अब इसे दोस्तों-साथियों का दबाव कहें या फिर दिखावे का शौक, लेकिन सचाई यह है कि भारत के करीब 10 करोड़ मोबाइल फोन उपभोक्ता हर साल नया स्मार्ट मोबाइल फोन खरीदने का लोभ नहीं छोड़ पाते. जब भी बाजार में कोई नया स्मार्ट फोन आता है तो आपकी जेब मचलने लगती है. अगर खर्च करने में दिक्कत न हो, तो हो सकता है कि आप एक साथ पांच से ज्यादा फोन के मालिक हों. यह भी हो सकता है कि आप अपना पुराना फोन बेचकर नया खरीदने की योजना बना रहे हों.
सवाल यह नहीं है कि आप कितने में अपना फोन बेचना चाहते हैं बल्कि असली सवाल यह है कि दुकानदार आपको कितने पैसे देने को तैयार है. बाजार की चाल अब उलटी है. यह बाजार खरीदार का है, बेचने वाले का नहीं. लिहाजा अगर आप पहली बार अपने पुराने फोन का सौदा करने जा रहे हैं, तो आपके सामने चौंकाने वाली बातें आ सकती हैं. इसलिए हम आपको सेकेंड हैंड फोन बाजार की तल्ख सचाइयों से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं ताकि आपको अपने फोन की असली कीमत का पता चल सके.
आजकल रीसेल बाजार में कैपेसिटिव टचस्क्रीन, ऐंड्रॉएड ऑपरेटिंग सिस्टम, ऐप्लिकेशन और अच्छे कैमरे वाले फोन की ज्यादा मांग है. दिल्ली की गफ्फार मार्केट में पुराने फोन के डीलर हनी सिंह बताते हैं, ''अब क्वर्टी कीपैड की मांग नहीं रह गई है. पुराने फोन खरीदने वाले टचफोन मांगते हैं. ऐंड्रॉएड बेस्ड फोन लोकप्रिय हैं और हमारे पास इनकी काफी मांग आती है.''
लेकिन अगर आपके पास कोई देसी ब्रांड है जिसे इस्तेमाल कर के आप थक चुके हैं, तब क्या करेंगे? मोबि फोन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली के मालिक मोहित वाधवा कहते हैं, ''लावा और कार्बन जैसे ब्रांड की रीसेल वैल्यू बड़े शहरों में ज्यादा नहीं है. ये फोन अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और कम चलते हैं. लेकिन छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में इनकी मांग काफी ज्यादा है.''
उन्होंने जो कहा, हमने खुद उसे आजमाया और सही पाया. हमने माइक्रोमैक्स और लेमन के कुछ पुराने क्वर्टी कीपैड और वाइफाइ वाले फोन बेचने की कोशिश की. अधिकतर दुकानदारों ने तो नाम सुनते ही उन्हें लेने से इनकार कर दिया, कुछ ने पूछा, ''क्या माइक्रोमैक्स ब्लिंग 2 है? क्या आपका लेमन वाला फोन ऐंड्रॉएड बेस्ड है?'' भारत में मोबाइल फोन के सबसे बड़े रीसेल बाजार दिल्ली की गफ्फार मार्केट में अधिकतर दुकानदार इन ब्रांड को लेकर सशंकित थे. एक ने कहा, ''हम ऐसे छोटे या चाइनीज ब्रांड में डील नहीं करते. नोकिया या सैमसंग हो तो दिखाइए.''
अंत में हमें एक दुकानदार मिला जिसने इनका दाम 800 रु. लगाया (जबकि वास्तविक दाम 5000 रु. था). चूंकि वे फोन बिलकुल नए से दिखते थे और ठीक से काम कर रहे थे, इसलिए हम उनका सौदा 1,000 रु. में कर सके.
लेकिन एक बात का ध्यान रखना होगा. अगर फोन पर स्क्रैच हो या उसकी मूल पैकिंग और ऐक्सेसरीज गायब हों, तो यह कूड़े से बेहतर नहीं. तेजी से उभरते मोबाइल हैंडसेट बाजार का पूरा परिदृश्य अब बदल चुका है. याद करिए जब कोई पुराना फोन बेचना कितना आसान हुआ करता था. आम तौर पर नोकिया का कोई लोकप्रिय मॉडल अपने दाम का 60 फीसदी तक निकाल लेता था जबकि निचले ब्रांड भी 40 फीसदी तक पर बिक ही जाते थे.
अब यह तरीका काम नहीं करता क्योंकि अब ऑपरेटिंग सिस्टम और नए मॉडल की मांग है. सारे लोकप्रिय प्लेटफॉर्मों में ऐंड्रॉएड और आइओएस की सेकंड हैंड बाजार में भारी मांग है, इसके बावजूद यह कुछ निश्चित किस्म के फोन तक ही सीमित है. मसलन, सैमसंग गैलेक्सी एस-2 और गैलेक्सी नोट का रीसेल मूल्य कहीं बेहतर है. अगर आपके पास ऐपल का आइफोन 4एस या आइफोन 4 हो, तो सौदा करने में मजा आएगा लेकिन एचटीसी इनक्रेडिबल एस, इवो 3डी, सोनी एरिक्सन आर्क एस या एक्सपीरिया की कीमत आपके सोच के मुताबिक नहीं मिल पाएगी.
रीसेल मार्केट में सबसे ज्यादा नुकसान नोकिया को हुआ है. पहले जो नोकिया सबसे ज्यादा डिमांड में होता था, आज खरीदार उसे सबसे अंत में तरजीह देते हैं. यदि आपके पास सिम्बियन प्लेटफॉर्म पर काम करने वाला नोकिया का सेट है, तो बाजार में उसके मौजूदा दाम का 30 फीसदी ही निकल पाएगा. यदि वह मॉडल अब बंद हो चुका है, तो उसकी आखिरी कीमत का 30 फीसदी मिल पाएगा. बगैर किसी स्क्रैच के नोकिया ई 7 पर अब 7,000 रु. से 9,000 रु. के बीच ही वापस मिल पाएंगे, जबकि उसकी आखिरी कीमत 19,500 रु. थी. उससे कुछ लोकप्रिय नोकिया एन8 भी 8,000 रु. में ही निकल रहा है.
नोकिया के विंडोज फोन या अन्य ब्रांड की भी हालत कुछ अलग नहीं है. इनमें मौजूदा कीमत का 50 फीसदी ही निकल पाएगा, भले ही आपका फोन दस दिन या महीने भर पुराना हो. यदि बॉडी पर स्क्रैच हैं, तो कीमत और कम हो जाएगी.
इस मामले में रिसर्च इन मोशन (रिम) का ब्लैकबेरी भी लोकप्रिय नहीं है. सिर्फ ब्लैकबेरी 8520 से ही आप तीन से साढ़े तीन हजार तक की उम्मीद पाल सकते हैं, वह भी तब जब आपके पास ओरिजिनल बिल और डिब्बा हो. मुंबई के महेश टेलीकॉम के मनीष कहते हैं, ''सेकंड हैंड सेलफोन खरीदने वाले कम दाम पर ज्यादा फीचर मांगते हैं. यहां तक कि वे सैमसंग गैलेक्सी एस2 या ऐपल आइफोन 4/4एस जैसे सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल की भी मांग करते हैं.''
अब आपको अंदाजा लग गया होगा कि पुराने फोन का दाम वसूलना आसान नहीं है. लेकिन हमारे नुस्खे को आजमाकर आप अपने फोन की बेहतर कीमत वसूल सकते हैं.