बीजेपी पहली बार मंडल स्तर तक प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की पूरी फौज तैयार
करने का खाका बुन चुकी है जो पार्टी की विचारधारा से लैस हों. इस
महाप्रशिक्षण अभियान के प्रभारी महासचिव मुरलीधर राव ने इंडिया टुडे के
विशेष संवाददाता संतोष कुमार से बातचीत की:
महाप्रशिक्षण अभियान क्या है और क्या तैयारी है?
2014 के चुनाव में बीजेपी को लोगों का अप्रत्याशित समर्थन मिला. हमारी क्षमता 182 सीट से 282 पर पहुंच गई. बीजेपी के प्रति जो आकर्षण बना है, उसके बाद हमने सबको सदस्यता अभियान के जरिए पार्टी से जोड़ा. जो सदस्य बने हैं, उन सबको पार्टी के बूथ और स्थानीय इकाई से लेकर केंद्रीय स्तर तक जोडऩा है. इसमें कार्यकर्ता का विकास, क्षमता बढ़ाना, पार्टी इतिहास और सिद्धांत, संगठनात्मक कार्यपद्धति और हमारे कार्यक्रमों की विशिष्टता के बारे में देश भर के कार्यकर्ताओं में सामान्य तौर से एक समान समझ रहनी चाहिए. इसको देखते हुए हमने प्रशिक्षण अभियान की पूरी परिकल्पना की है.
सदस्यता में 11 करोड़ के आंकड़ों को लेकर संदेह है कि महासंपर्क में यह आंकड़ा इतना रह पाएगा.
इसकी कुछ संभावना है. लेकिन छंटनी और कटौती करने के बाद भी 10 करोड़ से ऊपर का जो कीर्तिमान पार्टी ने स्थापित किया है, वह रहेगा.
पीढ़ी बदलाव के बाद पार्टी में धारणा है कि व्यक्ति हावी है, टीम नहीं.
यह तात्कालिक विषय है. यह पार्टी एक वैचारिक लीक पर चलने वाली है. हम 1952 से काम कर रहे हैं. इस पार्टी के निर्माण में कई नेता आए, पीढिय़ों के बदलाव को संभालने का अनुभव पार्टी के पास है. यह किसी एक व्यक्ति या वंश की पार्टी नहीं बन सकती. हमारे यहां आंतरिक व्यवस्थाएं इतनी मजबूत हैं कि इन सबको हम संभाल लेंगे, लोग भी समझ जाएंगे कि यह पार्टी सामूहिक नेतृत्व वाली पार्टी है.
आज युवा फौरन नतीजे चाहता है, ऐसे में विचारधारा की घुट्टी पिलाएंगे तो उसे लंबे समय तक कैसे जोडक़र रख सकेंगे?
मैं इससे सहमत हूं. लेकिन हमारी जीत भी युवा के कारण है और सदस्यता भी. वे रिजल्ट चाहते हैं इसलिए बीजेपी जीत गई. इसलिए हम भी स्पीड से चल रहे हैं. हम 15 लाख लोगों को प्रशिक्षित कर रहे हैं और पार्टी को ऐसे तैयार कर रहे हैं कि युवा जो चाहता है, उसे देने की क्षमता पार्टी के अंदर भी बढ़े और उसके नेतृत्व, परिवर्तन करने की क्षमता भी बढ़े.
अलग प्रशिक्षण अभियान का श्रेय किसे जाता है?
यह श्रेय दो लोगों को जाता है. नरेंद्र मोदी और अमित शाह. उनका आकर्षण देश में, युवाओं में बड़े विस्तार से गया और उसको पार्टी के अंदर समेटने का काम और निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष का है. शाह जो सोचते हैं, वह कहते हैं और जो कहते हैं, वही करते हैं.
क्या चुनौतियां हैं सरकार के सामने?
सबसे बड़ी चुनौती है—उम्मीद बनाम उपलब्धि. हमारी चुनौती विपक्ष नहीं, बल्कि देश के लोगों की आकांक्षाएं और अपेक्षाएं हैं.
बीजेपी कभी एक व्यक्ति/वंश की पार्टी नहीं बन सकती: मुरलीधर राव
बीजेपी पहली बार मंडल स्तर तक प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की पूरी फौज तैयार करने का खाका बुन चुकी है जो पार्टी की विचारधारा से लैस हों. इस महाप्रशिक्षण अभियान के प्रभारी महासचिव मुरलीधर राव ने इंडिया टुडे के विशेष संवाददाता संतोष कुमार से बातचीत की:

अपडेटेड 20 जुलाई , 2015
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