बाढ़ ने 24 घंटे में कैसे बदल दिया सिक्किम का भूगोल, देखें तस्वीरें

सिक्किम में बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में आई बाढ़ से काफी तबाही मची है. बाढ़ की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई है. 80 से ज्यादा लोग लापता हैं, जिनमें सेना के करीब 22 जवान भी शामिल हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. लोगों को राहत शिविर कैंप में ले जाया जा रहा है. सिंगतम इलाके में अभी भी लोग मलबे में फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकाले जाने की कवायद जारी है. आसपास के 4 हजार लोगों को 5 राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है.

4 अक्टूबर की तड़के ल्होनक झील के ऊपर बादल फटा. जिसकी वजह से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट तक बढ़ गया. जलस्तर इस कदर बढ़ा कि आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई. लोग जरूरत के सामान लेकर घर छोड़ने लगे और ऊपरी इलाके, जहां बाढ़ का असर नहीं था, की ओर पहुंचने लगे.

बाढ़ की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग-10 (NH-10) का कुछ हिस्सा भी बह गया. नतीजतन इससे आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई. रेस्क्यू ऑपरेशन में इस कारण भी मुश्किलें हो रही हैं. बचाव कार्यों में जुटी टीमों को दूसरे रास्तों से बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचना पड़ रहा है.

तीस्ता नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था जो बाढ़ की चपेट में आने से बह गया. आशंका जताई जा रही है कि इसी दौरान सेना के जवान लापता हो गए. कैंप के बाहर खड़ी 41 गाड़ियां भी डूब गईं. जवानों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

बादल फटने और बाढ़ की वजह से सिक्किम का चुंगथांग हाइड्रो बांध टूट गया. तीस्ता नदी पर बने इस बांध से बिजली पैदा की जाती थी. बांध टूटने के बाद 50.8 लाख क्यूबिक मीटर पानी स्टोरेज से निकल गया जो पहाड़ी इलाकों में तबाही की वजह बन रहा है.

सिक्किम के दक्षिण में पश्चिम बंगाल की सीमाएं लगती हैं. तीस्ता नदी सिक्किम के बाद पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है और फिर बांग्लादेश की ओर जाती है. सिक्किम में आई बाढ़ ने पड़ोसी राज्य की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं. पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है.