लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को पार्टी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत चौधरी जल्द ही लोकसभा में पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उनकी जगह राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि 14 सितंबर से मानसून सत्र के शुरू होने के तुरंत बाद चौधरी अपने पद से इस्तीफा सौंप देंगे.
कांग्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक, चूंकि पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में अधीर रंजन चौधरी के लिए दिल्ली में समय देना कठिन होगा. चौधरी का कहना है, “वे कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता हैं और पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी उसे वह निष्ठापूर्वक निभाएंगे. धारा के विपरीत चलना उनकी आदत और स्वभाव है.”
कांग्रेस सिर्फ लोकसभा में ही बदलाव नहीं करने जा रही है बल्कि राज्यसभा में भी बदलाव की संभावना प्रबल है. अभी राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी गुलाब नबी आजाद और उप-नेता की जिम्मेदारी आनंद शर्मा निभा रहे हैं. नवंबर में आजाद का कार्यकाल खत्म हो रहा है. संभावना इस बात की है कि कर्नाटक से राज्यसभा के लिए हाल ही में चुनकर आए मलिल्कार्जुन खड़गे को राज्य सभा में कांग्रेस पार्टी का नेता बनाया जा सकता है. 2014 में खड़गे लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता रह चुके हैं. खड़गे हिंदी,अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा बोलने में सक्षम हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भरोसेमंद हैं. राज्यसभा कांग्रेस पार्टी के उप-नेता आनंद शर्मा की जगह कांग्रेस किसी नए चेहरे के तलाश में है.
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