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क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत को बढ़त

एशिया कप में पाकिस्तान और श्रीलंका को धूल चटाने के बाद भारतीय क्रिकेट के मुरीदों को रोहित शर्मा की कप्तानी में एक और विश्व कप जीतने की आस है

कोलंबो में 17 सितंबर को एशिया कप फाइनल के दौरान शॉट खेलते केएल राहुल
कोलंबो में 17 सितंबर को एशिया कप फाइनल के दौरान शॉट खेलते केएल राहुल
अपडेटेड 4 अक्टूबर , 2023

- सुनील गावस्कर

क्या 19 नवंबर, 2023 भारतीय क्रिकेट के अफसाने में उतना ही ऐतिहासिक दिन होगा जितने 25 जून, 1983 और 2 अप्रैल, 2011 के दिन थे? क्या रोहित शर्मा भी खुशी से झूमते हुए आईसीसी विश्व कप को उसी तरह उठाएंगे जैसे उन दो धमाकेदार दिनों में कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी ने उठाया था?

क्या एक और गौरवशाली अध्याय लिखा जाएगा जो क्रिकेटरों की भावी पीढ़ियों को इन यादगार कामयाबियों को दोहराने के लिए प्रेरित करेगा? क्या क्रिकेट के भारतीय मुरीदों को यह यकीन करने का हक है कि हाल में हुए एशिया कप में पाकिस्तान और श्रीलंका को धूल चटाने के बाद रोहित शर्मा की कप्तानी में हमारी क्रिकेट टीम बीसीसीआई की आलमारी में विश्व कप की एक और ट्रॉफी सजाएगी?

भारतीय टीम पर सरसरी नजर डालने से पता चलता है कि बैटिंग लाइनअप ऐसी है कि किसी भी विरोधी टीम के गेंदबाजों की नींद हराम कर देगी. कप्तान अभी अपने फॉर्म के शिखर पर नहीं पहुंचे हैं, भले ही वनडे के सर्वाधिक निजी स्कोर का रिकॉर्ड उनके नाम है- 2014 में उन्होंने ईडन गार्डन में 264 की शानदार पारी खेली थी जब आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर बाउंड्री पर कैच हुए थे.

उनके ओपनिंग पार्टनर शुभमन गिल इस साल वनडे में 1,000 से ज्यादा रन पहले ही बना चुके हैं और साल खत्म होने तक 2,000 का आंकड़ा छू सकते हैं. इस होनहार नौजवान में कमाल की बात यह है कि वह स्थिति को पलक झपकते ताड़कर अपने खेल को उसके हिसाब से फटाफट बदल लेता है. विराट कोहली की तरह, जो खुद भी गजब के फॉर्म में हैं.

गैर-पारंपरिक शॉट्स तो सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन के बल्लों की पहचान हैं. केएल राहुल की क्लासिकल शुद्धता, श्रेयस अय्यर और हार्दिक पांड्या के दिलेर और आक्रामक तौर-तरीके विरोधी खेमे में खलबली मचा सकते हैं. रवींद्र जडेजा के साथ भारतीय बल्लेबाजी वाकई बहुत मजबूत दिखाई देती है.

जसप्रीत बुमराह की वापसी से गेंदबाजी में भी ज्यादा धार आ गई है. भारत दो मोहम्मद- शमी और सिराज- के साथ उतरेगा या नहीं, यह इस पर निर्भर करेगा कि मैच कहां है और सामने कौन-सी टीम है. फिरकी या स्पिन के कमाल का दारोमदार जडेजा के तजुर्बे और कुलदीप यादव की कलाई के जादू पर होगा. शार्दूल ठाकुर और अक्षर पटेल निचले क्रम को मजबूती देंगे तो पांचवें बॉलर की भूमिका निभाने में भी मददगार होंगे.

1983 और 2011 की टीमों को इफरात ऑलराउंडर होने का सौभाग्य हासिल था, जिससे कप्तान के सिर का बोझ काफी कम हो गया. शर्मा के पास भी हार्दिक, जडेजा, पटेल और ठाकुर हैं, जिनमें से बाद के दो को शायद ग्यारह में जगह हासिल करने की जद्दोजहद करनी पड़े. 1983 और 2011 की टीमों की तरह यह सबसे अव्वल दर्जे की फील्डिंग टीम भी होगी, जिसमें जडेजा निर्विवाद रूप से आज इस फन में सर्वश्रेष्ठ हैं.

उनकी राह का मुख्य रोड़ा मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड की टीम होगी, जिसने बीते कुछ साल में वनडे क्रिकेट को अलग स्तर पर पहुंचा दिया है. और ऑस्ट्रेलिया भी, जिससे मुकाबला कभी आसान नहीं होता. उनकी ताकत टीम में ऐसे ऑलराउंडरों का होना है जो मैच का रुख पलट सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका ने हाल में पहले दो मैच गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज जीती और इसी आत्मविश्वास से लबालब वह विश्व कप के मैदान में उतरेगी.

उन्हें एनरिक नॉर्किया के चोटिल होने से बड़ा धक्का लगा है, जो लगातार दूसरा विश्व कप नहीं खेल पाएंगे. न्यूजीलैंड हमेशा की तरह छुपा रुस्तम होगा और कभी भी चकित कर सकता है. वे अब भी कप्तान केन विलियमसन और तजुर्बेकार सीमर टिम साउदी की फिटनेस को लेकर जूझ रहे हैं. अफगानिस्तान की बल्लेबाजी चल निकली तो उलटफेर करने का माद्दा उनमें भी है.

बांग्लादेश ने एशिया कप में मायूस किया, पर शीर्ष खिलाड़ियों के बगैर भारत को हराने के बाद वे आत्मविश्वास से भरे होंगे. श्रीलंका कहां तक जाएगा, यह इस पर निर्भर है कि वे एशिया कप फाइनल की हार से खुद को किस हद तक उबार पाते हैं.

पाकिस्तान हमेशा की तरह डेंजर टीम होगी. बरसों पहले जब हम उनके खिलाफ खेलते थे, उनके खिलाड़ियों के बीच अक्सर मैदान पर ही होने वाले झगड़े और तू-तू-मैं-मैं दिलचस्प हुआ करते थे. मगर जब गेंदबाज बॉल डालने के लिए दौड़ना शुरू करता, तो उनका पूरा ध्यान अपने काम पर होता था. बाबर आजम की शक्ल में उनके पास एक बेहतरीन बल्लेबाज है, जिनकी अगुआई पाकिस्तान के लिए बेहद अहम होगी.

भारत को अपने घर में खेलने का फायदा मिलेगा और पिचों और परिस्थितियों की जानकारी का भी. हरेक स्टेडियम में भीड़ उनकी जबरदस्त हौसला अफजाई करेगी, जो गाहे-ब-गाहे विरोधी टीमों का ध्यान और चैन दोनों छीन सकती है. पिछले तीन विश्व कप उन देशों ने जीते जिन्होंने मैचों की मेजबानी की. एक अरब से ज्यादा दिल और होंठ भारत के लिए प्रार्थना कर रहे होंगे कि वह इस परंपरा को जारी रखते हुए 19 नवंबर को अपने क्रिकेट इतिहास का एक और अविस्मरणीय दिन बना दे.

हम फिर बनेंगे विश्व विजेता?
https://www.indiatodayhindi.com/magazine/cover-story/story/20231011-will-our-boys-win-icc-cricket-world-cup-2023-687862-2023-10-04

क्रिकेट वर्ल्ड कप में बारीक अंतर की लड़ाई
https://www.indiatodayhindi.com/magazine/national/story/20231011-battle-of-fine-margins-687829-2023-10-04

सुनील गावस्कर 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे और महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं. वे प्रतिष्ठित कमेंटेटर हैं.

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