मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों में कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने में हीलाहवाली करने को गंभीरता से लिया है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि डीएम और सीएमओ स्तर से भेजे जा रहे कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने में हीलाहवाली करने वालों के खिलाफ नियमानुसार महामारी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही की जाए. इस बाबत चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कमिश्नर, डीएम और सीएमओ को आदेश जारी कर दिए हैं.
सीएम योगी ने हाल ही में मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा महाविद्यालयों में आक्सीजन की किल्लत न होने पाए, इसलिए आक्सीजन प्लांट की स्थापना को लेकर जोर दिया था. उनके निर्देश पर प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा महाविद्यालयों में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना की गई है. इसके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बांदा और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फिरोजाबाद, अयोध्या, बस्ती, बहराइच में भी आक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है. इसके लिए चार दिन पहले ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रति मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा महाविद्यालय को 14 लाख 37 हजार की धनराशि की दर से करीब एक करोड़ 15 लाख जारी कर दिए गए हैं. प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमितों को तत्काल भर्ती कर उनकी जीवन रक्षा करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसे लेकर हीलाहवाली किसी भी सूरत में सहन नहीं की जाएगी.
तीन केंद्र और पांच आक्सीजन प्लांट प्रदेश सरकार लगवा रही
प्रदेश में आठ राजकीय मेडिकल कॉलेजों और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में आक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है. इसमें राज्य सरकार राजकीय मेडिकल कॉलेज आजमगढ़, बांदा और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या, बस्ती, बहराइच में आक्सीजन प्लांट की स्थापना खुद करा रही है. जबकि राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर, अंबेडकरनगर और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फिरोजाबाद में प्लांट की स्थापना केंद्र सरकार की नामित एजेंसी की ओर से किया जाएगा. आक्सीजन जेनरेटर प्लांट की स्थापना के लिए कक्ष का निर्माण संबंधित प्रधानाचार्य कराएंगे.कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति का ही नतीजा है कि सरकार ने पहले ही गंभीर रोगियों के ईलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर, एचएफएनसी और बाईपैप सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में खरीदे हैं. फिलहाल, 5,000 से अधिक वेंटिलेटर, 1,600 हाई फ्लो नसल कैनूला (एचएफएनसी) और 1,000 बाईलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (बाईपैप) उपलब्ध हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में अतिरिक्त रूप से हैं.
रोजाना दो लाख से ज्यादा आरटीपीसीआर जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सुविधाओं और दवाओं की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हुए प्रदेश के आला अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में रोजाना दो लाख से अधिक कोरोना की जांच की जा रही है. जिसका परिणाम है कि अब तक प्रदेश में तीन करोड 75 लाख 90,753 जांच की जा चुकी हैं. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, प्रदेश में संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए सधी रणनीति के अनुसार प्रदेश में युद्धस्तर पर संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के प्रत्येक जिले में कोविड कमांड सेंटर से लोगों को सीधे तौर पर मदद मिल रही है. प्रदेश के चार लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और गोरखपुर जनपदों में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है जिस पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष कार्ययोजना के तहत इन जिलों में सुविधाओं का विस्तार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. राजधानी समेत दूसरे जिलों में बेड की संख्या में इजाफा किया गया है. इसके साथ ही दवा, ऑक्सीजन, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटीन सेंटर
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाए जा रहे हैं. जिससे संक्रमण की दर पर लगाम लगाया जा सके. बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जनपदों में प्रवासी मजदूरों की आरटीपीसार जांच कराने और चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए विशेष रणनीति के तहत युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश के हर जिले में क्वारंटीन सेंटर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम इन प्रवासी मजदूरों की आरटीपीसीआर जांच करेगी. प्रदेश में पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा व्यापक स्तर पर कोविड-19 से बचाव के बारे में लोगों को निरन्तर जागरूक किया जा रहा है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में 59 हजार तथा नगरीय क्षेत्रों में 14 हजार निगरानी समितियां क्रियाशील हैं. सीएम ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी में टीकाकरण तेज किए जाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम के लिए टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट’ के मंत्र के अनुरूप कार्यवाही की जाए. प्रदेश में कोविड-19 की जांच की सुविधा सरकारी क्षेत्र की 125 तथा निजी क्षेत्र की 104 प्रयोगशालाएं हैं.
कोविड पॉजिटिव होने का योगी के कामकाज पर असर नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर भले ही बुधवार, 14 अप्रैल को आई हो, लेकिन मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर खुद को आइसोलेट करने की सूचना दे दी थी, लेकिन इन सबके बीच मुख्यमंत्री योगी ने अपने किसी भी कार्यक्रम और मीटिंग को निरस्त नहीं किया, बल्कि अपनी हमेशा की तरह सुबह सात बजे से ही अधिकारियों और मंत्रियों के साथ कोरोना के रोकथाम को लेकर वर्चुअली और टेलीफोनिक संवाद करते रहे. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक गले में हल्की खराश, हल्का बुखार और बोलने में तकलीफ होने के बाद भी मुख्यमंत्री ने किसी भी बैठक को निरस्त नहीं किया. उन्होंने राजधर्म का पालन करते हुए टीम 11 के अधिकारियों के साथ वर्चुअली समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री योगी कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी पिछले दो दिनों से वैसे ही सक्रिय हैं, जैसे आम दिनों में होते हैं. सुबह सात बजे से ही अधिकारियों और मंत्रियों के साथ कोविड को लेकर वर्चुअली और टेलीफोनिक संवाद स्थापित कर रहे हैं. उन्होंने फोन के माध्यम से सभी मंत्रियों को निर्देशित किया है कि वह सभी जिलों में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित करें, ताकि तेजी के साथ जनता को व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा सकें. पिछले साल कोरोना काल में अपने पिता के निधन हो जाने के बाद भी उन्होंने इस राजधर्म को ही चुना था.
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