निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना से दूरी बनाए रखी है इसकी सबसे बड़ी वजह इसके अंतर्गत किसी बीमारी के लिए मिलने वाला खर्च है. अस्पतालों का कहना था किसी बीमारी के लिए तय किया गया टैरिफ रेट वाजिब नहीं है और इसलिए वे इस योजना में तहत किसी मरीज का इलाज करने में असमर्थ हैं. सरकार जल्द हीआयुष्मान योजना के तहत करीब 200 बीमारियों के खर्च में बढ़ोतरी करने जा रही है, यह बढ़ोतरी 10 फीसदी तक होगी.
आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदु भूषण के मुताबिक ''करीब 259 बीमारियों के खर्च में बदलाव होगा. इसमें से 200 बीमारियों के खर्च को बढ़ाया जाएगा, जबकि 59 बीमारियों का खर्च पहले से कम होगा.'' नए टैरिफ की घोषणा इसी हफ्ते की जा सकती है. गौरतलब है कि 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना को एक साल पूरा हुआ है.
खर्च की सीमा में बढ़ोतरी या कमी करने में सरकार ने इस बार नई तरकीब अपनाई है. इलाज खर्च में बदलाव किसी बीमारी के हिसाब से न करके मरीज को दी जाने वाली दवा के आधार किया गया है. यानी शरीर के एक अंग में कई तरह की बीमारियां हो सकती है, लेकिन हर बीमारी में एक सा खर्च आए यह जरूरी नहीं.
क्या बीमारी है इसका सबसे सटीक पता इस तरह ही चल सकता है कि डॉक्टर ने मरीज को क्या दवा दी है. इससे यह स्पष्ट हो पाएगा कि दरअसल इलाज में कितना पैसा लगना तर्कसंगत है.
भूषण का कहना है, ''बीते एक साल में कई तरह के केस सामने आए. कुछ बीमारियों में इलाज का खर्च कम लगा तो उनको बढ़ाया गया. लेकिन जहां खर्च तर्कसंगत नहीं थे उन्हें कम भी किया गया है. कुछ स्थितियों में पैकेज में डुप्लीकेसी थी. नए बदलावों में इन सभी चीजों का ध्यान रखा गया है.'' सरकार ने हर बीमारी के लिए इलाज का खर्च उचित रखा है, बाकी हर अस्पताल के अपने तौर तरीके होने पर इसमें बदलाव हो सकता है. आपको बता दें कि अब तक आयुष्मान के अंतर्गत करीब 18,000 अस्पताल ही शामिल हैं. इनमें सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पताल शामिल हैं.
सरकार की ओर से इलाज खर्च के टैरिफ में बदलाव के बाद क्या अस्पताल इस स्कीम के दायरे में खुद को लाएंगे या दूरी बनाए रखेंगे यह नए टैरिफ के आने के बाद ही पता चलेगा.
ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ना और सरकारी अस्पतालों का इंफ्रास्ट्रक्चर सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है. फर्जीवाडे की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने 97 अस्पतालों को लिस्ट से बाहर किया है और कुछ पर 1 करोड़ रुपए तक की पेनल्टी भी लगाई है.
अब तक आयुष्मान भारत के अंतर्गत 10 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को जोड़ लिया गया है. सरकार का लक्ष्य 10 करोड़ गरीब परिवारों के करीब 50 करोड़ सदस्यों को जोड़ने का है.
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