scorecardresearch

सस्ते वेंटिलेटर निर्माण का हब बनेगा यूपी

यूपी सरकार की कोशिशों से वेंटिलेटर का उत्पादन बढ़ाने के लिए मारूति सुजुकी और नोएडा की एग्वा हेल्थकेयर कंपनी ने हाथ मिलाया है. कंपनी ने हर महीने 10 हजार वेंटिलेटर बनाने की क्षमता विकसित की है.

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो
अपडेटेड 17 मई , 2020

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण पूरे देश के अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी स्पष्ट दिखाई दे रही है. विदेशों में बनने वाले वेंटिलेटर अमेरिका, यूरोप में ही मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में भारत के लिए विदेश से वेंटिलेटर खरीदना संभव नहीं हो पा रहा है. अब जल्द ही यूपी में वेंटिलेटर के निर्माण का एक नया अध्याय शुरू होने वाला है. प्रदेश सरकार की कोशिशों से वेंटिलेटर का उत्पादन बढ़ाने के लिए मारूति सुजुकी और नोएडा की एग्वा हेल्थकेयर कंपनी ने हाथ मिलाया है.

नतीजा यह निकला कि कंपनी ने हर महीने 10 हजार वेंटिलेटर बनाने की क्षमता विकसित की है. पिछले दस दिनों में नोएडा की इस मझोले आकार की कंपनी ने 3,000 वेंटिलेटर बनाकर अपनी क्षमता को सिद्ध किया है. प्रदेश सरकार वेंटिलेटर निर्माण की इस प्रगति को बड़ी उपलब्धि मान रही है. महज दो-तीन महीने में ही यह कंपनी देश में वेंटिलेटर की कमी को पूरा करने में सक्षम होगी. नोएडा की यह कंपनी अभी तक साल में महज तीन सौ वेंटिलेटर बनाती थी.

प्रदेश के एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक नोएडा की कंपनी एग्वा हेल्थकेयर और मारुति सुजुकी मिलकर देश में वेंटिलेटर निर्माण के क्षेत्र में एक बड़ा योगदान देने जा रहे हैँ. एग्वा द्वारा बनाए जा रहे वेंटिलेटर के दाम विदेशों से आयात होने वाले वेंटिलेटर से चालीस फीसद कम हैं. केंद्र सरकार ने नोएडा की इस कंपनी को 50 हजार वेंटिलेटर निर्माण का आर्डर दिया है. इस कंपनी ने यूपी सरकार को कंपनी को 240 वेंटिलेटर दे दिए हैं और 160 वेंटिलेटर अगले दो दिन में यूपी सरकार को मिल जाएंगे.

मारुति सुजूकी के साथ एक जॉइंट वेंचर के तहत वेंटिलेटर निर्माण की तकनीक एग्वा हेल्थकेयर की है. यूपी में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र के आर्थिक पैकेज की घोषणा होने के महज 24 घंटे के भीतर प्रदेश के 56 हजार से अधिक एमएसएमई उद्यमियों को दो हजार करोड़ रुपए के ऑनलाइन ऋण बांट दिए. लॉकडाउन की अवधि में उद्यमियों को इतनी बड़ी राशि देने वाला यूपी पहला प्रदेश बन गया है.

एमएसएमई विभाग के जरिए यूपी में पीपीइ किट तैयार करने वाली 26 नई इकाइयां लगाई जा रही हैं. इसके अलावा एन-95 मास्क और सेनेटाइजर बनाने के लिए भी सौ से ज्यादा इकाइयों ने यूपी सरकार से संपर्क किया है. ऐसी सभी इकाईयों को हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एमएसएमई विभाग ने साथी पोर्टल (एमएसएमईएसएटीएचआइ.आइएन) और साथी ऐप लॉन्च किया गया है.

***

Advertisement
Advertisement