मुंबई के पास गोरेगांव स्थित दादासाहेब फाल्के चित्रनगरी यानी फिल्मसिटी को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा. इस पर 2550 करोड़ रूपए खर्च होंगे. इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ग्लोबल प्राइवेट पार्टनर की तलाश कर रही है और इसका टेंडर भी निकाला है. संयोगवश, इसमें किसी ग्लोबल कंपनी तो आगे नहीं आई है लेकिन मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल), अनिल अंबानी की रिलायंस बिग इंटरटेनमेंट (आरबीई) और भानोत इंफ्रावेंचर (बीआइवी) ने अपनी शर्तों के साथ दिलचस्पी दिखाई है जिस पर टेंडर कमेटी को फैसला लेना है.
महाराष्ट्र फिल्म, स्टेज ऐंड कल्चरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएफएससीडीसी) के डिप्टी इंजीनियर चंद्रकांत कोलेकर ने बताया कि फिल्मसिटी के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है और उसी के मुताबिक इसे विश्वस्तर का बनाना है. इसे पांच साल में पूरा करना होगा. जो प्राइवेट पार्टनर फिल्मसिटी का पुनर्विकास करेगा उसे यहां की कमाई में 50 साल तक हिस्सेदारी मिलेगी. इसके बाद फिर टेंडर के जरिए नए पार्टनर की तलाश की जाएगी.
हालांकि, जिन तीन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है उनकी शर्तों के बारे में कोलेकर ने कुछ भी बताने से इनकार किया है. फिल्मसिटी के उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्रा का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की यह महत्वाकांक्षी योजना है जिसे वे मेक इन इंडिया की तर्ज पर पूरी कराना चाहते हैं. ऐसे में फिल्मसिटी के पुनर्विकास के लिए किसी भारतीय कंपनी को मौका मिल सकता है. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड मुंबई में है जिस वजह से फिल्म सिटी बड़े पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है. इसे यूनिवर्सल स्टूडियो की तरह विश्व स्तर का पर्यटन स्थल बनाया जाएगा जो आर्थिक लाभ भी देगा.
1977 में निर्मित और 521 एकड़ में फैले फिल्म सिटी की इस समय वार्षिक आमदनी लगभग 70 करोड़ रूपए है. लेकिन इसके पुनर्विकास के बाद इसकी आमदनी में कई गुना वृद्धि हो सकती है. हालांकि, फिल्म सिटी के उपाध्यक्ष मिश्रा स्वीकार करते हैं कि फिल्म सिटी में इस समय आकर्षण केंद्र कम हैं और आमदनी के स्रोत भी कम हैं. इसलिए इसके पुनर्विकास की आवश्यकता है. मास्टर प्लान भी उसी नजरिए से तैयार किया गया है जिसे राज्य सरकार ने मान्यता दे दी है. इस मास्टर प्लान के मुताबिक शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएगी. इसके लिए नए आधुनिक स्टूडियो, पुराने स्टूडियो का पुनर्विकास, महाराष्ट्र की संस्कृति पर आधारित गांवों का निर्माण, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, आउटडोर शूटिंग स्थल के अलावा प्री और पोस्ट प्रोडक्शन के लिए आधुनिक सुविधाएं और अत्याधुनिक विजुअल इफेक्ट्स के स्टूडियो बनाए जाएंगे.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बॉलीवुड और मराठी फिल्मों के म्यूजियम होंगे. यहां कन्वेशन सेंटर, पांच सितारा, तीन सितारा, कम बजट के होटलों के साथ डॉरमेटरी और क्लब हाउस की भी सुविधाएं रहेगी. फिल्म सिटी के अधिकारी मानते हैं कि यहां लगभग दो दशक से शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं का अभाव है. बावजूद इसके 15 स्टूडियो, आठ गांवों के लोकेशन और 40 आउटडोर लोकेशन पर शूटिंग होती रहती है. लेकिन समय के साथ यहां फिल्म और सीरियल निर्माताओं को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलती हैं तो शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन के काम ज्यादा होंगे और आमदनी भी बढ़ेगी.
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