राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नवनिर्वाचित सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले का सह-सरकार्यवाह के रूप में केंद्र लखनऊ ही था, लेकिन उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज से भी उनका गहरा नाता रहा है. प्रयागराज से उनका लगाव इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि संघ के सरसंघचालक रहे प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भइया की जन्मभूमि और विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे दिवंगत अशोक सिंहल की कर्मभूमि संगम नगरी ही रही है है. दत्तात्रेय होसबाले का प्रयागराज में तकरीबन हर वर्ष आगमन भी होता रहा है. वर्ष 2020 में 22 से 24 नवंबर तक प्रयागराज के यमुनापार के गोहनिया में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में वह यहां सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ ही मौजूद रहे थे. प्रयागराज में वर्ष 2019 में लगे कुंभ के दौरान हुई विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की धर्म संसद में भी दत्तात्रेय होसबोले ने शिरकत की थी. इस दौरान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े तमाम निर्णय उनकी मौजूदगी में ही लिए गए थे. कुंभ मेले के दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने प्रयागराज के झूंसी स्थित संघ कार्यालय में ही प्रवास किया था. अमूमन वह प्रयागराज आगमन के दौरान संघ के सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में ही प्रवास करते रहे हैं. संघ के जानकार बताते हैं कि दत्तात्रेय होसबोले का सरकार्यवाह बनने के बाद यूपी का संघ के भीतर दबदबा बढ़ेगा.
बेंगलूरु में 19 और 20 मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में लिए गए निर्णयों का पश्चिमी और पूर्वी यूपी में भाजपा की अंदरूनी सियासत पर भी असर पड़ेगा. पश्चिमी यूपी में मेरठ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बड़ा केंद्र है, जहां से क्षेत्र प्रचारक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भगवा राजनीति में प्रभावी हस्तक्षेप रखते हैं. यहां आलोक लंबे समय से क्षेत्र प्रचारक थे. उन्होंने संघ और भाजपा के बीच समन्वय बिठाने का कार्य बखूबी किया. पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक आलोक कुमार को अब अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख बनाया गया है. वहीं पश्चिम क्षेत्र के सेवा प्रमुख महेंद्र कुमार को पश्चिम क्षेत्र का क्षेत्रीय प्रचारक बनाया गया है. हाथरस निवासी महेंद्र कई दशक तक प्रचारक रहे हैं. ज्यादातर वक्त पूवरेत्तर भारत में बिताया है. वहां उन्होंने संघ को मजबूत किया. महेंद्र पिछले तीन साल से दीन दयाल धाम, मथुरा-ब्रज प्रांत में कार्यरत रहे हैं. पश्चिमी उप्र में भाजपा की राजनीतिक नियंत्रण मेरठ में संघ के कार्यालय शंकर आश्रम के हाथ में होती है. संघ के जानकारों के मुताबिक, क्षेत्र प्रचारक के बदलने से पश्चिमी उप्र के कई नेताओं का सियासी रुतबा घटेगा. क्षेत्रीय संगठन से लेकर महानगर इकाई तक को नई चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है. 2022 विस चुनावों को देखते हुए भाजपा में कई बड़े बदलाव किए गए. पिछले साल युवा नेता मोहित बेनीवाल को भाजपा का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. कुछ दिनों बाद कर्मवीर को प्रदेश सह-संगठन मंत्री बनाकर मेरठ भेजा गया, जिसका संदेश बड़ा था. इसके बाद अब संघ की प्रतिनिधि सभा ने प्रांत प्रचारक धनीराम को क्षेत्र सेवा प्रमुख बना दिया है. उनके स्थान पर सह प्रांत प्रचारक रहे अनिल को अब प्रांत प्रचारक बनाया गया है. सह प्रांत प्रचारक अब विनोद होंगे. विनोद मेरठ के विभाग प्रचारक थे. आगरा के विभाग प्रचारक धर्मेंद्र को ब्रज प्रांत के सह प्रांत प्रचारक नियुक्त किया गया है. राजनीतिक के जानकारों का मानना है कि भाजपाइयों के सामने माहौल को भांपने एवं नए संघ पदाधिकारियों से समन्वय बनाना आसान नहीं होगा.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) गोरक्ष प्रांत की कार्यकारिणी में भी बदलाव हुआ है. सह प्रांत प्रचारक रमेश को इसी पद पर कानपुर प्रांत भेज दिया गया है. झांसी के सह प्रांत प्रचारक अजय कुमार को इसी पद पर गोरक्ष प्रांत की जिम्मेदारी दी गई है. वह कामकाज में प्रांत प्रचारक सुभाष का सहयोग करेंगे. संगठन को मजबूत बनाने का काम करेंगे. गोरक्ष प्रांत से गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल के 10 प्रशासनिक जिले जुड़े हैं. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने गोरक्ष प्रांत के विभाग संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल को पदोन्नति दी है. डॉ. महेंद्र अब प्रांत सह संघचालक बनाए गए हैं. डॉ. महेंद्र अग्रवाल गोरखपुर के नांगलिया अस्पताल से जुड़े हैं. यह प्रांत संघचालक डॉ. पृथ्वीराज सिंह का सहयोग करेंगे.
प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख अशोक उपाध्याय को पूर्वी क्षेत्र का कुटुंब प्रबोधन प्रमुख बनाया गया है. राजेंद्र सिंह को भी प्रोन्नति देते हुए प्रांत प्रचारक प्रमुख से क्षेत्र प्रचारक प्रमुख बनाया गया है. वीरेंद्र जायसवाल को पूर्वी क्षेत्र का क्षेत्रीय कार्यवाह नियुक्त किया है. राजेंद्र सक्सेना जो गंगा समग्र का कार्य देख रहे थे उन्हें क्षेत्र मार्ग प्रमुख बनाया गया है.
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