गुरुवार (28 जनवरी) को भी भारतीय शेयर बाजार में मुनाफावसूली हावी रही. बीते पांच कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से 3,500 अंक से ज्यादा टूट चुका है. इस गिरावट में निवेशकों की 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी स्वाहा हो गई. बीते नौ महीने से सरपट दौड़ते बाजार को अचानक हुआ क्या? बजट से ठीक पहले बाजार ने ऐसा क्या सूंघ लिया जिसके बाद 50,000 के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचकर सेंसेक्स का टिकना मुश्किल हो गया?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह मुनाफावसूली अपेक्षित थी और बाजार में चुनिंदा शेयरों में खरीदारी का यह अच्छा मौका भी है.
नहीं टिके तो और टूटेंगे
एस्कॉर्ट्स सिक्योरिटी के हेड (रिसर्च) आसिफ इकबाल का मानना है कि बजट ने अगर बाजार को निराश किया तो निफ्टी में 13,000 - 13,100 तक के स्तर देखने को मिल सकते हैं. इस गिरावट में बैंकिंग, एनबीएफसी कंपनियों में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है. हालांकि यह गिरावट बाजार में चुनिंदा कंपनियों में खरीदारी का अच्छा मौका होगा. आसिफ की सलाह है कि कंजम्प्शन स्टोरी से जुड़ी कंपनियों में अच्छी वापसी देखने को मिल सकती है.
वहीं, रजत देवगन डॉट कॉम (www.rajatdevgan.com) के फाउंडर और टेक्निकल एनालिस्ट रजत देवगन कहते हैं, "निफ्टी का 50 दिन का मूविंग एवरेज (EMA) 13,705 है जबकि गुरुवार के सत्र में निफ्टी का निचला स्तर 13,713 रहा.’’ ऐसे में बजट तक निफ्टी का मौजूदा स्तर मजबूत सपोर्ट की तरह काम करेगा और यहां से वापसी की अच्छी उम्मीद बनती है. यह उम्मीद उस वक्त नई खरीदारी के लिए और पुख्ता हो जाएगी जब निफ्टी 14,000 के स्तर के ऊपर कारोबार करने लगेगा.
लंबी अवधि में भरोसा कायम
मार्सलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर सौरभ मुखर्जी कहते हैं, "बाजार की गिरावट से बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. विदेशी निवेशकों का रुख भारतीय बाजार पर सकारात्मक बना रहेगा." वे भरोसा जताते हैं कि अर्थव्यवस्था में बड़ी वापसी की उम्मीद है. अगली तीन से चार तिमाहियां भारतीय कंपनियों के लिए अच्छी रहने वाली हैं.
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