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कान्हा नगरी को नई पहचान दे रही मेधा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस-2019 परीक्षा में मथुरा के विशाल सारस्वत ने टॉप किया है. कान्हा नगरी की रहने वाली ज्योति शर्मा ने पीसीएस-18 की परीक्षा में भी टॉपर सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया था.

प्रतीकात्मक फोटो (पीटीआइ)
प्रतीकात्मक फोटो (पीटीआइ)
अपडेटेड 18 फ़रवरी , 2021

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस-2019 परीक्षा का अंतिम परिणाम 17 फरवरी की शाम जारी होते ही कान्हा नगरी मथुरा चर्चा में आ गई. मथुरा के विशाल सारस्वत ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा-2019 में टॉप करके भक्ति‍ और प्रेम की नगरी मथुरा को एक नई पहचान दे दी. मेरिट में दूसरे स्थान पर नैनी, प्रयागराज के युगांतर त्रिपाठी और तीसरे स्थान पर इंदिरा नगर, लखनऊ की पूनम गौतम हैं. पीसीएस के 25 प्रकार के पदों/सेवाओं के लिए उपलब्ध 453 रिक्तियों के मुकाबले 434 पदों पर अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया गया है. पीसीएस-19 में टॉपर देने वाली मथुरा नगरी की रहने वाली ज्योति शर्मा ने पीसीएस-18 की परीक्षा में भी टॉपर सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया  था.

पीसीएस में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का सपना डिप्टी कलेक्टर या डिप्टी एसपी बनना होता है, लेकिन इस बार अभ्यर्थियों को पुलिस सेवा में जाने का मौका नहीं मिल सका. प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने तक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को जितने पदों का अधियाचन मिलता है, उन पदों को परीक्षा में शामिल कर लिया जाता है. परीक्षा की शुरुआत में आयोग को डिप्टी एसपी का अधियाचन नहीं मिला था और प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने तक अधियाचन नहीं आया, सो परीक्षा में डिप्टी एसपी को कोई पद ही नहीं था, जबकि डिप्टी कलेक्टर के 46 पद इस परीक्षा में शामिल किए गए थे. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने हाल ही में पीसीएस-2021 का विज्ञापन जारी किया है. आवेदन की प्रक्रिया अभी चल रही है. इस परीक्षा के लिए आयोग को अभी डिप्टी कलेक्टर के पद का कोई अधियाचन नहीं मिला है, जबकि डिप्टी एसपी के केवल 16 पदों का अधियाचन मिला है. पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा आयोग के कैलेंडर में 13 जून को प्रस्तावित है. अगर प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने तक आयोग को डिप्टी कलेक्टर पद का अधियाचन मिलता है तो इसे परीक्षा में शामिल कर लिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग पीसीएस परीक्षा में टॉप थ्री और टॉप फाइव अभ्यर्थि‍यों की मेरिट सूची जारी करता रहा है. पहली बार पीसीएस-19 में टॉप टेन अभ्यर्थ‍ियों की सूची जारी की गई है. इनमें सात उत्तर प्रदेश हैं जबकि तीन अभ्यर्थी दूसरे प्रदेश के निवासी हैं.

पीसीएस-19 की मेरिट सूची में लंबे समय के बाद प्रयागराज की एंट्री हुई है. नैनी, प्रयागराज के युगांतर त्रिपाठी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है. बावजूद इसके प्रयागराज के प्रतियोगी छात्र परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट हैं. इन छात्रों का दावा है कि पीसीएस-18 की भांति पीसीएस-19 में भी हिंदी भाषी छात्रों की उपेक्षा हुई है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2019 भर्ती कई अहम बदलावों की साक्षी रही. पीसीएस की प्रारंभि‍क परीक्षा में पहले पदों की संख्या के मुकाबले 18 गुना अभ्यर्थि‍यों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषि‍त किया जाता था और मुख्य परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले तीन गुना अभ्यर्थि‍यों को इंटरव्यू में शामिल होने के लिए बुलाया जाता था. आयोग ने पीसीएस-19 से इस मानक को बदल दिया और निर्णय लिया कि प्रारंभि‍क परीक्षा में अब पदों की संख्या के मुकाबले केवल 13 गुना अभ्यर्थि‍यों और मुख्य परीक्षा में दो गुना अभ्यर्थ‍ियों को अगले चरण के लिए सफल घोषि‍त किया जाएगा. इन बदलावों का फायदा यह हुआ कि आयोग ने पीसीएस-19 की मुख्य परीक्षा का परिणाम महज तीन महीने मे जारी कर दिया. कोरोना काल के बावजूद आयोग ने पहली बार रिकॉर्ड समय में परीणाम घोषि‍त किया था. इससे पहले मुख्य परीक्षा का परिणाम आने में कम से कम छह महीने का समय लग जाता था. आयोग के एक अधि‍कारी बताते हैं, “नए बदलाव के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थी छंट कर बाहर हो गए थे इस वजह से परिणाम निकालने में अपेक्षाकृत कम समय लगा.” हालांकि अभ्यर्थी इस बदलाव का विरोध कर रहे हैं. इनका तर्क है कि जब परीक्षा परिणाम इंटरव्यू और मुख्य परीक्षा के अंकों को मिलाकर जारी किया जाता है तो मुख्य परीक्षा में कम अभ्यर्थ‍ियों को सफल घोषि‍त करना उनके भविष्य के साथ खि‍लवाड़ करना है.

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