साल 2024 का विश्व हिंदू आर्थिक मंच (WHEF) का आयोजन भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में किया जाएगा. 13 से 15 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर, बीकेसी में होगा. बीकेसी यानी बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के बारे में बात करें तो यह मुंबई का एक तेजी से उभरता हुआ वित्तीय केंद्र है, जिसके आसपास कई ऐतिहासिक इमारतें हैं.
12 मेट्रो लाइनें, कोस्टल रोड और ट्रांस हार्बर लिंक रोड के साथ मुंबई का बुनियादी ढांचा काफी मजबूत है, और समय के साथ यह और भी बेहतर हो रहा है. यही वजह है कि WHEF के सालाना अंतरराष्ट्रीय जलसे के लिए मुंबई को एक आदर्श जगह के रूप में चुना गया है. यहां कई बड़े संगठनों और बैंकों के मुख्यालय हैं और यह देश के कर संग्रह में एक बड़े हिस्से का योगदान करता है.
वहीं, विश्व हिंदू आर्थिक मंच (WHEF) की बात करें तो इसकी स्थापना के पीछे उद्देश्य यह था कि हिंदू समाज के आर्थिक रूप से सफल तत्वों जैसे व्यापारियों, बैंकरों, टेक्नोक्रेट, निवेशकों, उद्योगपतियों, व्यवसायियों, पेशेवरों, अर्थशास्त्रियों और विचारकों को एक साथ लाया जाए, ताकि हरेक समूह अपने व्यावसायिक ज्ञान, अनुभव, विशेषज्ञता और संसाधनों को अपने साथी भाइयों के साथ साझा कर सके.
WHEF उभरते हिंदू उद्यमियों को प्रोत्साहित, उनका समर्थन और मार्गदर्शन करता है. इस फोरम का अंतिम लक्ष्य अतिरिक्त धन पैदा करना और समाज को समृद्ध बनाना है.
WHEF के मुताबिक, आज, जबकि कुछ अर्थव्यवस्थाएं उथल-पुथल के दौर से गुजर रही हैं, कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं हमें (हिंदू समाज को) बेहतरीन अवसर प्रदान कर रही हैं. मुद्दा यह है कि सामूहिक विकास के लिए वैश्विक स्थिति का लाभ कैसे उठाया जाए. हिंदुओं को वैश्विक स्तर पर सहयोग और साझेदारी करनी चाहिए ताकि उनके बीच बाजार तक पहुंच आसान हो सके.
हिंदू समाज को, जो पूरी दुनिया में फैले हुए हैं, उन्हें ऑकलैंड से अलास्का और ओस्लो से जोहान्सबर्ग तक फैले भौगोलिक क्षेत्रों और देशों में बाजार तक पहुंच बनाने की जरूरत है. पूंजी के क्षेत्र में भी इसी तरह के सहयोग को मूर्त रूप दिया जा सकता है, जिससे उचित मूल्य वाली पूंजी की उपलब्धता हो सके. साथ ही, तकनीकी रूप से कुशल हिंदुओं को उन लोगों के साथ जोड़ा जाना चाहिए जो तकनीकी नवाचार को विचारों, धन और बाजार तक पहुंच के साथ व्यवसाय में बदल सकते हैं.
21वीं सदी में भारत वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में बहुत बड़ा योगदान देने वाला होगा. अगले कुछ सालों में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. ऐसे में तेजी से बढ़ती यह आर्थिक गतिविधि देश की समृद्धि में तब्दील हो जाएगी, जिससे हिंदुओं को वैश्विक पटल पर अनिवार्य जगह, स्वीकार्यता और सम्मान मिलेगा.
WHEF का नजरिया भगवद् गीता के बुनियादी ज्ञान पर आधारित है - "भविष्य के बारे में सोचो, भविष्य के लिए सोचो." WHEF का सालाना सम्मेलन इसी क्रम में उठाया गया कदम है जो "वह वस्तु, जो हमेशा कायम रहती है" के ध्येय के साथ चलता है. इसका अंतिम लक्ष्य अतिरिक्त धन पैदा करना और समाज को समृद्ध बनाना है.
इस बार के मुंबई सम्मेलन की खास बात यह है कि इसमें पहली बार एक ही जगह पर सम्मेलन के साथ-साथ बिजनेस एक्सपो का भी आयोजन किया जाएगा. इस एक्सपो में कई राज्य सरकारें और प्रमुख व्यावसायिक घराने भाग लेंगे.
WHEF की वार्षिक सम्मेलन की यात्रा की शुरुआत साल 2012 में हांगकांग से हुई थी. इसके बाद इसका आयोजन बैंकॉक (2013), नई दिल्ली (2014), लंदन (2015), लॉस एंजिल्स (2016), शिकागो (2018), मुंबई (2019) और बैंकॉक 2023 में सफलतापूर्वक हो चुका है. इस बार यह एक बार फिर से मुंबई में आयोजित हो रहा है.