गज़ा में तबाही के दो साल! अब कैसा दिखता है फिलस्तीन का यह इलाका?

7 अक्टूबर 2023 को हमास के नेतृत्व में इजरायल पर हमले के बाद इजरायल ने गज़ा में व्यापक सैन्य कार्रवाई शुरू की. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस दौरान गज़ा में 59000 से अधिक फिलस्तीनी मारे गए और 1,43,000 घायल हुए. गज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हज़ारों लोग भोजन सहायता प्राप्त करने की कोशिश में मारे गए जिनमें कई बच्चे शामिल थे. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने इस स्थिति को "आपदा" और "नरसंहार" तक करार दिया है. 2023 और 2025 की इस सैटेलाइट तस्वीर में तबाही साफ़ दिखाई देती है.

गज़ा की 22 लाख की आबादी में से 90 प्रतिशत यानी लगभग 19 लाख लोग विस्थापित हुए हैं. कई परिवारों को 10 बार या उससे अधिक बार विस्थापन का सामना करना पड़ा है. इजरायली सेना ने 47 से अधिक विस्थापन आदेश जारी किए जिनमें गज़ा पट्टी का 82.6 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हुआ. लोग तंबुओं और अस्थायी आश्रयों में रहने को मजबूर हैं. उत्तरी गज़ा विशेष रूप से जबालिया और गज़ा सिटी तक में स्थिति भयावह हो गई है. वहां की आबादी रोग, अकाल और हिंसा से मरने के खतरे में है.

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ गज़ा में भोजन की कमी ने अकाल के हालात ला दिए हैं. संयुक्त राष्ट्र समर्थित इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन के अनुसार इस इलाके में अकाल के दो प्रमुख लक्षण सामने हैं: भोजन की लगातार कम होती हिस्सेदारी और जबरदस्त कुपोषण. तीसरा मानदंड कुपोषण से मृत्यु अभी तक पूरी तरह सिद्ध नहीं हुआ है लेकिन भुखमरी से संबंधित मौतें बढ़ रही हैं. एक तिहाई लोग कई दिनों तक भोजन के बिना रहते हैं. गर्भवती महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हैं.

रिपोर्ट्स बता रही हैं कि गज़ा का स्वास्थ्य ढांचा पूरी तरह चरमरा गया है. 36 में से केवल आधे अस्पताल आंशिक रूप से कारगर हैं. ये अस्पताल कर्मचारियों की कमी, चिकित्सा आपूर्ति की कमी और मरीजों की भीड़ से जूझ रहे हैं. UNRWA (United Nations Relief and Works Agency) के सिर्फ 5 स्वास्थ्य केंद्र और 2 अस्थायी क्लिनिक काम कर रहे हैं. 7 अक्टूबर 2023 से 22 जून 2025 तक UNRWA ने कई लाख मरीजों को चिकित्सा सुझाव दिए हैं. दस हज़ार से ज्यादा मरीजों को विशेष उपचार के लिए गज़ा से बाहर निकालने की जरूरत है जिनमें 4000 बच्चे शामिल हैं. लेकिन इजरायल की नाकेबंदी की वजह से ये मुमकिन नहीं हो पाया है.

हाल की मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावे हैं कि गज़ा में 90 फीसदी घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके हैं. अप्रैल 2025 के UNOSAT (The United Nations Satellite Centre) विश्लेषण के अनुसार 1,74,500 इमारतें प्रभावित हुई हैं जिनमें 68 फीसदी पूरी तरह नष्ट या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हैं. अस्पताल, स्कूल, मस्जिद, और बेकरी जैसे बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए हैं. मलबे को हटाने में 22 वर्ष और 100 करोड़ डॉलर से अधिक लागत आएगी. गज़ा की अर्थव्यवस्था 2024 के पहले तिमाही में 86 फीसदी सिकुड़ गई जो रिकॉर्ड में सबसे बड़ी गिरावट है. इलाके की 100 फीसदी आबादी अब गरीबी में जी रही है.

इजरायल की नाकेबंदी ने गज़ा में सहायता वितरण को लगभग रोक दिया है. अक्टूबर 2024 में औसतन केवल 30 ट्रक प्रतिदिन गज़ा में प्रवेश कर पाए जो युद्ध-पूर्व औसत का 6 फीसदी है. विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजाना कम से कम 300 ट्रकों की जरूरत है. उत्तरी गज़ा में 5 अक्टूबर 2024 के बाद कोई सहायता नहीं पहुंची. कुछ देशों ने हवाई जहाज से सहायता गिराई लेकिन इसे अप्रभावी माना गया. फिलस्तीनी नागरिकों ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को बताया कि सहायता स्थलों पर अराजकता और हिंसा होती है.