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झारखंड : वे कौन सी योजनाएं हैं जो बन सकती हैं हेमंत सोरेन का 'मास्टर स्ट्रोक'?

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने गरीबों, महिलाओं, युवकों को ध्यान में रखते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं. उनकी मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है

आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन/एक्स
आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन/एक्स
अपडेटेड 8 अक्टूबर , 2024

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवरात्रि के दौरान 8 अक्टूबर को मंईयां योजना की तीसरी किस्त जारी कर दी है. इसके तहत राज्य की 45 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खाते में एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "नवरात्रि की पवन बेला में आज वीरभूमि लोहरदगा से मंईयां सम्मान राशि की तीसरी किश्त बहनों के खाते में सीधे पहुंचेगी. पिछले 2 महीने में सम्मान राशि की यह तीसरी किश्त हम रिकार्ड समय में आप तक भेज पाए हैं."

हेमंत सोरेन की इस योजना को मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है लेकिन सत्ता में आने के साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सरकार ने ऐसी कुछ और योजनाएं भी शुरू की थीं. ये योजनाएं न सिर्फ झारखंड के लोगों की जिंदगी बेहतर बना रही हैं, बल्कि ये हेमंत सोरेन और जेएमएम की सत्ता में वापसी भी करा सकती हैं. आइए इन योजनाओं का एक-एक कर जायजा लेते हैं.

मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना

महिला शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण स्तर में लगातार सुधार, महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और परिवार में उनकी निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करने के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने यह योजना जुलाई 2024 में लागू की थी. इसके तहत पात्र आवेदनकर्ताओं को हर महीने की 15 तारीख को उनके बैंक खाते में एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता भेजी जाती है. इस योजना का लाभ गरीब परिवार की 18 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मिल रहा है. 

आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं का राशन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता या पोस्ट ऑफिस खाता होना और उसका आधार से लिंक होना अनिवार्य है.  पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक विज्ञप्ति के हिसाब से अब तक इस योजना के तहत कुल 48,15,048 महिलाओं को रजिस्टर्ड किया गया है. इससे पहले यह योजना 21 से 49 साल की आयु वर्ग की महिलाओं के लिए थी. लेकिन झारखंड मंत्रिमंडल से हाल में मंजूरी मिलने के बाद 18 से 20 साल की महिलाओं को भी इस योजना से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई.

अबुआ आवास योजना

अबुआ आवास योजना झारखण्ड की शुरुआत 15 अगस्त 2023 को झारखण्ड सरकार द्वारा की गयी थी. जबकि इसके लिए पहली किश्त 23 जनवरी 2024 को जारी कर दी गयी है. इस योजना के माध्यम से झारखण्ड के गरीब वर्ग के लोगों या जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है उनको 2 लाख रुपए की लागत वाला 3 कमरों का पक्का मकान उपलब्ध कराया जा रहा है. इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जो पीएम आवास योजना का लाभ किसी वजह से नहीं ले पाए हैं.

इस योजना के अंतर्गत 31 मार्च 2026 तक 8 लाख गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के तहत अब तक 31 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 29.97 लाख आवेदनों का सत्यापन किया जा चुका है. झारखण्ड अबुआ आवास योजना के तहत आवास निर्माण के लिए लाभुकों को 2 लाख रुपए की राशि पांच किश्तों में दी जाएगी. पहली किश्त में लाभार्थियों को पक्का घर बनवाने के लिए सम्पूर्ण लागत का अर्थात 2 लाख रुपए का 15 प्रतिशत ही प्रदान किया जायेगा.

झारखंड सर्वजन पेंशन योजना

झारखंड सरकार ने वृद्धों, विधवाओं, परित्यक्त महिलाओ और दिव्यांगों के लिए सम्मानजनक जीवन यापन के उद्देश्य से 15 नवंबर 2021 को सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत लाभार्थियों को एक हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाती है. इसका क्रियान्वयन राज्य सरकार का सामाजिक सुरक्षा विभाग करता है. हर महीने की पांच तारीख को पेंशन राशि बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाती है.

इस योजना के तहत 50 वर्ष से अधिक उम्र की सभी वर्ग की महिलाओं और एससी-एसटी वर्ग के पुरुषों को भी योजना का लाभ मिल रहा है. पांच साल की आयु से ऊपर के दिव्यांग और एड्स की घातक बीमारी से जूझ रहा कोई भी व्यक्ति पेंशन पाने के लिए पात्र है.

प्री और पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना

राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है. इसके तहत पहली से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है. सरकार का दावा है कि अब तक 35 लाख से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल चुका है. 

इस योजना का लाभ उठाने के लिए एससी/एसटी, पिछड़े वर्ग आदि के छात्रों-छात्राओं की पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए. प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत, पहली से पांचवीं तक पढ़ने वाले इन कोटि के विद्यार्थियों को 1500 रुपये सालाना मिलता है. वहीं, छठी से आठवीं तक के बच्चों को 2500 दिए जाते हैं. नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को 4500 रुपये सालाना मिलता है.

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना

बाल विवाह का अंत, बालिका शिक्षा पर जोर और महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की तरफ से संचालित की जाती है. इस योजना के तहत आठवीं और नौवीं क्लास की छात्राओं को 2500, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास की छात्राओं को 5000 और 18-19 साल की युवतियों को एकमुश्त 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रावधान है. 

सरकार के दावों के मुताबिक, यह योजना लड़कियों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च में सहयोग कर उनके स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति में कमी ला रही और उच्च शिक्षा के प्रोत्साहित कर रही है. इसके जरिए बेटियां पढ़-लिख कर खुद अपने जीवन के बारे में स्वतंत्र फैसले लेने में सक्षम बन रही हैं. 

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना

यह योजना राज्य के नागरिकों के लिए एक जीवन रक्षक पहल है. इसमें गंभीर बीमारियों से जूझ रहे गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है ताकि उन्हें भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके और उनका जीवन बचाया जा सके. यह झारखंड के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग की तरफ से संचालित की जा रही है. 

इसमें कई गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया है, जिनमें कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट और लीवर संबंधी गंभीर रोग को इस योजना के दायरे में रखा गया है. योजना के तहत लाभार्थी को अधिकतम 10 लाख रुपये तक राशि प्रदान की जाती है. इसमें बिस्तर, दवा, भोजन, सर्जरी आदि पर आने वाला खर्च शामिल है. इलाज पर खर्च पूरी तरह सरकार वहन करेगी. 

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना

राज्य के बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सोरेन ने इस योजना की शुरुआत की है. इसके तहत पात्र वर्ग के युवाओं को 25 लाख रुपये तक का रोजगार लोन मुहैया कराया जाता है. यह 6 फीसद ब्याज दर पर दिया जाता है. इसके अलावा, सरकार उन ऋणों पर 40 फीसदी या अधिकतम पांच लाख रुपये तक सब्सिडी देती है. 

आसान शर्त पर मिलने वाले इस ऋण की मदद से युवा अपना रोजगार स्थापित कर सकते हैं. इस योजना हेतु आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 से 45 साल के बीच होनी चाहिए. साथ ही, उम्मीदवारों के परिवार की सालाना आय पांच लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. 

झारखंड कृषि ऋण माफी योजना

सरकारी दावों के मुताबिक, मुख्यमंत्री सोरेन ने गरीब किसानों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए यह योजना शुरू की थी ताकि कर्ज के जाल में फंसे किसानों को आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए बाध्य न होना पड़े. पहले इस योजना के माध्यम से किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ किया जाता था लेकिन अब इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है. 

सोरेन सरकार के मुताबिक, लाखों किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए करीब 4607 करोड़ की राशि निर्धारित की है. कर्ज माफी के लिए व्यक्ति को झारखंड का निवासी होना अनिवार्य है. 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के किसानों ने अगर 31 मार्च, 2020 से पहले लोन लिया है तो वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. 

ग्रीन राशन कार्ड योजना

झारखंड में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सोरेन सरकार ने 15 नवंबर, 2021 को ग्रीन राशन कार्ड योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को गरीब परिवारों की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से लागू किया गया है. इसके लिए आवेदक की आयु न्यूनतम 18 साल होनी चाहिए. 

इस योजना के तहत 18 साल या इससे अधिक उम्र की विवाहित/विधवा/परित्यक्त महिला सदस्य को ही परिवार का मुखिया माना जाएगा. इसमें एक रुपये प्रति किग्रा की दर से लोगों को चावल मुहैया कराया जाता है, और यह पांच किग्रा प्रति माह प्रति व्यक्ति के हिसाब से मिलता है. 

नि:शुल्क बिजली योजना

राज्य सरकार ने अपने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करने के इरादे से नि:शुल्क बिजली योजना का दायरा बढ़ा दिया है. अब लोगों को 125 यूनिट प्रति महीने के बजाए 200 यूनिट प्रति महीने की दर से बिजली मिल रही है. राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में झारखंड बिजली वितरण निगम को यह राशि देगी. लोगों को सहूलियत देने के लिए सरकार हर महीने 344 करोड़ रुपये चुकाएगी. 

यह लाभ घरेलू और शहरी उपभोक्ताओं के अलावा कृषि और सिंचाई श्रेणी के लोगों को भी मिल रहा है. इस श्रेणी में आने वाले उपभोक्ताओं को एनर्जी चार्ज, फिक्स्ड चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से भी छूट है. हालांकि हर महीने 200 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले लोगों को ही इसका लाभ मिलेगा. 

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