scorecardresearch

बिहार के लिए काम करके मैं खुश हूं: नीतीश

इसका अनुमान लगाना कठिन है कि कौन फायदा उठा पाएगा. यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों ने आम आदमी की जिंदगी मुश्किल बना दी है. उसका कांग्रेस से पूरी तरह मोहभंग हो चुका है.

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
अपडेटेड 28 सितंबर , 2011

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में 1, अणे मार्ग के अपने सरकारी निवास के बगीचे में असिस्टेंट एडीटर अमिताभ श्रीवास्तव से बात करते हुए एकदम सहज लग रहे थे.

इस समय यूपीए भ्रष्टाचार के मामले पर बचाव की मुद्रा में है. क्या राजग को इसका फायदा मिलेगा?
इसका अनुमान लगाना कठिन है कि कौन फायदा उठा पाएगा. यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों ने आम आदमी की जिंदगी मुश्किल बना दी है. उसका कांग्रेस से पूरी तरह मोहभंग हो चुका है.

राजग का विस्तार किस तरह किया जा सकता है?
वर्तमान में राजग में बहुत सारे घटक दल नहीं हैं. भाजपा इसका सबसे बड़ा घटक है, उसी को यह सोचना है कि समान विचारधारा वाली पार्टियों को कैसे साथ लाया जाए.

क्या आप भविष्य में दो-ध्रुवीय राजनीति का उदय देखते हैं?
अगर आप हाल ही में हुए चुनाव के मतों के वास्तविक प्रतिशत और रुझान पर नजर डालेंगे तो समझ जाएंगे कि यह गठबंधन की राजनीति का युग है. दो-ध्रुवीय राजनीति कुछ सीमित जगहों तक रह गई है.

आप बिहार में मुस्लिम वोटों को भाजपा की ओर ले जाने में कैसे सफल रहे, जिसे एकदम असंभव समझा जा रहा था.
यह सब इसलिए संभव हो सका क्योंकि हमने अपना पूरा ध्यान न्याय के साथ विकास को अंजाम देने के नजरिए पर केंद्रित किया. हमने हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए कई तरह के कार्यक्रम शुरू किए थे, जिसने सांप्रदायिक विभाजन को खत्म करने में मदद की और उनके अच्छे नतीजे दिखाई दिए. हमने सांप्रदायिकता के प्रति कड़ा रुख अपनाया. आम आदमी ने भी बदलाव महसूस किया. अन्य लोगों की तरह अल्पसंख्यकों ने भी शासन के हमारे मॉडल के प्रति विश्वास व्यक्त किया और हमारे गठबंधन के साझीदार को वोट भी दिया. यह किसी पार्टी के लिए वोट नहीं था, बल्कि हमारे शासन के मॉडल को भरपूर मंजूरी मिली थी.

आपके शासन का मॉडल बिहार में सफल रहा. क्या यह राष्ट्रीय स्तर पर भी कारगर हो सकता है?
हमारे बहुत से कदमों की राष्ट्रीय स्तर पर भी नकल की गई है. हमारी पहली सरकार थी, जिसने मंत्रियों की संपत्ति को सार्वजनिक किया. हमने समय पर काम पूरा करने के लिए सेवा का अधिकार कानून शुरू किया. हमारी बहुत-सी योजनाओं को अन्य राज्‍यों में भी लागू किया जा सकता है. मुश्किल यह है कि केंद्र ने पूरी तरह से हमारी अनदेखी की है.

क्या आप खुद को 2014 में प्रधानमंत्री पद का दावेदार समझ्ते हैं.

ईमानदारी से कहें तो मैंने कभी भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर अपने बारे में नहीं सोचा. दरअसल, मैं खुद को इस पद के लायक भी नहीं समझ्ता. मैं बिहार के लिए काम करके खुश हूं. मैं बिहार की सेवा करके देश की सेवा कर रहा हूं. यह एक बहुत बड़ा देश है और यहां कई योग्य नेता हैं.

क्या आप प्रधानमंत्री पद के लिए लालकृष्ण आडवाणी को उपयुक्त उम्मीदवार मानते हैं?
आडवाणी जी पहले ही कह चुके हैं कि वे इस दौड़ में शामिल नहीं हैं.

मोदी को अगर भाजपा प्रधानमंत्री पद का अपना उम्मीदवार बना दे तो आपकी टिप्पणी क्या होगी?
आप देख चुके हैं कि हमारा रुख एकदम साफ है. भाजपा ने अभी तक किसी को भी प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित नहीं किया है. इन परिस्थितियों में हम किसी औपचारिक घोषणा होने के बाद ही अपनी राय जाहिर कर सकते हैं.

Advertisement
Advertisement