फेसबुक विवाद को लेकर जेपीसी की मांग करने का फैसला लेने के बाद कांग्रेस पीछे हटती दिख रही है. सरकार के लिए यह राहत की बात हो सकती है. हालांकि अंतिम रूप से कांग्रेस ने अपना रूख साफ नहीं किया है, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान जिस तरह से संसद की कार्यवाही संक्षिप्त रखी जा रही है, जेपीसी जैसे मुद्दे की मांग को कांग्रेस आगे के लिए टाल सकती है.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चूंकि संसद की स्थायी समिति के सामने यह मुद्दा आ चुका है तथा इस पर चर्चा भी हुई है, ऐसे में एक और संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की गुंजाइश खत्म हो गई है. समिति आगे भी अपना काम जारी रखेगी. ऐसे में यदि कांग्रेस की तरफ से जेपीसी की मांग की जाती है तो सरकार के पास यह कहने का मौका होगा कि संसदीय समिति खुद मामले को देख रही है, ऐसे में जेपीसी की जरूरत नहीं है. कांग्रेस का कहना है कि फेसबुक विवाद जैसे मुद्दे से ज्यादा जरूरी इस समय प्रवासी मजदूरों का मामला है. देश की अर्थव्यवस्था गोते लगा रही है. बाढ़ और कोरोना का कहर जारी है. ये मुद्दे आम लोगों से जुड़ा हुए हैं, लिहाजा इस पर चर्चा होना ज्यादा जरूरी है. फेसबुक विवाद जैसे मुद्दे बाद में उठाए जा सकते हैं. हालांकि कांग्रेस ने साफ किया है कि जेपीसी के मुद्दे दूसरे दल भी उठा सकते हैं. यदि ऐसा हुआ तो फिर कांग्रेस, ऐसे दलों के साथ खड़ी होगी जो फेसबुक विवाद के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करेगी.
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