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"रैप बनाना बहुत आसान है"

सतिंदर सरताज के नाम से पहचाने वाले पंजाबी गायक और अभिनेता सतिंदर पाल सिंह से उनकी आने वाली फिल्म, पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में आ रहे बदलावों और पंजाबी संस्कृति पर बातचीत

सतिंदर सरताज
सतिंदर सरताज
अपडेटेड 26 अप्रैल , 2024

● पंजाबी गाने पहले लोक संस्कृति से प्रभावित होते थे लेकिन अब रैप कल्चर क्यों हावी हो रहा है?

पंजाबी युवाओं का एक बड़ा हिस्सा कनाडा के दो राज्यों - ब्रिटिश कोलंबिया और ओंटारियो में है. पंजाबी लड़के पंजाब में पलते-बढ़ते हैं इसलिए भाषा पर पकड़ अच्छी होती है. चूंकि वे बाहर चले जाते हैं तो वेस्ट का म्यूजिक और पंजाबी भाषा मिलकर काम करते हैं. इसलिए पंजाब में रैप कल्चर बढ़ रहा है. दूसरा कारण है कि रैप बनाना आसान है. एक रिदम पर गाना बना सकते हैं. ये अलग कला है. लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चल पाता. हफ्ते भर बाद ही मन ऊबने लगता है. दूसरी तरफ हिंदी फिल्मों की पुरानी मेलोडी को देख लीजिए, उन्हें हम आज भी सुनते हैं.

● आपकी फिल्म शायर आ रही है. कली जोट्टा के बाद अब इस फिल्म से आपको कितनी उम्मीदें हैं?

2024 में नीरू (बाजवा) के साथ यह मेरी पहली फिल्म है. फिल्म में प्यार की कहानी है, साथ में शायराना अंदाज और पंजाबी फील है. फिल्म पंजाब के बाहर भी लोगों को खूब पसंद आने वाली है. इसके गानों पर हमें जैसा रेस्पॉन्स मिला है उससे जोश हाई है. 19 अप्रैल को यह सिनेमाघरों में आएगी. उदय प्रताप सिंह के डायरेक्शन के साथ योगराज सिंह जैसे बड़े नामों का टच है. उम्मीद है शायर पिछली फिल्म कली जोट्टा का रिकॉर्ड तोड़ देगी.

● सतिंदर सरताज बॉलीवुड या हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए गाने से परहेज क्यों करते हैं?

पॉपुलर म्यूजिक के लिए मुझे खुद को बदलना पड़ेगा और यह न उस म्यूजिक के लिए अच्छा है, न हमारे लिए. एक गाना है जिसका मैं नाम नहीं लूंगा, उन्होंने मुझे भेजा, मैंने डब भी किया लेकिन फिर मना कर दिया. मैंने कह दिया कि इसे आप किसी और से करा लीजिए. मेरी अपनी अदायगी है. अगर हिंदी सिनेमा या बॉलीवुड (मेरे किस्म के प्रयोग के लिए) तैयार है तो मैं भी तैयार हूं.

● इतनी पुरानी और कई शानदार फिल्में देने वाली पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री ने फिल्में प्रोड्यूस करनी कम कर दी हैं. ऐसा क्यों?

ऐसा नहीं है कि पंजाब में फिल्में नहीं बन रही हैं. कैरी ऑन जट्टा और कली जोट्टा जैसी फिल्में काफी कमाई कर रही हैं. हां, ये जरूर है कि साउथ और बॉलीवुड से तुलना करने पर यह थोड़ा छोटा लगता है क्योंकि उनका स्केल पहले से ही काफी बड़ा है. हम भी अपना स्केल बढ़ा रहे हैं. इसके लिए अच्छी-अच्छी फिल्में कर रहे हैं. स्क्रिप्टराइटिंग पर काफी मेहनत की जा रही है. कुछ फिल्मों को हिंदी में भी डब कर रहे हैं.

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