मेक इन इंडियाः जूता है हिंदुस्तानी
जूते के अलावा कंपनी एसेसरीज जैसे गॉगल्स, दस्ताने और परिधान भी बनाती है

रोजर इंडस्ट्रीज के मालिक कुलबीर सिंह की उम्र 71 वर्ष है
कुलबीर सिंह और उनकी पत्नी दलबीर कौर ने जर्मनी में जूता फैक्ट्री में नौकरी से अपनी यात्रा शुरू की थी. 1979 में वे चमड़े के जूतों का ऊपरी हिस्सा बनाने लगे और जर्मनी ही उनके शुरुआती बाजारों में से एक था. चार दशक बाद, आज आगरा स्थित उनकी कंपनी का टर्नओवर 111 करोड़ रु. का है.
उनकी फैक्ट्री में हर महीने लगभग 1,00,000 जोड़ी जूते तैयार होते हैं और उनका पूरे यूरोप, अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों को निर्यात होता है. उत्पादन के प्रत्येक चरण में उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए कंपनी का अपना परीक्षण केंद्र है.
कंपनी को काउंसिल ऑफ लेदर एक्सपोर्ट ने सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट से नवाजा. उसे साथ ही एमएसएमई अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस और निर्यात में उम्दा प्रदर्शन के लिए आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चर्स और एक्सपोर्टर्स की ओर से सम्मानित किया जा चुका है.
कंपनी ने इसके अलावा सुरक्षाकार्यों के दौरान पहने जाने वाले जूते भी बनाने शुरू किए हैं. जूते के अलावा कंपनी एसेसरीज जैसे गॉगल्स, दस्ताने और परिधान भी बनाती है. यूरोसेफ्टी फुटवियर के अध्यक्ष (ऑपरेशंस) और निदेशक वरुण बुद्धिराजा कहते हैं, "हमें मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े कार्यों में पहने जाने वाले सुरक्षा उपकरणों के निर्माण में काफी संभावनाएं दिखती हैं. अगले दशक में सुरक्षा उपकरणों की मांग आसमान छू रही होगी.''