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बांग्लादेश : ढाका में F-7 क्रैश दिखाता है कि पुराने चीनी हथियार कितने खतरनाक हो सकते हैं

सस्ती लेकिन पुरानी तकनीक वाले चीनी हथियारों में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी जैसे बड़े खतरे हैं

बांग्लादेश एयरफोर्स का एफ-7 बीजीआई जेट 21 जुलाई को ढाका के मिलस्टोन स्कूल ऐंड कॉलेज पर गिर गया
अपडेटेड 30 जुलाई , 2025

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच चले 100 घंटे लंबे तनाव में कई मिलिट्री एक्सपर्ट्स ने पाकिस्तानी एयरफोर्स (पीएएफ) के पास मौजूद चीन में बने जे-10सी और जेएफ-17 फाइटर जेट्स की तारीफ की. 

कहा गया कि इन जेट्स ने भारत के राफेल और रूसी एसयू-30 जैसे विमानों के मुकाबले भी बेहतर प्रदर्शन किया. इसका असर यह हुआ कि इन जेट्स को बनाने वाली कंपनी एवीआइसी चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयर सिर्फ दो दिन में 36 फीसदी तक बढ़ गए.

लेकिन हाल ही में बांग्लादेश एयरफोर्स का एक एफ-7बीजीआइ फाइटर जेट ढाका में क्रैश हुआ. इस हादसे ने यह साफ कर दिया कि चीन अब भी सोवियत जमाने के पुराने, अविश्वसनीय और तकनीकी रूप से पिछड़े एयरक्राफ्ट विकासशील देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है. ये विमान न सुरक्षा दे पा रहे हैं, न जवाबदेही तय कर पा रहे हैं.

चीन पर नजर रखने वालों का कहना है कि यह हादसा दिखाता है कि कैसे सस्ते लेकिन पुराने चीनी हथियार सिस्टम क्वालिटी कंट्रोल की नाकामी, पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार से भरे हैं. यह सिर्फ सैनिकों की जान नहीं लेते, बल्कि जंग से बहुत दूर बैठे आम लोगों की जान पर भी बन आती है. चीन के अंदर की रिपोर्टों और जांचों में साफ हुआ है कि डिफेंस खरीद में भारी घोटाले हुए हैं, जैसे प्रमोशन के बदले पैसे लेना और मेंटेनेंस में लापरवाही. इससे डर है कि जो सिस्टम चीन एक्सपोर्ट कर रहा है, उनमें खतरनाक खामियां छिपी हो सकती हैं. चीन अपने हथियारों से जुड़ी दुर्घटनाओं की जानकारी आम तौर पर छिपा लेता है, जिससे उसके क्लाइंट देशों का भरोसा और कमजोर हो जाता है.

बांग्लादेश एयरफोर्स का एफ-7 बीजीआई जेट 21 जुलाई को ढाका के मिलस्टोन स्कूल ऐंड कॉलेज पर गिर गया. इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से ज्यादातर बच्चे थे. 170 से ज्यादा लोग घायल हुए. बताया गया कि कुरमिटोला एयरबेस से उड़ान भरते ही विमान में बड़ी तकनीकी खराबी आ गई. पाइलट ने कोशिश की कि जहाज आबादी से दूर कहीं गिरे, लेकिन वह सीधे स्कूल से टकरा गया. टक्कर के बाद आग लग गई और आसपास कहर बरपा हो गया. गंभीर रूप से जलने ट्रॉमा की वजह से कई बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा.

जानकारों का कहना है कि एफ-7बीजीआई चीन का बनाया फाइटर जेट है, जो असल में 1960 के दशक के सोवियत मिग-21 का कॉपी वर्जन है. पिछले दशक में इसे बांग्लादेश को सस्ते विकल्प के तौर पर बेचा गया. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने बनाया है. इसका डिजाइन डबल डेल्टा विंग है, इसमें मॉडर्न डिस्प्ले और एचयूडी सिस्टम लगा है. यह शॉर्ट रेंज मिसाइल और गाइडेड बम ले जा सकता है.

बांग्लादेश ने 2011 से 2013 के बीच ऐसे 16 जेट खरीदे थे. इसकी टॉप स्पीड माक 2.2 है और ये 3,000 पाउंड तक का हथियार ले जा सकता है. यह चीन की जे-7/एफ-7 सीरीज का आखिरी और सबसे एडवांस वर्जन है, लेकिन इसका मूल डिजाइन 1950 के दशक का है. चीन ने इसके हथियार और सॉफ्टवेयर सिस्टम को थोड़ा बेहतर जरूर किया है, लेकिन आज के स्टैंडर्ड के हिसाब से यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह पुराना हो चुका है. इन जेट्स को ट्रेनिंग के लिए आबादी वाले इलाकों के पास उड़ाना खतरे से खाली नहीं है.

यह हादसा कोई अकेला मामला नहीं है. जून 2025 में म्यांमार एयरफोर्स का एक जे-7 जेट पाले टाउनशिप में क्रैश हुआ. कहा गया कि तकनीकी खराबी या दुश्मन की किसी कार्रवाई की आशंका थी. 2022 में एक जे-7 चीन के हुबेई प्रांत के जियांगयांग में एक बिल्डिंग पर गिरा. पाइलट ने वक्त रहते इजेक्ट किया और बच गया. 10 जून को चीन की एयरफोर्स का एक और जे-7 ट्रेनिंग मिशन के दौरान घरों पर गिरा, जिसमें एक शख्स की जान गई और दो लोग घायल हुए.

एफ-7 फाइटर जेट से जुड़े खतरे सिर्फ चीन तक सीमित नहीं हैं. पाकिस्तान एयरफोर्स का एक एफ-7पीजी जेट 2020 में ट्रेनिंग के दौरान क्रैश हुआ था. उसमें पाइलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहम्मद असीम नवाज की मौत हो गई थी. बांग्लादेश में 2018 में एक एफ-7बीजी क्रैश हुआ था, जिसमें पाइलट आरिफ अहमद दीपु मारे गए. 2015 में एक एफ-7एमबी बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया और पाइलट आज तक नहीं मिला.

दुनिया के कई देश चीनी फाइटर जेट चला रहे हैं. यह चीन के ग्लोबल मिलिट्री एविएशन मार्केट में बढ़ते दबदबे को दिखाता है. पाकिस्तान के पास जे-10सी और जेएफ-17 जैसे कई जेट हैं. जेएफ-17 चीन और पाकिस्तान का मिलाजुला प्रोजेक्ट है. पाकिस्तान ने ऐसे 150 से ज्यादा विमान खरीदे हैं और 20 जे-10सी भी लिए हैं.

बांग्लादेश के पास 36 जे-7, 8 पुराने जे-6 और कुछ जेएल-8 ट्रेनिंग जेट्स हैं. जाम्बिया ने भी 6 जेएल-10 और 10 जे-6 विमान खरीदे हैं. सूडान के पास क्यू-5, जे-6 और जे-7 जैसे चीनी जेट हैं. उत्तर कोरिया के पास भी जे-6, जे-7 और एफ-5 जैसे पुराने चीनी और सोवियत जमाने के विमान हैं. थाइलैंड ने हाल ही में चीन के साथ जॉइंट मिलिट्री ड्रिल में हिस्सा लिया है. म्यांमार भी जे-7 जेट चलाता है. वहां जून 2025 में एक जेट क्रैश हुआ था.

सैन्य विमानन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह हादसा दिखाता है कि कैसे विकासशील देश जब अपेक्षाकृत कम पैसे में हथियार खरीदना चाहते हैं, तो उनके सामने दो ही ऑप्शन होते हैं- या तो सस्ते विकल्प लें, या सुरक्षित. अक्सर वे सस्ता विकल्प चुनते हैं, जिसका अंजाम जानलेवा हो सकता है. चीन की डिफेंस इंडस्ट्री पर यह भी आरोप है कि वह तकनीकी खामियों और दुर्घटनाओं की जानकारी छिपाती है, जिससे किसी भी खरीदार को असली खतरा पता नहीं चलता.

बांग्लादेश में हादसे के बाद दुख अब गुस्से में बदल गया है. लोग डिफेंस सप्लायर से जवाब मांग रहे हैं. मांग हो रही है कि आबादी वाले इलाकों में मिलिट्री उड़ानों पर रोक लगे. सरकार ने जांच का भरोसा दिया है और कहा है कि वह अपनी खरीद नीति की समीक्षा करेगी.

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