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शहीद पति को पत्नी की सच्ची श्रृद्धांजलि

शहीद मेजर प्रसाद गणेश महादिक की पत्नी सेना में शामिल होने के लिए तैयार.

मेजर प्रसाद महादिक और पत्नी गौरी महादिक
मेजर प्रसाद महादिक और पत्नी गौरी महादिक
अपडेटेड 25 फ़रवरी , 2019

''मैं एक वकील और कंपनी सचिव हूं और नौकरी पर थी. लेकिन मेरे पति की मृत्यु के बाद मैंने नौकरी छोड़ दी और सशस्त्र बलों की तैयारी शुरू की. मैं अपने पति को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना में शामिल होने के लिए दृढ़ थी. मैं फोर्स में शामिल हो जाऊंगी और उनकी वर्दी और स्टार्स को पहनूंगी.''शहीद पति के लिए उसकी पत्नी का ये जज्बा किसी भी श्रृद्धांजलि से बढ़कर है.  

30 दिसंबर 2017 को शहीद हुए मेजर प्रसाद गणेश महादिक की पत्नी गौरी महादिक साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प का अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए सेना में शामिल होंगी. गौरी महादिक ने मेजर महादिक के शहीद होने के 10 दिन बाद ही यह निर्णय लिया था. गौरी सेना मे शामिल होकर अपने पति को सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहती हैं. उन्होंने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा पास कर ली है और अब चेन्नई में प्रशिक्षण के बाद सेना में शामिल होंगी. आपको बता दें 9 अप्रैल 1986 को जन्में गणेश प्रसाद महादिक वर्ष 2017 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे.

यह पहली बार नहीं है जब किसी शहीद की पत्नी ने सेना में शामिल होने का फैसला किया हो, स्वाती महादिक 9 सितंबर 2017 को प्रशिक्षण लेने के बाद सेना में शामिल हुई थीं. ये वर्ष 2015 में कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान में शहीद हुए कर्नल संतोष महदिक की पत्नी हैं. 32 वर्षीय स्वाति के लिए अपने दो बच्चों की परवरिश के साथ यह सफर आसान नहीं रहा होगा, लेकिन उन्होंने हालात को अपने सपनों और बुलंद इरादों पर हावी नहीं होने दिया. एक नहीं ऐसी कई महिलाएं जो अपने पति की शहादत के बाद दुश्मनों से लोहा लेने के लिए सेना में शामिल हुई हैं. ये सभी समाज की उन महिलाओं के लिए आदर्श है जो अपने पति के ना होने पर खुद को लाचार समझती हैं.

सुप्रिया भारती इंडिया टुडे मीडिया इंस्टीट्यूट की छात्रा हैं और इंडिया टुडे में प्रशिक्षु हैं

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