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मूडीज ने घटाई भारत की रेटिंग, क्या हैं इसके मायने

रेटिंग एजेंसी मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को भारत की सावरेन रेटिंग को एक पायदान नीचे कर दिया है. इसे घटाकर ‘बीएए2’ से ‘बीएए3’ कर दिया है. मूडीन ने अपने नोट में कहा है कि निम्न आर्थिक विकास और बिगड़ती वित्तीय स्थिति के चलते जोखिम कम करने वाली नीतियों का क्रियान्वयन चुनौतीपूर्ण होगा.

फोटोः इंडिया टुडे
फोटोः इंडिया टुडे
अपडेटेड 2 जून , 2020

रेटिंग एजेंसी मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को भारत की सावरेन रेटिंग को एक पायदान नीचे कर दिया है. इसे घटाकर ‘बीएए2’ से ‘बीएए3’ कर दिया है. मूडीन ने अपने नोट में कहा है कि निम्न आर्थिक विकास और बिगड़ती वित्तीय स्थिति के चलते जोखिम कम करने वाली नीतियों का क्रियान्वयन चुनौतीपूर्ण होगा. मूडीज़ ने इससे पहले नवंबर 2017 में 13 साल के अंतराल के बाद भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान चढ़ाकर बीएए2 किया था।

रेटिंग निचले पायदान पर

‘बीएए3’ सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है. इसके नीचे जंक वाली रेटिंग ही बचती है. मूडीज ने अर्थव्यवस्था के परिदृश्य को भी नकारात्मक रखा है. इसका अर्थ यह हुआ कि रेटिंग के और नीचे जाने का खतरा बरकरार है. इसकी एक वजह यह भी है कि मूडीज को वित्तीय प्रणाली में गहरा दबाव दिखाई देता है. यह स्थिति मूडीज के मौजूदा अनुमान के मुकाबले वित्तीय मजबूती को अधिक गहरा और लंबा नुकसान पहुंचा सकती है।

क्या होगा असर?

एस्कॉर्ट सिक्योरिटीज के हेड (रिसर्च) आसिफ इकबाल कहते हैं, ‘’सॉवरेन रेटिंग घटने का असर निश्चित तौर पर मंगलवार के कारोबार में देखने को मिलेगा’’ हालांकि इसका असर लंबा चलेगा इसकी गुंजाइश कम है. बाजार में नकदी के प्रवाह के चलते तेजी है. ऐसे में इसका कोई गहरा असर बाजार की चाल पर नहीं पड़ेगा.

आसिफ आगे कहते हैं, ‘’सॉवरेन रेटिंग घटने के बाद देश को विदेशी कर्ज लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.’’ ऐसे में भारतीय मुद्रा पर दवाब देखने को मिल सकता है. सरकारी बॉण्ड की यील्ड पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है.

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