गहनों की डिजाइनर, 25 साल की इशीपाल की भव्य शादी ने उन्हें परीकथा की राजकुमारी बना दिया. बीती 5 फरवरी को इंदौर में हुई उनकी शादी का सात दिवसीय आयोजन इतना आकर्षक और नवप्रयोगों से भरपूर था कि इसमें शरीक हुए हजारों मेहमानों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं. फिल्मी सितारों की मौजूदगी, टीवी कलाकारों के साथ क्रिकेट मैच, एक शाम मीका के नाम, बतर्ज टीवी दूल्हा-दुलहन के बीच अंताक्षरी, रॉयल लुक के साथ मनमोहक एथनिक थीम वाला मंडप, दुनियाभर के लजीज व्यंजन और शानदार मेहमाननवाजी ने सबका मन मोह लिया. कोयला कारोबारी गुरविंदर सिंह और वीना भाटिया का अपनी बेटी की धूमधाम से शादी का सपना पूरा हुआ. साथ ही यह शादी इंदौर में चर्चा का केंद्र बनी.
दरअसल, इशीपाल की शादी पूरी दुनिया में अपनी भक्त के लिए मशहूर भारतीय शादियों की महज एक बानगी भर है. भारत में विवाह दो आत्माओं का पवित्र मिलन है, रिश्तों का अटूट बंधन है, संस्कृति का हिस्सा है, पारंपरिक उत्सव है और वर-वधू के माता-पिता की भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे बड़ा मौका है. विवाह से जुड़े रस्मो-रिवाज बहुत कुछ करने और दिखाने का मौका देते हैं. यही वजह है कि शादियों से जुड़ी खरीद-फरोख्त अब 1.25 लाख करोड़ रु. का बड़ा कारोबार बन गया है. एक दशक पहले यह 5,000 करोड़ रु. का था. इसमें लाजवाब गहनों की खरीद, आकर्षक तोहफे, थीम वेडिंग के आलीशान मंडप, लजीज व्यंजन, यादगार हनीमून पैकेज, शाहरुख खान का नाच और मीका का गाना शामिल है.
शादी जिंदगी का सबसे यादगार पल होती है, इसकी मधुर स्मृतियों को लोग संजोकर रखना चाहते हैं. भारतीय विवाह समारोह सिर्फ दूल्हा-दुलहन की जिंदगी का महत्वपूर्ण मोड़ ही नहीं है बल्कि पूरे परिवार, नाते-रिश्तेदारों के साथ ही मित्र मंडली के लिए भी जश्न मनाने का खास मौका होता है जिसमें वे तन मन से शामिल होते हैं. तमाम आधुनिकता के बावजूद नई पीढ़ी विवाह में पारंपरिक रीति-रिवाजों का भी भरपूर आनंद लेना चाहती है और बीते वर्षों में मध्यवर्ग के उदय ने आयोजनों को खासा प्रभावित किया है.
मध्यवर्गीय परिवारों में भी किराए पर हॉल लेने, टेंट के सामान की व्यवस्था करने और हलवाई ढूंढ़कर पार्टी की व्यवस्था का समय बीते युग की बात हो गई है. होटल अथवा मेरिज गार्डन में एक साथ पूरा पैकेज मिलने लगा है. मध्य प्रदेश में उज्जैन जैसे शहरों में डेढ़ से दो लाख रु. और इंदौर में 5 से 7 लाख रु. में ऐसे पैकेज उपलब्ध हैं.
महानगरों में वेडिंग प्लानर ही अब मेहमानों के स्वागत और उनकी देखरेख से लेकर महिला संगीत में मनोरंजन, दुलहन का मेकअप, खानपान, सजावट आदि की व्यवस्था करते हैं. पिछले छह साल से मुंबई और गोवा में वेडिंग प्लानर का काम कर रहे निखिल भिड़े कहते हैं, ‘लोग ज्यादा व्यस्त हो गए हैं, भाग-दौड़ बढ़ गई है इसलिए वे चाहते हैं कि कोई हो जो उनके लिए अच्छा प्लान उपलब्ध करा दे. इसलिए वेडिंग प्लानर का कॉन्सेप्ट ज्यादा स्वीकार किया जाने लगा है’.
शादी से जुड़ा कारोबार भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं है. ऐसे में डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन जोरों पर है. एक्जोटिक इंडियन वेडिंग, मिस्टिकल मोमेंट्स जैसी कंपनियों के तो विदेशों में भी ऑफिस हैं. मिस्टिकल मोमेंट्स के लखनऊ ऑफिस की नीति बागला बताती हैं, ‘बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले युवाओं को अच्छी सैलरी मिलती है इसलिए वे खुद सक्षम हैं और मनचाहा खर्च करते हैं.’
डेस्टिनेशन वेडिंग की व्यवस्था करने वाली कंपनियां दुनियाभर में सेवाएं देती हैं. आम तौर पर महानगरों के लोग और आप्रवासी भारतीय इनके ग्राहक हैं. बागला कहती हैं, ‘बारात लेकर लड़की वालों के शहर जाना, लड़की वालों की ओर से पूरी व्यवस्था जुटाना पुरानी बातें हो गई हैं. अब दोनों ही पक्ष अपने परिवार और कुछ खास रिश्तेदारों को लेकर किसी खूबसूरत जगह जाकर शादी करते हैं और बराबरी से खर्च उठाते हैं.’ पसंदीदा जगहों में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर या उदयपुर का राजसी महल हो सकता है. गोवा के समुद्री तट कई लोगों की पंसद हैं. कई लोग पुरी, मदुरै या खजुराहो भी चुनते हैं.
मसूरी, नैनीताल या शिमला-मनाली के पहाड़ों पर विवाह काफी लोग पसंद करते हैं. भिड़े कहते हैं, ‘समुद्र तट पर शादी की चाह बढ़ी है इसलिए मुंबई के अनेक लोगों के लिए गोवा में व्यवस्था की जाती है जहां बीच पर अनेक होटल होने की वजह से मुंबई की तुलना में आयोजन सुविधाजनक होता है. वैसे आप्रवासी भारतीयों में बीच वेडिंग का क्रेज ज्यादा है.’ दिल्ली के संस्कृति शादी प्लानर्स की स्वाति बताती हैं, ‘लोग ज्यादा जागरूक हो गए हैं, कम-से-कम पैसे में ज्यादा की उम्मीद करते हैं. नई पीढ़ी ज्यादा सक्रिय है. वह कॉस्ट इफेक्टिवनेस देखती है.’
विदेश में हनीमून के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन रहे मॉरिशस, मलेशिया या थाईलैंड शादी-ब्याह के लिए भी पसंदीदा ठिकाने बन गए हैं. जेब भरी होने से लोगों की कल्पनाशीलता भी बढ़ गई है. ऐसे में एडवेंचरस वेडिंग की चाह सामने आ रही है. भिड़े से उनके एक ग्राहक ने अंडरवाटर वेडिंग प्लान चाहा था जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था. लेकिन पेस वेडिंग प्लानर्स बंजी जंपिंग, मिड एयर और अंडर वाटर जैसे प्लान भी उपलब्ध कराते हैं. भिड़े कहते हैं, ‘एक ग्राहक ने वाइल्ड लाइफ थीम पर विवाह चाहा था तब हमें दक्षिण भारत के एक अभयारण्य में जाकर व्यवस्था करनी पड़ी.’ कई लोग आगरा-लखनऊ जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर विवाह पसंद कर रहे हैं. मुंबई में सजावट का काम करने वाले परफेक्ट डेकोर के नितिन रायचुरे कहते हैं, ‘नई पीढ़ी के माता-पिता का रुझान भी बदला है.’
कुछ नया करने की चाह में हेलीकॉप्टर से दुलहन लाने का चलन एकाध दशक पहले इक्का-दुक्का लोगों के बूते की बात थी. लेकिन अब हाथी-घोड़े की बजाए उड़न खटोले पर सवार होकर दुलहन के द्वार पर पहुंचने की या हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराने का चलन बढ़ गया है. इससे बढ़ा है फ्लाई जेटटेक, एयर चार्टर इंडिया और चार्टर प्लस जैसी कंपनियों का व्यवसाय. दिल्ली की चार्टर प्लस के कैप्टन हनफी कहते हैं, ‘पिछले एक-डेढ़ साल से एकाएक रुझान बढ़ा और अब शादी के सीज़न में रोज दो-तीन इंक्वायरी आती हैं.’ बठिंडा के दूल्हे मनप्रीत सिंह हों या उज्जैन के कल्याण सिंह, दोनों के लिए हेलीकॉप्टर में दुलहन लेने जाना स्टेटस सिंबल मात्र है. अब रुझान बढ़ा तो बजट को लेकर लोग जागरूक हुए हैं. फिर भी विवाह को यादगार बनाने के लिए लोग हेलीकॉप्टर पर 2 से 6 लाख रु. खर्च करना पसंद कर रहे हैं.
मध्यवर्गीय परिवारों में परंपरागत तरीके से बारात ले जाकर शादी करना आज भी आम है लेकिन इसमें भी हवाई जहाज से बारात ले जाना, बारातियों को महंगे उपहार देना नया ट्रेंड है. शादी ब्याह को ध्यान में रखकर एयर इंडिया ने शगुन वाउचर की पेशकश की है. हैदराबाद के वैष्णव परिवार ने अपनी बेटी की शादी इंदौर में एक बीएएमएस डॉक्टर से तय की तो सेवानिवृत्त सब इंजीनियर अपने बेटे की बारात हवाई जहाज से ले गए. यह खर्चीला तो है पर शादी बार-बार नहीं होती.
अखबारों-पत्रिकाओं के विज्ञापनों और सामुदायिक प्रकाशनों की सूचनाओं के बाद अब शादी-ब्याह के लिए मैट्रिमोनियल वेबसाइट, सोशल मीडिया देखने का चलन बढ़ा है. शादी डॉट कॉम वेबसाइट अपने यहां शादी के लिए इच्छुक 2 करोड़ युवक-युवतियों के नाम रजिस्टर होने के साथ ही 1.20 करोड़ जोड़ों को करीब लाने का दावा करती है. लेकिन निजी संपर्कों की जगह ऐसे प्लेटफॉर्म के सहारे शादी सिर्फ जुआ नहीं, अब बड़ा जुआ है और इसमें बड़े पैमाने पर खर्च होता है. इस जोखिम को देखते हुए दूल्हे-दुलहन के साथ ही सास-ससुर के बारे में सूचनाएं जुटाने का काम पेशेवर जासूसों को सौंपा जा रहा है. दिल्ली की एक जासूसी एजेंसी के मुताबिक, जासूसी के लिए मिलने वाले औसत 6 प्रस्तावों में से कम-से-कम एक की शादी निरस्त हो जाती है. चूंकि शादी की तैयारी खर्चीला मामला है, शादी रद्द होने के जोखिम का आइसीआइसीआइ लोंबार्ड और बजाज आलियांज बीमा करने लगे हैं.
सितारों की चमक शादी में चार चांद लगाती है. एक दशक पहले शाहरुख खान शादी-ब्याह में जलवा दिखाने के 10-15 लाख रु. लेते थे, लेकिन अब मौजूदगी या कार्यक्रम पेश करने की फीस बढ़कर 3 से 5 करोड़ रु. हो गई है.
फिल्मों के प्रचार को भी विवाह के साथ जोड़ा जा रहा है. पिछले दिनों तनु वेड्स मनु की चर्चित जोड़ी कंगना रानावत और माधवन को गुड़गांव के विवाह समारोह में देखा गया. फिल्म लंका के प्रचार के लिए दिल्ली आए मनोज वाजपेयी भी छतरपुर में एक शादी में दिखे थे. इससे फिल्म का प्रचार और मेजबान की मुराद पूरी हो जाती है. मेहंदी की रस्म और कॉकटेल के लिए मीका, हार्डकौर और सुखविंदर सिंह की मांग है तो सुकून भरे माहौल के लिए राहत फतेह अली, शफकत अमानत अली और पंकज उधास को बुलाया जाता है.
जिसकी जैसी ताकत वैसी आवभगत, लेकिन हर जगह शादी यादगार जलसा है.
-साथ में महेश शर्मा और जयश्री पिंगले