पंजाब में तरनतारन की धूल भरी गलियों के सिख युवकों की एक टोली इंटरनेट पर सनसनी बनकर उभरी है. रियलिटी टीवी शो में जबरदस्त स्टंट करते हुए उनके वीडियो बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं. अकेले यूट्यूब पर ही उनके वीडियो पर 80 लाख हिट हुए हैं.
11 जनवरी 2012: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे
नौ से 28 साल तक के 250 सिख युवकों के बीर खालसा समूह ने सिखों का मार्शल आर्ट कहे जाने वाले गटका को फिर से गढ़ा है. गटका में लाठी और तलवार के जरिए युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया जाता है. यह कला सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह के समय से चली आ रही है, जिसे यह टोली नई ऊंचाइयों तक ले गई है.
04 जनवरी 2012: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे
गांव के मेलों ने उन्हें स्थानीय स्तर पर प्रसिद्धि तो दिलाई लेकिन यह उनकी आमदनी का जरिया नहीं बना. 18 साल पहले बनी इस टोली ने यहां की दिनचर्या से उकताकर पारंपरिक परिधान त्याग दिया और सेना जैसी वर्दी अपना ली. लोकप्रिय टॉय (खिलौना) करेक्टर जी.आइ. जो का पंजाबी रूपांतरण चल निकला और अब टोली का पावर ऑफ खालसा वीडियो टैंगलिश के कोलावारी डी को कड़ी टक्कर दे रहा है. यह मेकओवर ऊपरी सजावट तक सीमित नहीं है. पारंपरिक गटका के विपरीत वे मौत को मात देने वाले प्रदर्शन करते हैं, जिसमें वे छलांग लगाते हुए अपने साथियों के सिर पर हजारों ट्यूबलाइट और ईंटों को तोड़ते जाते हैं. उनका एक करतब तो बहुत ही डरावना है जिसमें छह इंच की कीलों वाले पलंगों के बीच लेटे तीन लोगों पर दूसरे लोग हथौड़ा चलाते हैं.
28 दिसम्बर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे
मंडली के 31 वर्षीय नेता और मुख्य प्रशिक्षक कंवलजीत सिंह ने 1996 में पंजाब सड़क परिवहन में नौकरी के लिए जा रहे संस्थापक अमरजीत सिंह की जगह ली थी. वे कहते हैं, ''नए प्रदर्शन और लड़ाई के साजो-सामान ने इन लड़कों की युवा और सार्वजनिक छवि बनाई है.'' इसके अलावा, वे यह भी बताते हैं, ''सोच यह है कि युवाओं को नशे से दूर स्वस्थ जीवन शैली की ओर लाया जाए.'' हैदराबाद में इनाडु टीवी के टैलेंट शो में टोली ने एक प्रस्तुति दी थी, जिसका प्रसारण अक्तूबर में हुआ था. इस प्रदर्शन का सात मिनट का वीडियो चीन की वेबसाइट्स-यूकु, तुदू और साइना वीबो पर पोस्ट किया गया और चार दिन के भीतर ही उसे 64 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा.
21 दिसम्बर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे
सितंबर, 2010 में कलर्स चैनल पर इंडियाज गॉट टैलेंट कार्यक्रम में टोली को तीसरा स्थान मिला था और इसके एक साल बाद इनाडु टीवी पर उसी कार्यक्रम के रूपांतरण में पहला स्थान. बीर खालसा की सफलता ने बहुतों को गटका की तरफ आकर्षित किया है. टोली के प्रचार प्रबंधक 38 साल के हरिंदर सिंह बताते हैं, ''तरनतारन में 35 नई टोलियां बन चुकी हैं.''
14 दिसंबर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे
अब उन्हें देश भर में प्रदर्शन करने के निमंत्रण मिल रहे हैं. हाल ही में कई शहरों के दौरे से लौटी टोली अब अप्रैल में टोरंटो में होने वाले बैसाखी मेले के लिए कड़ा अभ्यास कर रही है. तो क्या यह उत्साह और हिम्मत असली हैं? कंवलजीत गर्व से बताते हैं, ''सौ फीसदी असली हैं. यह डब्ल्यूडब्ल्यूई कुश्ती की तरह नहीं है. हमारी तलवारों की धार बहुत तेज होती है जिनसे लड़के जख्मी होते रहते हैं.''