कमाठीपुरा की लेन नंबर 11 का वीडियो पार्लर 20 रु. की मामूली कीमत पर पोर्न फिल्म देखने की सुविधा उपलब्ध कराता है. यह मुंबई का सबसे बड़ा रेड लाइट इलाका है.
पार्लर का रिसेप्शनिस्ट पूछता है, ''कौन-सा टिकट चाहिए, 10 वाला या 20 वाला?'' अंदर तीन हॉल हैं. बड़े वाले में, हिंदी में डब की गई तमिल फिल्म दिखाई जाती है. टिकट की कीमत 10 रु. होती है.
एक दूसरा हॉल भी है, जिसे लकड़ी की चिलमन से अलग किया गया है. यहां नखरेवाली बीवी और कमरा नं 16 जैसी हिंदी ब्लू फिल्में देखी जा सकती हैं. टिकट की कीमत 10 रु. है.
ये फिल्में वास्तव में कुछ पोर्न क्लिप का संग्रह होती हैं. कोई कहानी नहीं, न कोई संवाद. अंदर सेक्रेटरी नं.1 या राइजिंग मर्करी सरीखी विदेशी हार्डकोर पोर्न फिल्में भी देखी जा सकती हैं.
यहां टिकट की कीमत 20 रु. है. यहां एक छोटा सा शौचालय भी है. जो अंदर के हॉल से जुड़ा है. प्रत्येक हॉल में 51 इंच का सैमसंग का टेलीविजन, सीडी प्लेयर, लकड़ी के बेंच, टेबल फैन और एग्जॉस्ट फैन लगा हुआ है. यहां 50 लोग बैठ सकते हैं. किसी भी समय वीडियो पार्लर में करीब 150 लोग देखे जा सकते हैं.
यहां लकड़ी का एक रैक भी है, जो सीडी से भरा पड़ा है. अधिकतर दर्शकों की उम्र 30 वर्ष से कम है और वे प्रवासी श्रमिक हैं. वे हॉल में फैली बदबू या सिगरेट के धुएं को लेकर कोई शिकायत नहीं करते हैं. न तो कोई शोर है और न ही सीटियां बजती हैं. कमरे में सिर्फ तेज सांसों का शोर ही सुनाई देता है.
पार्लर के मालिकों में से एक राजेश कहते हैं, ''हम डीलर्स से थोक में सीडी खरीदते हैं. हमें प्रत्येक सीडी की कीमत करीब 20 रु. पड़ती है और हम एक दिन में 1,000 रु. तक कमा लेते हैं.''
कमाठीपुरा में इस तरह के पांच वीडियो पार्लर हैं. दलाल अपने ग्राहकों को ''सर्विस'' देने के लिए मंडराते रहते हैं. सुखालाजी रोड पर, पुलिस स्टेशन से 100 मीटर की दूरी पर पोर्न फिल्म की सीडी 60 से 100 रु. के बीच मिलती है. अलेक्जेंडर नाम का सिनेमाघर है जिसे सी ग्रेड फिल्में दिखाने के लिए जाना जाता था. लेकिन घाटे के चलते इसे बंद कर दिया गया. एक अन्य सिनेमाघर शालीमार ने इसकी जगह ले ली है.