भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की फायरब्राण्ड नेता और केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री उमा भारती बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती से दोस्ती के मूड में दिखीं. उन्होंने जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव को बार-बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक्सपेरिमेंट करने पर नसीहत दी तो वहीं मायावती के प्रति हमदर्दी भी बयां कर दी.
उन्होंने कहा कि मायावती इस बार फिर सपा से धोखा खाएंगीं, लेकिन इस बार वह मायावती की मदद करने के लिए खड़ी हो जाएंगी. झांसी में सर्किट हाउस में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, "सपा-बसपा का गठबंधन किन शर्तों और किस मकसद से हुआ हमें इससे तो कोई लेना देना नहीं है, लेकिन यह सबको पता है कि पहले भी सपा मायावती के साथ धोखा कर चुकी है. सपा के लोगों ने उनके साथ कैसा अभद्र व्यवहार किया था. अब यदि भविष्य में समाजवादी पार्टी के लोग मायावती पर हमला करते हैं तो मैं मायावती की मदद के लिए खड़ी हो जाऊंगी. कोई भी घटना होने पर मायावती उनको फोन कर सकती हैं, मैं जरूर उनकी मदद के लिए पहुंच जाऊंगीं."
राजनीति में मायावती ने तपस्या की, अखिलेश-राहुल ने नहीं
उमा भारती ने अखिलेश यादव और राहुल गांधी की सियासी पारी पर तंज कसते हुए कहा,"राहुल गांधी और अखिलेश यादव को राजनीति विरासत में मिली है. दोनों ही बिना संघर्ष के पार्टी के प्रमुख पद और सत्ता तक पहुंचे. जमीन पर इनको कोई योगदान नहीं है. जबकि, मायावती ने जमीन से उठकर संघर्ष किया. कठिन तपस्या की तब जाकर उन्हें सफलता मिली है."
उमा ने कहा कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन में जिस प्रकार कांग्रेस के वोटरों ने सपा को और सपा के वोटरों ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया था उसी प्रकार सपा और बसपा के गठबंधन में होगा. सपा के वोटर बसपा को वोट नहीं देंगे और बसपा के वोटर सपा को वोट नहीं देंगे. राहुल और अखिलेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक्सपेरिमेंट करना छोड़ दें, क्योंकि यहां आने के पहले उन्होंने काफी तपस्या की है. गठबंधन के बाद भी यह लोकसभा की सभी सीटें हारेंगे.
हालांकि, इस राजनीतिक बयानबाजी में बसपा सुप्रीमो के प्रति उमा भारती के मन में कितनी हमदर्दी है और सपा-बसपा को लेकर कितना तंज यह जो जगजाहिर है, लेकिन सीधे तौर पर इसे सपा और कांग्रेस पर भाजपाई हमला भी माना जा रहा है.
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