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पिनकोड, लक्षण बताइये और पता करिए खुद पर कोरोना का खतरा

अगर आपको सर्दी-बुखार है और इस बात को लेकर घबरा रहे हैं कि कहीं ये लक्षण कोरोना वायरस के संक्रमण का नहीं तो सरल हिंदी में बनी अनोखी वेबसाइट CoronaJankari.in आपकी चिंताओं का समाधान कर सकती है.

फोटोः आशीष मिश्र
फोटोः आशीष मिश्र
अपडेटेड 11 अप्रैल , 2020

अगर आपको सर्दी-बुखार है और इस बात को लेकर घबरा रहे हैं कि कहीं ये लक्षण कोरोना वायरस के संक्रमण का नहीं तो सरल हिंदी में बनी अनोखी वेबसाइट CoronaJankari.in आपकी चिंताओं का समाधान कर सकती है.

इस वेबसाइट को खोलते ही पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कोरोना पर संदेश आता है. इसके बाद एक ‘इंटरेक्टिव टूल’ आता है -“क्या आपको कोरोना के लक्षण हैं? स्वयं जांचिए.” इसे क्लिक करते ही वेबसाइट पहले आपसे आपका पिनकोड पूछती है. फिर उम्र, लिंग पूछती है. फिर यह आपसे लक्षणों के बारे में दस से बारह सवाल पूछती है.

खास बात यह है कि आपके जवाब के आधार पर ही वेबसाइट आगे का सवाल पूछती है. सारे सवाल जवाब खत्म होने के बाद वेबसाइट बताती है कि ‘आपको कोरोना के लक्षण नहीं है. आप घर पर ही रहिए और सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखिए.’ या फिर ‘आप मिडियम श्रेणी के खतरे में हैं. सरकारी हेल्पलाइन नंबर **है आप इसपर संपर्क कर लीजिए.’ या फिर ‘लगता है कि आपको कोविड हो गया है और आप तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करिए.’

हिंदी में इस अनोखी वेबसाइट को तैयार करने वाले प्रशांत शर्मा वर्ष 2012 बैच के आइएएस अफसर हैं. हाथरस के रहने वाले प्रशांत को पहली पोस्टिंग गोंडा जिले में मिली. इसके बाद कानपुर, बरेली में एसडीएम रहे. दो वर्ष लखनऊ के सीडीओ रहे. कृषि विभाग में विशेष सचिव, अमेठी के जिलाधिकारी और वर्तमान में नियुक्ति विभाग में तैनात हैं.

‘उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी’ के सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत ने छह दिन की मेहनत के बाद कोरोना पर हिंदी की पहली वेबसाइट बना डाली. उपमुख्यमंत्री और इंफार्मेशन टेक्नोलाजी विभाग के मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को कोरोना पर बनी यह अनोखी वेबसाइट का प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है जिसमें प्रशांत को काफी सराहना मिली है.

असल में पिछले महीने मार्च में होली के बाद जैसे ही देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी इसके संक्रमण को लेकर लोगों में अफवाह भी तेजी से फैलने लगी.

प्रशांत शर्मा बताते हैं “पढ़े लिखे लोगों को ही नहीं बता था कि कोरोना वायरस अलग और कोविड-19 अलग है. ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ शब्द किसी को नहीं पता था. सबसे पहले हमने अपनी वेबसाइट में यह शब्द डाला. कम पढ़े लिखे वालों को नहीं बल्कि सबके बीच कोरोना को लेकर भ्रांतियां थीं. यही सब भ्रांतियां दूर करने के लिए हमने एक ऐसी वेबसाइट की कल्पना की जिसमें आसान भाषा में अच्छी क्वालिटी की जानकारी दी जा सके.”

इसके बाद प्रशांत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर), भारत सरकार के “स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय” की वेबसाइट से जरूरी जानकारियां और गाइडलाइन लीं. इसका बेहद आसान हिंदी भाषा में अनुवाद कर इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया. प्रशांत बताते हैं “आज देश में साठ फीसदी आबादी के पास स्मार्टफोन है. इनमें बड़ा तबका वह है जो अंग्रेजी पूरी तरह से नहीं समझ पाता है. इन्हें कोरोना के बारे में आसान शब्दों में सरल हिंदी में जानकारी मुहैया कराना एक चुनौती भी थी. इसलिए हमने अपनी वेबसाइट में सरल हिंदी में बुलेट प्वाइंट में जानकारियां दी हैं.”

CoronaJankari.in में सरल प्रश्न-उत्तर के रूप में सात बिंदुओं पर जानकारियां दी गई हैं. इसमें बिंदुवार –कोरोना वायरस क्या है? कोविड क्या है? कैसे फैलता है? इसके लक्षण क्या है? कैसे बचें‍? यह सब सवाल जवाब के रूप में बुलेट प्वाइंट के रूप में दिया गया है. प्रशांत बताते हैं “बड़ी संख्या में ऐसा तबका भी है जो मोबाइल फोन तो रखता है लेकिन हिंदी नहीं पढ़ सकता है. उनके लिए वेबसाइट में वीडियो और फोटो रखे गए हैं. मसलन हाथ कैसे धोएं? इसके लिए वेबसाइट में एक बकायदा एक बीस सेकेंड का चार्ट अपलोड किया गया है.

यह सभी बीबीसी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आइसीएमआर, यूनीसेफ जैसी संस्थाओं की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए हैं.”

इन सबके अलावा वेबसाइट का सबसे बड़ा आकर्षण और अनोखा फीचर इसका “डायग्नोस्टिक टूल” है. यह डायग्नोस्टिक टूल, आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस के आधार पर बनाया गया है. प्रशांत बताते हैं “ऐसे डायग्नोस्टिक टूल का इस्तेमाल ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस कर रही थी. उसी के आधार पर मैंने अपनी वेबसाइट पर भी डायग्नोस्टिक टूल तैयार किया.” इस वेबसाइट के डायग्नोस्टिक टूल का उपयोग करने से लोगों में कोरोना के लक्षणों को लेकर जो ‘पैनिक’ बना है उससे निजात मिलती है. इसका एक और फायदा यह है कि डायग्नोस्टिक टूल को उपयोग करने के शुरुआत में पिनकोड नंबर डाला जाता है. इससे यह पता लगाया जा सकता है कि किस पिनकोड वाले इलाके में कितने ऐसे लोग हैं जिन्हें सर्दी-खांसी जैसे लक्षण हैं? किन इलाकों में अचानक ऐसे लक्षण वाले लोग बढ़ गए हैं.

इतना ही नहीं देश में कोरोना की क्या स्थिति है? कितने मरीज बढ़े? कितने ठीक हुए? ऐसे सभी जरूरी ताजा आंकड़े वेबसाइट पर आसानी से मिल जाती है. कोरोना से जुड़ी सभी जानकारियां और सरकारी आदेश वेबसाइट पर मौजूद हैं.

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