नई नस्ल 100 नुमाइंदे/वारिस
करण अडानी 34 वर्ष
सीईओ, अडानी पोट्स ऐंड एसईजेड, अहमदाबाद
नौजवान करण अडानी 2009 में जब परिवार के कारोबार में दाखिल हो रहे थे, उन्हें दो विकल्प दिए गए—बिजली या बंदरगाह. उन्होंने बंदरगाह चुना और अडानी पोट्र्स ऐंड स्पेशल इकॉनोमिक जोन (एपीएसईजेड) से जुड़ गए. यहां उन्होंने बुनियादी कामों में महारत हासिल की. 2016 में उन्होंने एपीएसईजेड की कमान संभाल ली और उसका फोकस कोयले के बजाय कंटेनर पर केंद्रित करने का फैसला किया.
कंटेनर में विस्तार को ध्यान में रखकर उन्होंने कट्टुपल्ली, कामराजार और विझिनजाम बंदरगाहों में निवेश किया. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच कंपनी एलएनजी और एलपीजी गैस से जुड़े कामों पर ध्यान दे रही है. फोकस अंतर्देशीय लॉजिस्टिक्टस पर भी है.
उनकी सोच एकीकृत लॉजिस्टिक कंपनी बनाने की है जो अडानी पोर्ट्स के जरिए ग्राहकों को शुरू से आखिर तक सारे लॉजिस्टिक्स समाधान देगी. 2020-21 में एपीएसईजेड ने कृष्णपत्तनम, दिघी और गंगावरम बंदरगाहों का अधिग्रहण किया और साथ ही सरगुजा रेल कॉरिडोर का भी. कंटेनर टर्मिनल विकसित करने के लिए उन्होंने कोलंबो पोर्ट के साथ भागीदारी कायम की.
उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी पत्नी प्रीति के बेटे करण पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट हैं और कारोबार को स्टेकहोल्डर्स के नजरिए से देखते हैं. वे एपीएसईजेड की वृद्धि की रणनीति उन्होंने सफलता के साथ सिरे चढ़ाई. नतीजा रहा तेज रफ्तार से विस्तार. 2016 में कंपनी जहां एक बंदरगाह चला रही थी, आज 14 बंदरगाहों और टर्मिनलों की शृंखला संभाल रही है.
वित्त वर्ष 2020-21 में एपीएसईजेड ने 24.7 करोड़ मी. टन कार्गो वॉल्यूम हासिल किया जिसकी बाजार हिस्सेदारी 25 फीसद है. एपीएसईजेड ने 2015 तक कार्बन निरपेक्ष होने का लक्ष्य है. ऐसा करने वाली यह बंदरगाह क्षेत्र की पहली भारतीय कंपनी होगी.
दम और खम जब भी वक्त इजाजत देता है, करण को मैराथन में दौड़ना अच्छा लगता है. वे फिल्मों के भी शौकीन हैं—टॉप गन उनकी पसंदीदा फिल्म है
'' टेक्नोलॉजी मेरे लिए कंपनी के कामकाज का कायाकल्प करने और उसकी पहचान को पुक्चता करने वाले एक अहम औजार या किसी ड्राइवर की तरह है’’
वारिस कामयाब जो हैं
विनती सराफ मुतरेजा, 37 वर्ष
प्रबंध निदेशक और सीईओ, विनती ऑर्गेनिक्स लिमिटेड, मुंबई
विनती ऑर्गेनिक्स के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद बनवारीलाल और कविता सराफ की बिटिया विनती सराफ मुतरेजा का रसायनों से लगाव तब से है जब वे स्कूल में पढ़ती थीं. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान छुट्टियों में जब भी वे अमेरिका से घर वापस आती थीं, तो पिता के साथ व्यापारिक दौरों पर जाती थीं.
अंतत: 2006 में उन्होंने अपने ही नाम पर बनाई गई कंपनी विनती ऑर्गेनिक्स में औपचारिक रूप से जिम्मेदारियां संभालना शुरू किया. जब उन्होंने कामकाज शुरू किया उस समय कंपनी का कुल राजस्व मात्र 20 करोड़ रुपए था. इस वित्तीय वर्ष में विनती को 19,000 करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण के साथ 1,600 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व की उम्मीद है.
कंपनी एबीटीएस (2-एक्रीलामिडो-2-मिथाइलप्रोपेन सल्फोनिक एसिड) और आइबीबी (आइसोब्यूटाइल बेंजीन) की दुनिया में सबसे बड़ी निर्माता है. इस रसायन का उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों जैसे डिटर्जेंट, एक्रिलिक फाइबर, एड्हसिव्स (चिपकाने वाले पदार्थ), और दवाओं में किया जाता है. कंपनी आइबूप्रोफेन की भी दुनिया की सबसे बड़ी उत्पादक है.
ऊपर और ऊपर 2019 में फोर्ब्स की 'एशियाज़ 200 बेस्ट अंडर अ बिलियंस कंपनीज’ सूची में स्थान बनाने वाली विनती ऑर्गेनिक्स की 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की कंपनी बनने की यात्रा को स्वयं विनती ने संभव बनाया है
''बात साफ थी: एटीबीएस नहीं चला तो कंपनी का शटर गिर जाएगा. एक कंसल्टेंट रखकर समस्या वाले पहलुओं की शिनाख्त की गई. आज कंपनी की आधे से ज्यादा कमाई एटीबीएस से ही आ रही है.’’

