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केंद्र सरकार ने 50 रुपए का सिक्का जारी करने की मांग पर हाईकोर्ट में क्या कहा?

दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें मांग की गई थी कि दृष्टिबाधित लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार को 50 रुपए मूल्य का सिक्का जारी करना चाहिए

सांकेतिक तस्वीर
अपडेटेड 9 जुलाई , 2025

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया है कि फिलहाल 50 रुपये के सिक्के जारी करने की उसकी कोई योजना नहीं है. सरकार ने कहा कि जनता सिक्कों की बजाय बैंक नोटों को ज्यादा पसंद करती है. और वह भी  खासकर 10 और 20 रुपये के सिक्कों के मामलों में.

सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका को लेकर यह जवाब दिया है. यह याचिका  दृष्टिबाधित लोगों के लिए 50 रुपये के सिक्के जारी करने की मांग को लेकर दाखिल की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उन्होंने करेंसी नोटों के डिज़ाइन के कारण दृष्टिबाधित नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर एक अध्ययन किया है.

याचिका का जवाब देते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों के वज़न और आकार में समानता के कारण जनता को इनका इस्तेमाल करने में असुविधा होती है.

जवाब में कहा गया है: "50 रुपये का सिक्का जारी करने की व्यवहारिकता के संबंध में, आरबीआई ने 2022 में प्रचलन में मौजूदा सिक्कों और बैंक नोटों के उपयोग के पैटर्न का विश्लेषण करने के लिए एक सर्वेक्षण किया था. निष्कर्षों से पता चला है कि 10 रुपये और 20 रुपये के मूल्यवर्ग के सिक्कों की तुलना में बैंक नोटों को प्राथमिकता दी जा रही है."

आरबीआई ने कहा कि सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि वर्तमान में जनता 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्कों की तुलना में बैंक नोटों के उपयोग की ओर अधिक झुकाव रखती है.


साथ ही सरकार की तरफ से कहा गया है कि "50 रुपये का सिक्का जारी करने का कोई भी निर्णय दृष्टिबाधित व्यक्तियों की चिंताओं के अलावा, अर्थव्यवस्था की आवश्यकता, जनता की स्वीकृति की डिग्री आदि सहित कई कारकों पर निर्भर करेगा. वर्तमान में, विभाग द्वारा 50 रुपये का सिक्का जारी करने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है."

याचिका में यह भी कहा गया है कि 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोट दृष्टिबाधित व्यक्तियों की पहुंच के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जबकि 50 रुपये के नोट में ऐसी कोई विशेषता नहीं है.

याचिकाकर्ताओं के जवाब में, केंद्र ने कहा कि महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के नोटों में उभरी हुई छपाई के रूप में पहचान चिह्न मौजूद नहीं हैं.

जवाब में कहा गया है, "आरबीआई के अनुसार, कम मूल्यवर्ग के नोटों में इंटाग्लियो प्रिंटिंग को फिर से शुरू करना अव्यावहारिक पाया गया है, क्योंकि इस तरह की छपाई का स्पर्श प्रभाव बार-बार इस्तेमाल के कारण तेज़ी से कम हो जाता है." इसमें कहा गया है कि इन मूल्यवर्ग के नोटों में इंटाग्लियो प्रिंटिंग (एक प्रिंटमेकिंग तकनीक जिसमें चित्र बनाने के लिए खरोंचने, काटने या उकेरने की विविधता का उपयोग किया जाता है) को फिर से शुरू करने से मुद्रा उत्पादन की लागत और दक्षता पर काफी हद तक असर पड़ेगा.

केंद्र ने आगे कहा कि आरबीआई ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों को बैंक नोटों के मूल्यवर्ग की पहचान करने में सहायता के लिए 2020 में MANI (मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर) नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया था.
 

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