आवरण कथाः कब तक है जान!
महामारी के बाद की दुनिया में पर्यटकों को लुभाने के लिए पर्यटन क्षेत्र को किसी नए बिजनेस मॉडल के बारे में सोचना होगा.

पर्यटन उन क्षेत्रों में है जिन पर महामारी की मार सबसे पहले पड़ी और इस संकट के खत्म होने के बाद वे ही सबसे देर से उबरेंगे. भारत में सालाना करीब 1.1 करोड़ विदेशी पर्यटक आते हैं. हालांकि भारत के आकार और पर्यटन की क्षमता को देखते हुए यह संख्या बहुत कम है. मसलन, दुबई को हर साल 1.6 करोड़ पर्यटक मिलते हैं. महामारी के पहले कुछ महीनों में होटलों में कोई अतिथि नहीं पहुंचा चाहे वह होटल किसी भी श्रेणी का हो.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के एक शोध में पता चला है कि इन दिनों होटलों के राजस्व में 80-85 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है. 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के समय होटलों की ऑक्युपेंसी में एक साल पहले के 75 फीसद के मुकाबले 7 फीसद तक की गिरावट आई थी. सीआइआइ-होटलिवेट अनुसंधान कहता है कि ब्रांडेड और अनब्रांडेड होटलों समेत आतिथ्य उद्योग को 1.4 लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुक्सान होगा, लेकिन ऑक्युपेंसी के लिहाज से ब्रांडेड होटलों में बेहतर वसूली देखी जा सकती है.
पोस्टकार्ड होटल्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कपिल चोपड़ा का कहना है कि बिजनेस होटल श्रेणी के मुकाबले घुमंतू यात्रियों को और खानपान की सेवाएं देने वाले व्यवसायों में तेजी से सुधार की संभावना है क्योंकि कोविड के बाद दुनिया में यात्राएं कम होंगी और लोग वर्चुअल मीटिंग ज्यादा करेंगे.
कुछ राज्यों ने पर्यटन-केंद्रित पैकेज तैयार किए हैं. केरल ने 455 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है, जबकि तमिलनाडु ने कहा है कि राज्य की माली हालत को देखते हुए क्षेत्रवार विशिष्ट पैकेज की गुंजाइश नहीं है. तमिलनाडु के पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विक्रम कपूर का कहना है कि सेक्टर का पुनरुद्धार, मांग में फिर से वृद्धि और केंद्र से मिले प्रोत्साहन पर निर्भर करेगा.
‘‘कोविड का असर अभी यही कोई अगले डेढ़ साल रहने वाला है. यह इस पर निर्भर है कि कोई इलाज या वैक्सीन कब तक आ पाती है’’
केस स्टडी
जयदीप सिंह चंदेल, 38 वर्ष
मालिक, रामगढ़ हेरिटेज, हरियाणा
चंदेल ने लॉकडाउन के ऐलान के तुरंत बाद अपने रामगढ़ हेरिटेज, ए वेलकमहेरिटेज होटल को बंद कर दिया. अप्रैल की सारी बुकिंग के पैसे वापस करने पड़े. छह महीने से होटल बंद है और इसके रखरखाव के लिए चंदेल को बचत में से पैसे खर्चने पड़ते हैं. चंदेल कहते हैं, ''कोविड आधे साल के बिजनेस को लील ही चुका है, लेकिन इसके बाद अतिथियों के लिए होटल के अनुभव और होटलों में अतिथियों को प्रदान की जाने वाली सेवाएं बहुत बदली हुई दिखेंगी.’’
वेलकम ग्रुप को तय मानदंडों के अनुसार सैनिटेशन में निवेश करना पड़ा है, जिसमें कोल्ड फॉगिंग, बैगेज स्प्रे मशीन और सब्जियां छीलने-काटने के लिए मशीनें शामिल हैं. उन्हें अक्तूबर में होटल खुलने की उम्मीद है लेकिन सीमित कर्मचारियों और सेवाओं के साथ. उन्हें अपने कुल 40 कर्मचारियों में से 30 को हटाना पड़ा था.
क्षेत्र का कुल आकार
18.3 लाख करोड़ रु.
रोजगार
3.98 करोड़
जीडीपी में हिस्सेदारी
9 %
क्षेत्र का कुल आकार
6.7 लाख करोड़ रु. (2018 में)
रोजगार अनुपलब्ध
जीडीपी में हिस्सेदारी
3.3 %
साथ में चुमकी भारद्वाज