
सन 2019 के लोकसभा चुनावों में 42 में से 18 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन भाजपा ने पश्चिम बंगाल में अपने को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में खड़ा कर लिया. 27 मार्च से शुरू हुए और 10 अप्रैल को चौथे चरण में पहुंचे विधानसभा चुनाव में अपने एक प्रचार अभियान के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तृणमूल का प्रभाव घटने की बात पर कहा, ‘‘उन्नीशे हाफ, एकुशे साफ’’ (2019 में आधा हासिल किया, 2021 में सफाया कर देंगे).
भाजपा दरअसल, ममता के उप-राष्ट्रवाद के ब्रांड को नाकाम करने के लिए हिंदू राष्ट्रवाद के जज्बे को उभारने की कोशिश करती आई है, जिसकी जड़ें उस फलसफे में हैं जिसका प्रतिनिधित्व श्री अरविंद, स्वामी विवेकानंद और सुभाषचंद्र बोस जैसे बंगाली नायक करते रहे हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ मिलकर शाह राज्य में पार्टी का बुनियादी ढांचा खड़ा करते आए हैं. उन्होंने स्थानीय नेतृत्व को तराशने के अलावा तृणमूल से बड़े पैमाने पर दलबदल भी करवाया है. बंगाल में जीत असल में भाजपा, उसके मूल वैचारिक संगठन आरएसएस और सबसे बढ़कर खुद शाह के लिए बहुत अहम है. यहां की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनैतिक उत्तराधिकारी के रूप में उनका दावा मजबूत कर देगी क्योंकि यहां भाजपा सरकार बनी तो पार्टी को केरल, तेलंगाना और पंजाब में फैलाने में मदद मिलेगी.

‘‘एबार बांग्ला (अबकी बार बंगाल)’’ का पार्टी का नारा भाजपा और शाह दोनों के लिए एक निर्णायक सियासी लम्हा होगा.
शीर्ष के सारे ही मोर्चे पर
भाजपा के यही कोई 109 राष्ट्रीय नेता पश्चिम बंगाल में प्रचार कर रहे हैं. इनमें केंद्रीय मंत्री, शीर्ष पदाधिकारी, सांसद और दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री/मंत्री शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र शेखावत सभी अहम अभियानों को संभाल रहे हैं; अर्जुन मुंडा और पूर्व केंद्रीय मंत्री जोएल उरांव को खास तौर पर जनजातीय क्षेत्रों पर केंद्रित करने को कहा गया है; और जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया जंगलमहल के इलाके में पूरी सक्रियता के साथ डटे हुए हैं

रैलियां और रोडशो
प्रस्तावित/संपन्न मुख्य प्रचारक, नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री 20-25/12
शीर्ष जमात के दूसरे प्रचारक, अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री, 50-60 /24
जे.पी. नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, 68/16, योगी आदित्य नाथ मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
30 शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश, 10 दूसरी श्रेणी के प्रचारक, सभी की 10-20 रैलियां, नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और एक्सप्रेस वे मंत्री
स्मृति ईरानी, केंद्रीय कपड़ा और महिला तथा बाल विकास मंत्री, राजनाथ सिंह, केंद्रीय रक्षा मंत्री,
ज्योतिरादित्य सिंधिया
राज्यसभा सांसद
नरोत्तम मिश्र
गृह मंत्री, मध्य प्रदेश
फग्गन सिंह कुलस्ते
केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री
स्टार
प्रचारक
मिथुन चक्रवर्ती
पूर्व अभिनेता
100/17
गौतम गंभीर
पूर्व क्रिकेटर
रवि किशन
अभिनेता
मनोज तिवारी
गायक-अभिनेता और लोकसभा सांसद
दसों दिशाओं में...दल बादल-से
भाजपा ने पूरे राज्य में पांच क्षेत्रों में बांटा है और हर क्षेत्र के लिए एक-एक विशेष प्रभारी नियुक्त किया गया है
(मालदा और जलपाइगुड़ी प्रखंड) हरीश द्विवेदी राष्ट्रीय सचिव
अजय जामवाल महामंत्री (संगठन) पूर्वोत्तर क्षेत्र राढ़ बंग (दक्षिण-पश्चिम जिले)
बीरभूम, बर्धमान और मुर्शिदाबाद, विनोद सोनकर राष्ट्रीय सचिव, रवींद्र राजू महामंत्री (संगठन), हरियाणा, नवद्वीप क्षेत्र, विनोद तावड़े, राष्ट्रीय सचिव भीखूभाई दलसानिया महामंत्री (संगठन), गुजरात. कोलकाता क्षेत्र दुष्यंत गौतम राष्ट्रीय महामंत्री, सुनील बंसल महामंत्री (संगठन),, उत्तर प्रदेश, हुबली-हावड़ा-मिदनापुर, सुनील देवधर, राष्ट्रीय सचिव. पवन राणा महामंत्री (संगठन), हिमाचल प्रदेश
● लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के आधार पर पांच क्षेत्र बांटे गए हैं (बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटे हैं)—हर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधानसभाई क्षेत्रों के लिए पार्टी ने एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया है
●ये पर्यवेक्षक भाजपा के दूसरे राज्यों के स्थानीय सांसद और शीर्ष पदाधिकारी हैं. इन्हें विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलने का जिम्मा सौंपा गया है.
● हर जिलाध्यक्ष और दूसरे पदाधिकारी हर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी की मदद कर रहे हैं. यही लोग बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और पन्ना प्रमुखों तक संदेश पहुंचाने का काम करते हैं.
आलेख: अनिलेश एस. महाजन और रोमिता दत्ता
ग्राफिक: तन्मय चक्रवर्ती..

