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रक्षा उत्पादों का हब बनेगा यूपी

नौसेना यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित करेगी. इस सेंटर के जरिए नौसेना आइआइटी, कानपुर के सहयोग से विभि‍न्न प्रकार के 'नेवल अप्लीकेशन' विकसित करेगी. 

यूपीडा और इंडियन नेवी के बीच एमओयू साइन करने के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
यूपीडा और इंडियन नेवी के बीच एमओयू साइन करने के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
अपडेटेड 24 अगस्त , 2020

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन से जुड़ी कार्यवाही के लिए “इनवेस्ट यूपी” नामक संस्था का गठन 14 अगस्त को किया. इस संस्था की गवर्निंग बाडी के चेयरमैन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग (एमएसएमई) मंत्री स्रिद्धार्थनाथ सिंह को बतौर उपाध्यक्ष इस संस्था में जगह दी गई है. “इनवेस्ट यूपी” संस्था के गठन के तीसरे दिन 17 अगस्त को सिद्धार्थनाथ सिंह‍ ने जर्मन रक्षा निर्माण कंपनी “रीनमेटाल” के साथ एक आभासी बैठक की, जिसमें कंपनी ने यूपी के रक्षा गलियारे में निवेश करने में रुचि व्यक्त की. जर्मन कंपनी ऑटोमोटिव पार्ट्स, मिलिट्री व्हीकल्स, ऑटोकैनन, ऐंटी-एयरक्राफ्ट डिफेंस सिस्टम, आर्टिलरी, मोर्टार, टैंक गन, गोला-बारूद, फ्यूज सिस्टम (फंक्शन शुरू करने वाले डिवाइस का एक हिस्सा) और इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने में माहिर है.

बैठक में सिद्धार्थनाथ सिंह‍ ने जानकारी दी कि यूपी सरकार गूगल मानचित्र के माध्यम से कंपनी को संभावित निवेश स्थान, भूमि बैंकों का विवरण, प्रत्येक भूखंड के आसपास अवसंरचना और उपलब्ध नीति प्रोत्साहन, जो उन्हें प्रदान किए जाएंगे, की जानकारी मुहैया कराएगी. जर्मन कंपनी का प्रतिनिधित्व “रीनमेटाल इलेक्ट्रॉनिक डिवीजन” के सीईओ सुसैन विगेंड और “रीनमेटाल एयर डिफेंस” के सीईओ फैबियन औशनर द्वारा किया गया था. सिद्धार्थनाथ सिंह ने जर्मन कंपनी के अधिकारियों को सूचित किया कि बिजली के अलावा, यूपी एक्सप्रेसवे, राजमार्ग और हवाई अड्डों के रूप में प्रचुर बुनियादी ढांचा प्रदान करता है. सिद्धार्थनाथ सिंह बताते हैं, “जर्मन कंपनी ने यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में निवेश की इच्छा जताई है. जल्द ही इस दिशा में जरूरी कार्यवाही पूरी हो जाएगी.”


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट डिफेंस इं‍डस्ट्रि‍यल कॉरिडोर की योजना को निवेशकों के पंख लगे हैं. योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष यूपी में डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट का शि‍लान्यास किया था. लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, अलीगढ़, आगरा और झांसी में फैले डिफेंस कॉरिडोर के कुल छह नोड के लिए कुल 5,125.348 हेक्टेयर जमीन प्रस्तावित की गई है. डिफेंस कॉरिडोर के विकास का काम यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रि्यल डेवलेपमेंट अथारिटी (यूपीडा) संभाल रहा है. भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी डिफेंस कॉरिडोर मुख्य भूमिका निभाएगा. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 13 अगस्त को नौसेना और यूपीडा के बीच एमओयू साइन किया गया. नौसेना यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित करेगी. इस सेंटर के जरिए नौसेना आइआइटी, कानपुर के सहयोग से विभि‍न्न प्रकार के “नेवल अप्लीकेशन” विकसित करेगी. 


सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं, “देश की राजधानी नई दिल्ली के करीब होने का लाभ भी यूपी के डिफेंस कॉरिडोर को मिल रहा है. बड़ी संख्या में निवेशकों ने यहां निवेश करने में अपनी रुचि जाहिर की है.” डिफेंस कॉरिडोर के लिए चिन्हित छह नोड में से एक अलीगढ़ में इसके लिए चिन्हित पूरी जमीन को निजी निवेशकों ने यहां पर आधुनिक हथि‍यार और रक्षा संचार सिस्टम के निर्माण की यूनिट लगाने के लिए खरीद लिया है. यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रिनयल डेवलेपमेंट अथारिटी (यूपीडा) के सीईऔर और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक, डिफेंस कॉरिडोर के तहत अलीगढ़ नोड में चिन्हिअत सभी 53 हेक्टेयर क्षेत्र को एक दर्जन इनवेस्टर्स को आवंटित किया जा चुका है जिन्होंने प्रदेश सरकार के साथ एमओयू साइन किया है. अलीगढ़ के खैर के अंडला क्षेत्र में यूपीडा डिफेंस कॉरिडोर विकसित कर रहा है. चूकि डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन का अधि‍ग्रहण करने में अलीगढ़ सबसे आगे था इसलिए यहां पर सबसे पहले कंपनियो ने निवेश के लिए इसी जिले को तवज्जो दी है.

अलीगढ़ की दिल्ली और योगी सरकार के प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट से नजदीकी का फायदा मिल रहा है. डिफेंस कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड में नोएडा की “एंकर रिसर्च लैब” ने 100 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लगाने के लिए काम करना शुरू किया है. सरकार ने इन्हें करीब 10 एकड़ जमीन का आवंटन भी किया गया है. उत्तराखंड की त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और दिल्ली की ओशो क्रॉप ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह दोनों फर्म यहां डिफेंस के उत्पाद तैयार करेंगी. अलीगढ़ में निवेश करने वाली स्थानीय कंपनियों में एलन ऐंड एलवन प्राइवेट लिमिटेड और अनु ओवरसीज मुख्य हैं. एलन ऐंड एलवन के एमडी धनजीत वाड्रा बताते हैं कि उनकी कंपनी पहली बार अलीगढ़ में डिफेंस के लिए ड्रोन कैमरे तैयार करने का प्रोजेक्ट लगाने जा रही है. अनु ओवरसीज के एमडी शांतनु गोयल के मुताबिक उनकी कंपनी की इजरायल, रूस, जर्मनी की डिफेंस कंपनियों से बात चल रही है जिनके लिए अनु ओवरसीज द्वारा ‘ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्यूफैक्चर्स’ तैयार किए जाएंगे.


डिफेंस कॉरिडोर में देश-विदेश की कई कंपनियों ने निवेश को लेकर रुचि दिखाई है. यूपीडा इनके लिए डिफेंस कॉरिडोर के जिलों में जमीन का अधि‍ग्रहण कर प्लाट की व्यवस्था कर रहा है. नाम न छापने की शर्त पर उद्योग विभाग के एक अधि‍कारी बताते हैं, “डिफेंस कॉरिडोर में निवेश करने की इच्छा जाहिर करने वाले निवेशकों ने अधि‍कारियों से बातचीत में यह जानकारी दी कि उन्हें काफी अधि‍क दर पर जमीन खरीदनी पड़ रही है. ऐसे में उन्हें स्टांप शुल्क से राहत देनी चाहिए.” निवेशकों से मिले फीडबैक के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार डिफेंस कॉरिडोर में निवेशकों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है. सरकार 'उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2019' में बदलाव करने जा रही है. अब रक्षा इकाईयों को जमीन के हस्तांतरण पर लगने वाले स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी. इसमें यह शर्त होगी कि निवेशक कंपनी से स्टांप शुल्क से छूट की धनराशि‍ के बराबर बैंक से गारंटी प्राप्त की जाएगी. स्टांप शुल्क में यह‍ छूट कितनी होगी इसके लिए सरकार के स्तर पर विचार चल रहा है.

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