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कहां हैं बेनज़ीर भुट्टो के क़ातिल?

जब 27 दिसंबर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी अपनी बीवी बेनज़ीर भुट्टो की चौथी बरसी पर भाषण दे रहे थे तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के एक कार्यकर्ता ने ब्लेड से अपनी नस काट ली.

बेनेजीर भुट्टो
बेनेजीर भुट्टो
अपडेटेड 10 जनवरी , 2012

जब 27 दिसंबर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी अपनी बीवी बेनज़ीर भुट्टो की चौथी बरसी पर भाषण दे रहे थे तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के एक कार्यकर्ता ने ब्लेड से अपनी नस काट ली.

4 जनवरी 2012: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

अब्दुल गफूर मेमन नामक उस 35 वर्षीय कार्यकर्ता की अस्पताल में मौत हो गई. लेकिन उसने लरकाना (सिंध) में भुट्टो के गृहनगर गढ़ी खुदा बख्श में हजारों शोकाकुल लोगों के सामने जो ताना मारा, वह संभवतः जरदारी के कानों में गूंज रहा होगा.

28 दिसम्‍बर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

मेमन ने चिल्लाकर कहा था, ''पीपीपी की हुकूमत होने के बावजूद बेनज़ीर के कातिलों को पकड़ा नहीं जा सका है. मैं जन्नत में जाकर बेनज़ीर को बताऊंगा कि ज़रदारी उनके कातिलों को क्यों गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं.''

21 दिसम्‍बर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

पीपीपी के कार्यकर्ताओं में गुस्सा और मायूसी भर गई है. उनमें से कइयों का कहना है कि उनकी हुकूमत ने भुट्टो के कातिलों को पकड़ने के लिए कुछ नहीं किया है.

14 दिसंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था-दो पुलिस अधिकारी और शेर जमां, ऐतजाज शाह, हसनैन गुल और रफाकत हुसैन समेत पांच आतंकी. एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने 5 नवंबर, 2010 को उन पर अभियोग लगाया था. फिलहाल, दोनों पुलिस अधिकारी जमानत पर जेल से बाहर हैं और पांचों आतंकी रावलपिंडी जेल में हैं.

07 दिसंबर 2011: तस्‍वीरों में देखें इंडिया टुडे

 

तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ ने जनवरी 2008 में जांच के लिए स्कॉटलैंड यार्ड की एक फॉरेंसिक टीम बुलाई थी. टीम का कहना था कि भुट्टो की मौत गंभीर चोट लगने से हुई.

भुट्टो 27 दिसंबर, 2007 को सिंध में रैली को संबोधित कर रही थीं. उसी समय एक जबरदस्त विस्फोट हुआ और उनका सिर उनकी गाड़ी के सनरूफ से टकरा गया.

पाकिस्तान सरकार के अनुरोध पर जांच करने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 1 जुलाई, 2009 को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकार ने भुट्टो को अपर्याप्त और निष्प्रभावी सुरक्षा मुहैया कराई थी. जांच में यह पता नहीं चल पाया कि हत्या की साजिश के पीछे कौन लोग थे लेकिन पाकिस्तानी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए.

यह भी दावा किया गया कि पुलिस ने जांच में मदद करने वाली स्कॉटलैंड यार्ड फॉरेंसिक टीम से झूठ बोला.

भुट्टो के सहायक रहे आंतरिक मंत्री रहमान मलिक ने इस मामले में मुशर्रफ सरकार के नजरिए का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि भुट्टो की हत्या के लिए पाकिस्तानी तालिबान नेता बैतुल्ला महसूद दोषी है.

लेकिन महसूद ने एक कबायली कानून का हवाला देते हुए मलिक के आरोप को खारिज कर दिया. इस कानून के तहत, महिलाओं पर हमले की मनाही है. महसूद 2009 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया.

ज़रदारी ने जिस तरह से दूसरों के मत्थे दोष मढ़ने की कोशिश की है, उस पर पाकिस्तान के सियासी हलकों में हैरानगी जताई जा रही है. पीपीपी के सह-चेयरमैन ज़रदारी ने अपनी बीवी की हत्या के मामले की कार्रवाई में होने वाली देरी के लिए उच्च न्यायपालिका को जिम्मेदार ठहराया है.

विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता नवाज़ शरीफ इस मुद्दे से राजनैतिक फायदा उठा रहे हैं. उन्होंने लाहौर में कहा, ''ताज्‍जुब की बात है कि लोगों की राय और हुकूमत के अपने साथ होने के बावजूद पीपीपी भुट्टो के हत्यारों की शिनाख्त और उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है. वह इस राज़ को सुलझना नहीं चाहती.''

शरीफ ने दिसंबर के आखिरी हफ्ते में लरकाना (सिंध) में आयोजित रैली में वादा किया कि यदि वे सत्ता में आए तो भुट्टो के हत्यारों को गिरफ्तार करेंगे. यदि ऐसा हुआ तो यह विडंबना ही होगी.

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