महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रुख से उनकी पार्टी के हिंदुत्व भक्तों में नाराजगी है.
1 जुलाई को पंढरपुर में भगवान विठ्ठल मंदिर में उन्होंने न तो फूल चढ़ाया और न ही आधिकारिक पूजा के दौरान पवित्र जल ग्रहण किया.
26 जुलाई को पार्टी के मुखपत्र सामना में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के ई-भूमि पूजन का विकल्प चुनने की सलाह दी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के विचार का समर्थन किया कि भव्य समारोह जरूरी नहीं था.
लगता है कि शिवसेना प्रमुख कह रहे हैं कि यह छूकर रस्म निभाने का समय नहीं है.

