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हेलो! मैं जिलाधिकारी बोल रहा हूं.

गाजियाबाद के जिलाधिकारी जिले के हर कोविड मरीज को खुद फोन कर उनका हालचाल लेते हैं. गाजियाबाद, यूपी के उन चुनिंदा जिलों में शुमार है जहां अब तक आए कुल कोरोना पाजिटिव मरीजों में से आधे ठीक होकर घर जा चुके हैं.

फोटोः आशीष मिश्र
फोटोः आशीष मिश्र
अपडेटेड 14 मई , 2020

“हेलो ! मैं जिलाधिकारी बोल रहा हूं. आप कैसे हैं.” गाजियाबाद के मुरादनगर में कोविड अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना पाजिटिव मरीज दिनेश ने घंटी बजते ही फोन उठाया तो यह सुनाई पड़ा.

पहले तो दिनेश कुछ समझ नहीं पाया. फोन काट दिया. तुरंत उसी नंबर से दूसरी कॉल आई. कॉल करनेवाले ने फिर बोला, हेलो, नमस्कार, आप कैसे हैं. मैं गाजियाबाद का जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय बोल रहा हूं.

यह सुनते ही बेड पर आराम से लेटे दिनेश पलथी मारकर बैठ गए. जवाब में बोले, मैं ठीक हूं. बातचीत में दिनेश ने फोन पर अजय शंकर पांडेय को बताया कि वह बाहर से आए थे. शुरू में उन्हें हल्का-सा बुखार था. जिला प्रशासन को जानकारी मिलने के बाद दिनेश का सैंपल लिया गया. यह पॉजिटिव आया और दिनेश को तुरंत कोविड अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया गया. दिनेश अब स्वस्थ्य होकर अपने घर पहुंच गए हैं लेकिन उनके पास जिलाधिकारी का फोन दो-तीन दिन छोड़कर नियमित आ रहा है.

गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की यही कार्यशैली है. रोज सुबह दस बजे अपने दफ्तर पहुंचने पर वह सबसे पहले जिले के अस्पतालों में इलाज करा रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों को फोन करके उनका हालचाल लेते हैं. उन्हें या उनके परिवार वालों को किसी प्रकार कर दिक्कत होने पर उसका तुरंत निदान भी करते हैं.

अजय शंकर पांडेय बताते हैँ कि जिला प्रशासन देश का पहला ऐसा जिला होगा जहां डीएम स्वयं कोविड अस्पतालों में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों से लगातार फोन के जरिए संपर्क बनाए हुए है. इसका उद्देश्य भर्ती मरीजों को कोरोना की लड़ाई की पूरी तस्वीर से अवगत कराते हुए उनके और परिवारीजनों का हौसला बढ़ाना है.

कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या कोविड-१ में भर्ती रोगियों पर कोई नकारात्मक असर न डाले जिलाधिकारी द्वारा फोन पर हालचाल लेने के पीछे यह भी एक बड़ी मंशा छिपी होती है. गाजियाबाद, यूपी के उन चुनिंदा जिलों में शुमार है जहां अब तक आए कुल कोरोना पाजिटिव मरीजों में से आधे ठीक होकर घर जा चुके हैं.

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 मई की शाम छह बजे तक गाजियाबाद में कुल 150 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके थे जिनमें आधे यानी 75 ठीक हो चुके हैं.

अजय शंकर पांडेय बताते हैं “पाजिटिव केस बढ़ने के जो कारण हैं उनमें मुख्य है ज्यादा से ज्यादा सैंपल कलेक्शन. इसके अलावा जिला प्रशासन ने प्रयास करके सभी सैंपल की रिपोर्ट जल्द से जल्द मंगवाने की व्यवस्था भी की है.”

ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी जांच कराएं इसके लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय दूसरे अधिकारियों के साथ मिलकर लोगों से मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर लगातार अपील कर रहे हैं. मरीजों का इलाज बेहतर होने के कारण ही गाजियाबाद के कोविड-2 और कोविड-3 अस्पतालों में रेफर होने वाले मरीजों की संख्या नाममात्र की है.

कोविड-2 और कोविड-3 अस्पताल रेफर होने वाले मरीज भले ही कोरोना पॉजिटिव हों लेकिन कैंसर, डायबिटीज, किडनी, हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने के कारण इनकी हालत बिगड़ी है. अस्पतालों में भर्ती मरीजों की मानसिक मजबूती के लिए इनके काउंसिलिंग की अलग से व्यवस्था की गई है. हर कोविड अस्पताल में राउंड द क्लाक मनोवैज्ञानिक की तैनाती है जो मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर उसका तुरंत समाधान करते हैं.

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