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कोरोना काल में यूपी सरकार को याद आईं सिटी बसें

लॉकडाउन में लगातार ढील मिलने के बाद प्रदेश सरकार शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है. लेकिन प्रदेश के सात शहरों में घाटे में चल रही सिटी बस सेवा को शासन से बड़ी आर्थिक मदद की जरूरत है.

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो
अपडेटेड 25 मई , 2020

लॉकडाउन में लगातार ढील मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है. सरकार का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन में सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन को जिम्मेदारी तय करते हुए लागू किया जा सकता है. इसके लिए नगर विकास विभाग को सिटी बसों के तंत्र को मजबूत करने का दायित्व सौंपा गया है. नगर विकास विभाग ने जो प्रारंभिक सर्वे कराया है उसमें जवाहर लाल नेहरू अरबन नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) योजना को मजबूती देकर शहरों में सिटी बसों के सिस्टम को खड़ा करने बात कही गई है. लेकिन प्रदेश के सात शहरों में घाटे में चल रही सिटी बस सेवा को शासन से बड़ी आर्थिक मदद की जरूरत है.

जेएनएनयूआर योजना में प्रदेश के सात शहरों आगरा में 200, मेरठ में 150 और मथुरा में 60 बसें चलाई जा रही हैं. लखनऊ में 260, इलाहाबाद में 150, वाराणसी में 300 और कानपुर में भी 300 सिटी बसें चल रही हैं. इन बसों के चलाने से 47 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. लखनऊ को फरवरी 2020 तक 1336.73 लाख रुपये , कानपुर फरवरी 2020 तक 1730.72 लाख रुपये, प्रयागराज अक्तूबर 2019 तक 682.15 लाख रुपये, वाराणसी अक्तूबर 2019 तक 442.41 लाख रुपये, मेरठ दिसंबर 2019 तक 299.19 लाख रुपये और आगरा-मथुरा दिसंबर 2019 तक 208.80 लाख रुपये का घाटा हुआ है. इस हिसाब से कुल 47 करोड़ रुपये घाटा हुआ है.

इसके अलावा कर्मचारियों के वेतन पर 8 करोड़ रुपये दिया जाना है. मुख्य सचिव की बैठक में इसे घाटे से उबारने और इनके कर्मचारियों को वेतन के लिए 55 करोड़ रुपये देने पर सहमति बन गई है. नगर विकास विभाग को अब यह तय करना है कि कैसे इन पैसों को दिया जाए, जिससे जेएनएनयूआरएम योजना के तहत बसें चलती रहें. प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार के मुताबिक, जेएनएनयूआरएम योजना में चलने वाली बसों को घाटे से उबारने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी, जिससे बसें चलती रहें.

नगर बसों के सिस्टम को मजबूत करने के लिए नगर निगम सभी शहरों में बकायदा बस स्टॉप बनाएगा. इसके लिए एक वृहद सर्वे कराया जाएगा. सभी सिटी बसों में जीपीएस सिस्टम लगेगा ताकि हर स्टॉप पर आने वाली बसों के बारे में अपडेट जानकारी मुहैया हो सकेगी. इसके लिए हर शहर में नगर निगम, यातायात विभाग और पुलिस विभाग की एक टीम का गठन होगा.

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