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राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणेः वायरस पर पहरा

एनआइवी रोज औसतन 3,000 नमूने संभालता है और भारत के कुल करीब एक-तिहाई नमूनों की जांच कर चुका है, एनआइवी अच्छे टीमवर्क की वजह से वायरस से लड़ पाया

मुमकिन हुआ मिशन डॉ. प्रिया अब्राहम
मुमकिन हुआ मिशन डॉ. प्रिया अब्राहम
अपडेटेड 16 अक्टूबर , 2020

जनवरी के आखिर में जब भारत में नॉवेल कोरोनावायरस के आगमन की तस्दीक हुई, तभी से राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) परीक्षण क्षमता बढ़ाने, प्रशिक्षण देने और नई टेस्ट किट विकसित करने के मिशन में जुटा रहा है. इसी की कोशिशों का नतीजा है कि देश में अब कोविड की 107 वायरस रिसर्च और डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाएं, 935 सरकारी अस्पताल प्रयोगशालाएं और 1,500 निजी प्रयोगशालाएं हैं.

शुरुआती दिनों में एनआइवी ने नमूने भेजने और उन्हें संस्थान तक लाने के लिए, यहां तक कि आधी रात को भी हवाई अड्डों पर कर्मचारी तैनात करने का पूरा खर्च उठाया. केंद्र की निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम कहती हैं, ''चूंकि मरीजों को अलग-थलग रखने की जरूरत थी, इसलिए हमने जांच पूरी करने के लिए बहुत तेज रफ्तार से काम किया.'' एनआइवी रोज औसतन 3,000 नमूने संभालता है और भारत के कुल करीब एक-तिहाई नमूनों की जांच कर चुका है.

डॉ. अब्राहम कहती हैं, ''एनआइवी अच्छे टीमवर्क की वजह से वायरस से लड़ पाया. (दबाव कम करने के लिए) मैं निजी तौर पर खुद मध्यस्थ का काम करती हूं, लेकिन कई लोगों ने हमारी कामयाबी के लिए जरूर प्रार्थनाएं की होंगी.''


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