सीन की शुरुआत होती है अशोक कुमार आकर एक व्यक्ति से उसकी बेटी का हाथ मांगते हैं. खिड़की के पीछे दूसरे कमरे में यह सुन रही नायिका के अधखुले होंठ खुशी से थरथरा जाते हैं. और फिर एक गीत शुरू होता है. आपने सुनी जरूर होगीः दिल का दिया जला के गया, ये कौन मेरी तन्हाई में...
श्वेत-श्याम फिल्म आकाशदीप के इस गीत में लता मंगेशकर की आवाज लगता है, इसी नायिका के लिए गढ़े गए हों. बेइंतहा खूबसूरत और साड़ी में लिपटी नायिका के होंठ और लंबे खिंचे हुए आंख और भारी पलकें क्लोज शॉट में बेहद शाइस्तगी से ऊपर उठते हैं. पीछे दीवार पर गिरता नायिका का साया भी उतना ही सुंदर दिख रहा है. और फिर नायिका आहिस्ते से उठती है और कैमरे की तरफ बढ़ती है, कैमरा बैक ट्रैक होता है...आप गीत में, और नायिका के सहज भारतीय सौंदर्य में खोते जाते हैं. वह सहज अभिनय करने वाली नायिका निम्मी थीं.
अपने ज़माने की मशहूर अदाकारा निम्मी अब नहीं रहीं. लंबी बीमारी के बाद उनका मुंबई में निधन हो गया. सांस संबंधी बीमारी से जूझ रही 87 साल की निम्मी ने 25 मार्च की शाम छह बजे आखिरी सांस ली.
निम्मी पचास और साठ के दशक में सितारा हैसियत पा चुकी थीं. अगर आप उस दौर के फिल्मों में दिलचस्पी रखते हों तो आपने आन, बरसात और दाग जैसी फिल्में जरूर देखी होंगी.
निम्मी ने राज कपूर और नरगिस वाली फिल्म ‘बरसात’ (1949) से अपना करियर शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने ‘दीदार’, ‘आन’, ‘कुंदन’, ‘दाग’ और ‘बसंत बहार’ जैसी कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया.
निम्मी का असली नाम नबाव बानू था और राज कपूर ने उनको नया नाम दिया था निम्मी. निम्मी को राज कपूर ने फिल्म अंदाज के सेट पर देखा था. राज कपूर ने उनको वहीं देख लिया और बरसात में कास्ट कर लिया. इस फिल्म में तीन बेहद लोकप्रिय गाने थे. बरसात में हमसे मिले तुम, और तुमसे मिले हम सजन... इसमें लंबे इंटरल्यूड के दौरान सधा हुअ नृत्य देखिए. या फिर उसी फिल्म का दूसरा बेहद पॉपुलर रहा गाना, ....हवा में उड़ता जाए मेरा लाल दुपट्टा...और मेरी पतली कमर है...ये तीनों उन्हीं पर फिल्माए गए थे.
बरसात की कामयाबी के बाद निम्मी के लिए दरवाजे खुल गए थे. हालांकि, उन्होंने दो नायिकाओं वाली फिल्मों में दूसरी नायिका की कमतर लंबाई वाले किरदार अधिक निभाए. और उनकी छवि खराब किस्मत वाली गांव की गोरी की बन गई थी.
उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि फिल्म आन में एक लंबा ड्रीम सीक्वेंस को खास तौर पर बाद में फिल्म में जोड़ा गया. क्योंकि वितरकों को लगा कि उनका किरदार फिल्म में काफी पहले मर जाता है. आन फिल्म मूल रूप से शेक्सपियर की कहानी टेमिंग ऑफ द श्रू पर आधारित थी और इसमें मुख्य भूमिकाएं दिलीप कुमार और नाडिया निभा रहे थे. लेकिन गांव की लड़की का मंगला का किरदार निभा रही निम्मी ने दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी.
यह फिल्म इंग्लैंड में सेवेज प्रिंसेस और फ्रांस में मंगला फिले द इंडिज (मंगला, भारत की बेटी) के नाम से रिलीज हुई थी.
निम्मी ने अपने वक्त के सभी बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया, इनमें जाहिर है राज कपूर, दिलीप कुमार, देव आनंद और अशोक कुमार शामिल रहे. सजा, आन, उड़न खटोला, भाई-भाई, कुंदन मेरे महबूब पूजा के फूल, आकाशदीप, लव ऐंड गॉड इनमें शामिल है. लव ऐंड उनकी आखिरी फिल्म रही. लेख निर्देशक एस अली रजा से विवाह करने के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया.
आज की पीढ़ी शायद निम्मी को नहीं जानती होगी. पर, अगर यह पीढ़ी निम्मी के सफर को गौर से देखे तो यह समझ पाएगी कि सीधी-सादी शर्मीली नबाव बानू से निम्मी बनकर परदे पर गाने मेरी पतली कमर है कि पश्चिमी धुन पर थिरककर दर्शकों के दिलों में पैठ बनाने और दिमाग में छा जाने में कितनी मेहनत और संकल्प की जरूरत होती है. निम्मी वही थी. संकल्प और मेहनत.