‘‘हे, रॉकस्टार!’’
बदला (2019) के दौरान, वे मुझे चिढ़ाते हुए कहते थे, ''मोहतरमा, आप थोड़ा-सा तो रिहर्सल कर लीजिए मेरे साथ.

अमिताभ बच्चन@80
तापसी पन्नू
मैं ऐसे परिवार में पली-बढ़ी, जिसे फिल्मों का शौक नहीं था. लेकिन हम जानते थे कि अमिताभ बच्चन ऐसा नाम है, जो हिंदी सिनेमा का पर्याय है. 2016 में जब मुझे पिंक मिली उससे पहले मैंने केवल एक हिंदी फिल्म में काम किया था. इस फिल्म का हिस्सा बनने का जश्न मनाने से ज्यादा, मुझे डर लगने लगा था और मैं लगातार यही सोचने लगी थी कि वे लोग ''मुझे पिक्कर से निकाल देंगे.’’
इस फिल्म का 'रीडिंग सेशन’ उनके 'जलसा’ स्थित कार्यालय में था. मुझे याद है कि उस दौरान मैं अजीब तरीके से बहुत शांत थी. जब बच्चन ने पूछा कि हम क्या खाना-पीना चाहेंगे, तो उनकी मौजूदगी से विस्मित लोगों में से किसी ने शायद ही कोई जवाब दिया. लेकिन, मैंने उनसे पूछा, ''यहां क्या-क्या मिल सकता है?’’ सब चुप्पी साधे मुझे देखते रहे. मैंने ग्रीन टी मांगी. शायद यह हमारे बीच की चुप्पी तोड़ने का मेरा तरीका था जिसमें मैं तय करना चाहती थी उनकी उपस्थिति में मैं अजीब न महसूस करूं. इसका मतलब यह नहीं है कि मैं घबराई हुई नहीं थी.
यह घबराहट शूटिंग के पहले ही दिन दिख गई. एक दृश्य में मुझे बस लेटकर सोना था, लेकिन उस शॉट को पूरा करने में कई टेक लेने पड़े. मेरी पलकें लगातार फड़फड़ा रही थीं. शुक्र है कि उस दिन मैंने केवल वही शॉट दिया था. तब मुझे एहसास हुआ कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं उन्हें महान 'अमिताभ बच्चन’ के रूप में लेना बंद कर दूं.
मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है, लेकिन मैं उन्हें बहुत ऊंचे पायदान पर नहीं बिठाना चाहती थी, क्योंकि ऐसा करने पर मैं न तो उनके सामने काम कर पाती, न बातचीत कर पाती और न ही उनसे कुछ सीख पाती. मैंने देखा है कि जब लोग ऐसा करते हैं, तो बच्चन उनकी पहुंच से बाहर हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि उन लोगों से संवाद नहीं कर सकते.
बच्चन के अधिकांश युवा सह-कलाकार इस बात से सहमत होंगे कि वे अपनी शैली को लेकर रूढ़ नहीं हैं. वे अभी भी पानी की तरह जिस बर्तन में पड़ें, वही आकार लेने के लिए तैयार हैं. जब कोई अपने कला-अभ्यास में पूर्णता हासिल कर लेता है, तो एक निश्चित बिंदु के बाद उसके साथ बहुत ज्यादा छेड़छाड़ के लिए तैयार नहीं होता.
लेकिन बच्चन सर्वदा प्रयोगशील रहते हैं. जब निर्देशक उनसे रीटेक के लिए कहते हैं, तो वे मान जाते हैं. उनके अपने प्रश्न होते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्होंने कभी एक और टेक देने के प्रति अनिच्छा दिखाई हो, या कभी किसी निर्देशक को उन्हें रीटेक के लिए कहने में झिझक होती हो.
बच्चन अपनी भूमिकाओं के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी करते हैं. संबंधित विषय पर उनके शोध की गहराई किसी को भी शर्मिंदा कर सकती है और वे हर शॉट की रिहर्सल करना पसंद करते हैं. दूसरी ओर, मुझे रिहर्सल करना पसंद नहीं है.
अगर मैं रिहर्सल करती हूं, तो उसी में थक जाती हूं. हालांकि, वे मेरी इस कमी के बारे में जानते हैं और उदारता दिखाते हैं. बदला (2019) के दौरान, वे मुझे चिढ़ाते हुए कहते थे, ''मोहतरमा, आप थोड़ा-सा तो रिहर्सल कर लीजिए मेरे साथ.’’ मैं अक्सर दूसरे कमरे में छिप जाती थी, ताकि वे मुझे रिहर्सल करने के लिए न कह पाएं.
मैं बच्चन को भेजे जाने वाले संदेशों में उन्हें 'सर’ कहकर संबोधित नहीं करती. मेरे संदेश आम तौर पर 'हे, रॉकस्टार’ से शुरू होते हैं. उनके 80वें जन्मदिन पर, मैं उनसे कहना चाहती हूं कि ''हे, रॉकस्टार, हमारी हैट्रिक अभी बाकी है.’’
(तापसी पन्नू ने अमिताभ बच्चन के साथ पिंक और बदला में काम किया है)