विशेषांकः चेहरे की मुस्कान लौटाते हैं जस्सी

मुख्य कार्य: जसविंदर पाल सिंह ने डिप्रेशन से जूझ रहे करीब 17,000 लोगों की काउंसलिंग (परामर्श सहायता) की है. वे 'इंस्टीट्यूट ऑफ हैपीनेस’ भी चलाते हैं.

जसविंदर पाल सिंह
जसविंदर पाल सिंह

खुशी की खोज/खुशी के वाहक

जसविंदर पाल सिंह 55 वर्ष
इंस्टीट्यूट ऑफ हैपीनेस
वडोदरा, गुजरात

उन्नीस सौ अट्ठान्नबे में मुसीबत में फंसे एक दोस्त की कॉल ने मैकेनिकल इंजीनियर जसविंदर पाल सिंह को पेशेवर हैपीनेस ट्रेनर बना दिया. दिल्ली का रहने वाला उनका दोस्त बहुत निराश था और अपने निजी तथा पेशेवर जीवन में ताबड़तोड़ झटकों के बाद जान देने पर आमादा था. जसविंदर बताते हैं, ''मैंने उससे कहा कि तुम महीने भर के लिए 'खुदकुशी की योजना’ टाल दो और इस दौरान तीन जी-ग्रेटिट्यूड (कृतज्ञता), गुडनेस (अच्छाई) और गिविंग (देने का भाव) पर ध्यान केंद्रित करो.’’

उन्होंने दोस्त से उन सभी का शुक्रिया अदा करने को भी कहा जिन्होंने उसके लिए कुछ अच्छा किया या उसका साथ दिया था. दोस्त ने उनकी सलाह को दिल से माना और 32 दिनों के बाद वह एक बदला हुआ शख्स था. वे याद करते हैं, ''दोस्त ने ही मुझे सुझाया कि मैं काउंसलिंग के बारे में भी गंभीरता से सोचूं. इस घटना ने मेरा भी जीवन बदल दिया.’’ दो साल बाद उन्होंने स्टिकर छपवाए जिस पर लिखा था 'आप उदास हैं तो जस्सी को कॉल करिए ना!’

इस तरह जस्सी के 'इंस्टीट्यूट ऑफ हैपीनेस’ की नींव पड़ी, जो अब एनकॉन थर्मल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर से चलता है, जहां वे मार्केटिंग डायरेक्टर हैं. जसविंदर अब तक करीब 17,000 लोगों की उदासी दूर करके खुश होने के टिप्स दे चुके हैं. चश्मों के पीछे से गर्व से भरी आंखों के साथ जस्सी कहते हैं, ''अभी तक किसी को भी शिकायत का मौका नहीं दिया है जी.’’

जटिल मुद्दों को सरल बनाने और विभिन्न विषयों पर हुए शोध के सार को सरल ढंग से समझाने की जस्सी की क्षमता, उन्हें अपना काम आसानी से करने में सक्षम बनाती है. वे अक्सर अपनी बात को लोगों के दिमाग में बिठाने के लिए चुटकुलों और वास्तविक जीवन की घटनाओं और कहानियों का सहारा लेते हैं.

वे अब भारत और विदेशों में करीब 147 कॉर्पोरेट घरानों के लिए 'हैपीनेस’ ट्रेनिंग वर्कशॉप भी करते हैं. दून स्कूल के पूर्व छात्र जस्सी का मानना है कि केवल दो तरह की भावनाएं होती हैं—भय और प्रेम. ''हमारे दिमाग में सैकड़ों नकारात्मक विचार होते हैं.

आप सकारात्मक रहना चाहते हैं, तो आपको उन विचारों को डर से मोड़कर प्रेम की तरफ ले जाना होगा. कोई व्यक्ति दुखी इसलिए होता है क्योंकि वह जिंदगी को अपने नियंत्रण में न लेकर सारी परेशानियों के लिए दूसरों को दोषी ठहराता है.’’ 

जस्सी क्लाइंट्स को बताते हैं कि जीवन में अपने आप हमारे साथ कुछ भी नहीं हो रहा, हम जीवन में जो दे रहे हैं उसकी प्रतिक्रिया हमारे सामने आ रही है. ''जीवन में कुछ कमी है तो इसका कारण है कि आप वह विशेष चीज दूसरों को नहीं दे रहे. लोग बीज बोने से पहले फल काटना चाहते हैं. यही समस्या की जड़ है.’’

जसविंदर का मानना है कि पैसा, प्रसिद्धि और शारीरिक सुंदरता मुख्य रूप से पागलपन की हद तक लेकर जाते हैं, जो हमें खुशियों से वंचित करते हैं. वे सलाह देते हैं, ''इन पागलपनों से खुद को दूर रखने और खुश होने की आदतें विकसित करने से आप स्वाभाविक रूप से सकारात्मक हो जाएंगे.’’ 

खुशी का मंत्र
''दुनिया में अच्छा काम करने से खुशी तो यूं ही घाते-पाते में मिलती है. खुश और प्रसन्न रहने के लिए हमें अपने हर काम की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी’’.

Read more!