राजपरिवारों के वे सदस्य जो इस बार बीजेपी की टिकट पर लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव

एक जमाने में जहां चुनाव लड़ने के लिए राजपरिवारों की स्वाभाविक पसंद कांग्रेस पार्टी होती थी, अब इन राजपरिवारों की पहली पसंद भाजपा बन गई है. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अब तक जिन टिकटों की घोषणा हुई है, उनमें से कई ऐसी सीटें हैं जहां से भाजपा ने किसी न किसी राजपरिवार के व्यक्ति को टिकट दिया है. इनमें से कुछ राजपरिवार तो ऐसे हैं, जिनका कोई न कोई सदस्य भाजपा की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहा है.
2024 के लोकसभा चुनावों में अपने दम पर 370 सीटों का आंकड़ा पार करने के मंसूबों के साथ चुनाव लड़ रही भाजपा ने पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों में पुराने राजपरिवारों के लोगों को टिकट दिए हैं. इनमें से कई परिवार ऐसे हैं जो पहले कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं.

वाडियार राजपरिवार का संबंध कर्नाटक के मैसूर से है. यहां से भाजपा ने यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वडियार को टिकट दिया है. वे पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उनके दादा श्रीकांतदत्त नरसिंहराज वडियार चार बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे हैं. 2004 में वे भाजपा के सीएच विजयशंकर से चुनाव हार गए थे. इसके बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया.
13 दिसंबर, 2023 को जिन विजय सिम्हा के पास पर कुछ लोग संसद की सुरक्षा को धता बताते हुए संसद भवन के अंदर घुस गए थे, वही विजय सिम्हा 2014 और 2019 में मैसूर से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे. इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर मैसूर राजपरिवार के यदुवीर वाडियार को टिकट दिया है.

इसी तरह से पश्चिम बंगाल में भाजपा ने कृष्णानगर लोकसभा सीट से स्थानीय राजपरिवार की राजमाता अमृता रॉय को उम्मीदवार बनाया है. यहां उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस की मौजूदा सांसद महुआ मोइत्रा से हो रहा है. अमृता रॉय के करीबी लोगों का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें खुद फोन किया था.

ओडिशा में कालाहांडी सीट से स्थानीय राजपरिवार की मालविका केशरी देव को भाजपा ने लोकसभा उम्मीदवार बनाया है. उनके पति अरका केशरी देव पहले ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे हैं. पिछले साल ही दोनों भाजपा में शामिल हुए और इस बार इस राजपरिवार से मालविका केशरी देव लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.

इसी तरह की कहानी पंजाब के पटियाला लोकसभा सीट की है. पटियाला राजघराने के कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और वे पंजाब के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. उनकी पत्नी परनीत कौर न सिर्फ कांग्रेस की टिकट पर सांसद रही हैं बल्कि केंद्र में मंत्री भी रही हैं. 2009 से 2014 के बीच मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वे विदेश राज्य मंत्री थीं. इस बार वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. उनके पति कैप्टर अमरिंदर सिंह 2022 में ही भाजपा में शामिल हो गए थे. 2019 में पटियाला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाली परनीत कौर उस समय भाजपा में शामिल नहीं हो सकीं. क्योंकि ऐसा करने पर उनकी संसद सदस्यता जा सकती थी. औपचारिक तौर पर वे मार्च, 2024 में भाजपा में शामिल हुईं और इस बार बतौर भाजपा उम्मीदवार वे चुनावी मैदान में हैं.

इसी तरह से मध्य प्रदेश की गुना सीट पर सिंधिया राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. पिछला चुनाव वे कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे और हार गए थे. 2020 में भाजपा में आने के बाद उन्हें राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री बनाया गया.

राजस्थान के राजसमंद लोकसभा सीट से भाजपा ने महिमा विश्वेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया है. मेवाड़ के राजघराने से उनका संबंध है. उनके पति विश्वराज सिंह मेवाड़ महाराण प्रताप के वंश से हैं. भाजपा ने विश्वराज सिंह मेवाड़ को 2023 में नाथद्वारा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी को चुनाव हराने में कामयाबी हासिल की और अब उनकी पत्नी भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं.

त्रिपुरा के माणिक्य राजपरिवार की कीर्ति सिंह देवबर्मन को भाजपा ने त्रिपुरा पूर्व से लोकसभा उम्मीदवार बनाया है. हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हुए तिपरा मोथा पार्टी के नेता प्रद्योत देवबर्मन की बड़ी बहन कीर्ति सिंह देवबर्मन को टिकट देकर भाजपा ने इस राज्य के प्रमुख राजपरिवार को अपने साथ जोड़ने की पहल की है.
