एमएस. धोनी का जर्सी नं. '07' रिटायर, कैसे मिलता है खिलाड़ियों को जर्सी नंबर, तस्वीरों के साथ जानिए

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने महेंद्र सिंह धोनी के जर्सी नंबर '07' को रिटायर करने का ऐलान किया है. ऐसा इस पूर्व भारतीय कप्तान के सम्मान में किया गया है. इससे पहले 2017 में सचिन तेंदुलकर के जर्सी नंबर '10' को रिटायर किया गया था. यानी ये दोनों जर्सी नंबर अब किसी भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी को उपलब्ध नहीं होंगे. तो किसी नए खिलाड़ी को जर्सी नंबर कैसे मिलता है, क्या पसंदीदा जर्सी नंबर लिया जा सकता है और इस पर आईसीसी का नियम क्या है? आइए जानते हैं. साथ में हम धोनी की कुछ बेहतरीन तस्वीरें भी देखेंगे.
(फोटो : पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच के दौरान धोनी, अरुण जेटली स्टेडियम, दिल्ली, 2013)

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) नए खिलाड़ियों को मौका देता है कि वे 1 से लेकर 100 तक की संख्या के बीच कोई अपना नंबर चुन लें. लेकिन नए खिलाड़ी वो नंबर नहीं चुन सकते, जो टीम के नियमित सदस्य या फिर टीम से बाहर चल रहे लेकिन अभी भी सक्रिय खिलाड़ियों ने पहले से चुना हुआ है. अगर कोई खिलाड़ी संन्यास लेता है तो वह नंबर दूसरे खिलाड़ी के लिए उपलब्ध होता है. लेकिन अगर कोई खिलाड़ी टीम से बाहर है लेकिन वो एक्टिव प्लेयर है तो फिर वह नंबर किसी दूसरे खिलाड़ी को नहीं दिया जा सकता.
(फोटो : अभ्यास सत्र के दौरान गेंदबाजी करते धोनी, 2006)

इस साल की शुरुआत में डेब्यू कर रहे युवा खब्बू बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल जर्सी नंबर 19 के लिए काफी उत्सुक थे. राजस्थान रॉयल्स के लिए भी वे इसी जर्सी नंबर के साथ खेलते हैं. लेकिन उन्हें 19 नंबर की जर्सी नहीं मिली. कारण कि यह जर्सी दिनेश कार्तिक पहनते हैं. भले ही कार्तिक अभी टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन वे अब भी एक्टिव प्लेयर हैं. सो, जायसवाल को 64 नंबर की जर्सी मिली. ऐसे ही अंडर-19 के दिनों में शुभमन गिल 7 नंबर की जर्सी चाहते थे लेकिन वो धोनी पहनते थे. शुभमन ने फिर 77 नंबर की जर्सी चुन ली.
(फोटो : मुंबई में एक टेस्ट मैच के दौरान धोनी, 2006)

खेलों में जर्सी नंबर को रिटायर करना एक पुराना रिवाज रहा है. महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का जर्सी नंबर 10 आज भी नापोली फुटबॉल क्लब का कोई खिलाड़ी नहीं पहनता. ऐसे ही, महान बॉस्केटबॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन के जर्सी नंबर 23 को शिकागो बुल्स के खिलाड़ी सम्मान करते हुए धारण नहीं करते. माराडोना ने 1987 और 1990 में अकेले दम पर अपनी टीम को चैंपियन बनाया था. वहीं, जॉर्डन 6 बार एनबीए टाइटल्स जीतने वाली टीम का प्रमुख हिस्सा रहे थे.
(फोटो : लंबे बालों में धोनी, 05 नवंबर, 2005)

भारतीय क्रिकेट टीम में अभी 38 जर्सी नंबर खाली हैं. यदि कोई अनकैप्ड खिलाड़ी भारतीय टीम में पदार्पण करता है तो उसे इन्हीं किसी नंबर में से चुनने का विकल्प होगा. रिटायर्ड जर्सी नंबर तो किसी भी विकल्प में उपलब्ध नहीं होगा. साल 2013 में जब सचिन तेंदुल्कर ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी, तब से कोई भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी 10 नंबर की जर्सी नहीं पहन रहा था. लेकिन शार्दुल ठाकुर ने जब 2017 में सचिन के नंबर वाली जर्सी पहनी, और सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए तो बीसीसीआई ने उस जर्सी नंबर को रिटायर करने का फैसला किया. धोनी ने आखिरी बार न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में जर्सी नंबर 07 पहना था.
(फोटो : अभ्यास सत्र के दौरान धोनी, 2005)

चाहे माराडोना हों, जॉर्डन हों, सचिन तेंदुल्कर हों या फिर महेंद्र सिंह धोनी. इन सभी ने संबंधित खेल क्षेत्रों को अपने कौशल और योग्यता से एक अलग ऊंचाई पर पहुंचाया है. इन खिलाड़ियों के लिए प्रशंसकों में एक ऐसी जबर्दस्त भावना बसी हुई है, जो मानती है कि न कोई दूसरा माराडोना होगा, न कोई दूसरा सचिन होगा या न कोई दूसरा धोनी. इसलिए न कोई दूसरा जर्सी नंबर 10 होना चाहिए और न कोई दूसरा जर्सी नंबर 7. अलबत्ता नियामक संस्थानें भी इस बात को खूब समझती हैं.
(फोटो : मुंबई इंडियंस के खिलाफ एक आईपीएल मैच में धोनी, 2013)