते हैं. वे कहते हैं, ''उन्हें सौभाग्य से काफी अच्छी भूमिकाएं मिलीं, इसके साथ ही एक अभिनेता के तौर पर उन्होंने खुद को काफी बदला भी है. जब भी मुझे उनका कोई काम शानदार लगता है तो मैं उन्हें फोन करता हूं और उस पर विस्तार से चर्चा करता हूं. आप करीब से जान पाते हैं कि वे कैसे तैयारी करते हैं और चीजों को लेकर क्या सोचते हैं. आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है.’’

द फैमिली मैन एक आम आदमी की कहानी है जो अपने काम की चुनौतियों और घर की अजीबो-गरीब बातचीत और झगड़ों के बीच संतुलन बनाने में लगा रहता है. लेकिन कई लोगों के लिए तिवारी और उनके सहकर्मी जेके (शारिब हाशमी) के बीच का जीवंत तालमेल इस शो की असली ताकत है. इतना कि तीसरे सीजन में जेके को तिवारी के परिवार के साथ एक प्रमुख पोस्टर में दिखाया गया है.

कृष्णा डीके कहते हैं, ''वह परिवार का स्वाभाविक सदस्य बन चुका है. लेकिन इस सीजन में हम इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि जेके भी अपने जीवन में किसी का साथ चाहता है.’’ बाजपेयी बेहद उत्साह से बताते हैं कि उनके बीच ये ब्रोमांस कैसे बना. बाजपेयी हंसते हुए बताते हैं कि वे दृश्यों का कई बार अभ्यास कैसे करते हैं और यह 'उसे (शारिब को) पकाऊ लगता है.’

बाजपेयी की तैयारी निर्देशन जोड़ी और कलाकारों के लिए सराहनीय और प्रेरित करने वाली है. कृष्णा बताते हैं कि कैसे शारिब तब तक 'मजाक और बकबक’ करते रहते हैं जब तक 'ऐक्शन’ नहीं बोला जाता जबकि मनोज लगातार 'किरदार में बने रहने’ की कोशिश करते हैं.

राज कहते हैं कि इस अभिनेता ने तो सेट पर अपना अलग ही 'बाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ ऐक्टिंग’ चलाना शुरू कर दिया है, जहां सभी सह-कलाकार उसके साथ रिहर्सल करते हैं और इम्प्रोवाइजेशन के आदी हो जाते हैं. राज एक शरारती मुस्कान के साथ कहते हैं, ''वे हमें बताते नहीं कि वह क्या करना चाहते हैं. वे हमें हर समय सरप्राइज देना चाहते हैं.’’ इस शो के जबरा फैन यही सरप्राइज तिवारी की ऐक्शन से भरपूर जिंदगी के एक बार फिर देखना चाहेंगे.

द फैमिली मैन के निर्देशक कृष्णा डीके (बाएं) और राज निदिमोरु इस शो की मकबूलियत से ''वाकिफ’’ हैं और इसे ''वास्तविक’’ बनाए रखना चाहते हैं.

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