राहुल गांधी के चुनाव में धोखाधड़ी के दावों की इंडिया टुडे ने पड़ताल की है. इंडिया टुडे के रिपोर्टर ने पाया कि बेंगलुरु सेंट्रल के मुनि रेड्डी गार्डन में 10 से 15 वर्ग फुट के एक घर में 80 मतदाता रजिस्टर्ड हैं. राहुल गांधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा ही दावा किया था. ये वोटर आउटर रिंग रोड के पास स्थित आईटी कॉरिडोर के महादेवपुरा में बूथ संख्या 470 पर वोट करने जाते हैं.
बमुश्किल 10-15 वर्ग फुट के इस मकान में इस समय पश्चिम बंगाल से आए एक फ़ूड डिलीवरी कर्मचारी दीपांकर रहते हैं, जो एक महीने पहले ही यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि बैंगलोर में उनका कोई मतदाता रजिस्ट्रेशन नहीं है और वे उस पते से जुड़ी मतदाता सूची में मौजूद नामों को नहीं जानते हैं.
दीपांकर ने बताया कि यह घर जयराम रेड्डी का है, जिनके बारे में उन्होंने बताया कि वे BJP के नेता हैं. संपर्क करने पर रेड्डी ने पहले तो BJP से अपने जुड़ाव की बात स्वीकार की, लेकिन बाद में साफ किया कि वे केवल BJP के मतदाता हैं, पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं.
उन्होंने राहुल गांधी के दावे पर कहा कि कई किरायेदार सालों से वहां रह रहे थे और उन्होंने अपना नाम मतदाता के रूप में दर्ज कराया था. हालांकि, अब उनमें से अधिकांश वहां से चले गए हैं. इसके बावजूद, उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनावों के दौरान वोट डालने के लिए वापस आते हैं.
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रेड्डी ने बताया किया कि उन्होंने चुनाव अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी थी, लेकिन अब वह आयोग को इसकी जानकारी देंगे. इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि मतदाता सूची में उस पते पर 80 लोगों का नाम दर्ज है, जबकि इस घर में एक साथ इतने लोग नहीं रह सकते हैं.
उन्होंने बताया किया कि कई लोग ओडिशा, बिहार और मांड्या सहित दूसरे राज्यों या जिलों के रहने वाले थे, जो अब यहां से चले गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनमें से कुछ लोग यहां मतदान करने के लिए आते हैं. 6 अगस्त को राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में फर्जी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं. उन्होंने कर्नाटक की मतदाता सूची दिखाकर सबूत दिया था.
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गांधी ने दावा किया कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के 6.5 लाख वोटों में से एक लाख से ज्यादा वोटों की 'चोरी' हुई है. कर्नाटक राज्य चुनाव आयोग ने गांधी से उनके आरोपों का हस्ताक्षरित हलफनामा पेश करने को कहा है. साथ ही चुनाव आयोग ने सवाल किया कि अगर ऐसी बात थी तो कांग्रेस ने शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई.