एयरोस्पेस इंजीनियर हावर्ड वोलोविट्ज (टीवी पर दिखाया जाने वाला अंग्रेजी धारावाहिक बिग बैंग थ्योरी का मशहूर किरदार) की जिंदगी का एक पन्ना ऐसी तस्वीर पेश करता है जो भारतीय शिक्षा जगत से एकदम उलट है. यहां इंजीनियरों को ज्ञान के देवता की जगह दी गई है. हावर्ड के ‘‘वैज्ञानिक’’ दोस्त शेल्डन, लियोनार्ड और राज उसे कमतर आंकते हुए बात-बात में उसकी खिल्ली उड़ाते रहते हैं पर वह हमेशा उन्हें पछाडऩे में कामयाब रहता है. यहां तक कि उसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने का सुनहरा मौका भी मिलता है. कहते हैं ना, परम ज्ञान के साथ परम अनुभव भी जुड़ा होता है.

हालांकि, शिक्षा क्षेत्र की इस खास मेधावी जमात में शामिल होना आसान नहीं है और भारत के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स अपने साथियों के दिए हुए संबोधनों के साथ मन में उम्मीद भरे ज्ञान की दुनिया की ओर चल पड़ते हैं. उनमें कुछ नया करने की धुन भी होती है. एक इंस्टीट्यूट जो इस छवि पर हमेशा खरा उतरता रहा है, वह है इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी), कानपुर. इंडिया टुडे-नीलसन बेस्ट कॉलेज सर्वे में इसने आइआइटी-दिल्ली को हराकर शीर्ष पायदान हासिल किया है. दूसरे अधिकांश आइआइटी ने अपनी पिछली रैंक को ही बरकरार रखा है, लेकिन आइआइटी रुड़की ने पांचवीं से चौथी रैंक पर छलांग लगाई है.

आइआइटी-कानपुर का हरेक शैक्षणिक वर्ष यहां के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं में मौजूद संभावनाओं को पनपने का भरपूर मौका देता है. यहां इंटेसिव रिसर्च के अवसरों को बढ़ाया गया है और इसके साथ ही वैज्ञानिक तरीकों और प्रबंधन कौशल के साथ सीखने की प्रक्रिया को तेज बनाया गया है, जिसमें प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. यहां फैकल्टी और छात्र-छात्राओं में प्रतिभा की कमी नहीं दिखती. किसी ने फॉर्मूला एसएई इटली और फॉर्मूला इलेक्ट्रिक इटली 2013 की रेसिंग कार का मॉडल बनाया है तो कोई इंटर-आइआइटी स्पोर्ट्स मीट में ट्रॉफी जीतकर आया है. सभी स्टुडेंट्स के दिल में जीतने का ही जज्बा कूट-कूटकर बसा है. प्रतिभाशाली स्टुडेंट्स की यह विरासत आने वाली पीढ़ी को निश्चित रूप से प्रेरित करती रहेगी.

(आइआइटी कानपुर की उपलब्धियां)

हालांकि, शिक्षा क्षेत्र की इस खास मेधावी जमात में शामिल होना आसान नहीं है और भारत के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स अपने साथियों के दिए हुए संबोधनों के साथ मन में उम्मीद भरे ज्ञान की दुनिया की ओर चल पड़ते हैं. उनमें कुछ नया करने की धुन भी होती है. एक इंस्टीट्यूट जो इस छवि पर हमेशा खरा उतरता रहा है, वह है इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी), कानपुर. इंडिया टुडे-नीलसन बेस्ट कॉलेज सर्वे में इसने आइआइटी-दिल्ली को हराकर शीर्ष पायदान हासिल किया है. दूसरे अधिकांश आइआइटी ने अपनी पिछली रैंक को ही बरकरार रखा है, लेकिन आइआइटी रुड़की ने पांचवीं से चौथी रैंक पर छलांग लगाई है.

आइआइटी-कानपुर का हरेक शैक्षणिक वर्ष यहां के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं में मौजूद संभावनाओं को पनपने का भरपूर मौका देता है. यहां इंटेसिव रिसर्च के अवसरों को बढ़ाया गया है और इसके साथ ही वैज्ञानिक तरीकों और प्रबंधन कौशल के साथ सीखने की प्रक्रिया को तेज बनाया गया है, जिसमें प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. यहां फैकल्टी और छात्र-छात्राओं में प्रतिभा की कमी नहीं दिखती. किसी ने फॉर्मूला एसएई इटली और फॉर्मूला इलेक्ट्रिक इटली 2013 की रेसिंग कार का मॉडल बनाया है तो कोई इंटर-आइआइटी स्पोर्ट्स मीट में ट्रॉफी जीतकर आया है. सभी स्टुडेंट्स के दिल में जीतने का ही जज्बा कूट-कूटकर बसा है. प्रतिभाशाली स्टुडेंट्स की यह विरासत आने वाली पीढ़ी को निश्चित रूप से प्रेरित करती रहेगी.

(आइआइटी कानपुर की उपलब्धियां)

